इंदौर
प्रसंग–श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर : केवल कांग्रेस के घर मातम, पुरा देश खुशियां मना रहा है
paliwalwani- भाजपा प्रवक्ता गोविंद मालू के कांग्रेस से तीखे सवालों का सिलसिला जारी
- हम पीले चांवल बांट रहे, कांग्रेसी समाज-देश को बांट रहें है।
- सनातन से तनातनी कांग्रेस की पुरानी बीमारी, जनता करेगी इलाज
1. गर्भ गृह में विराजने के पूर्व, वंही राम लला के पुराने विग्रह के शुक्रवार तक उसी खुले टेंट वाले स्थान पर एक लाख से ज्यादा लोगों ने दर्शन किए जंहा वे वर्षों से थे। आश्चर्य है कि,
कांग्रेसियों को गर्भ गृह 3 कि.मी. दूर नजर आता है, 2010 के उच्च न्यायालय के फैसले की दुहाई देने वाले कांग्रेसी। अब २०१९ का फैसला आ गया, पूरी भूमि ट्रस्ट को देने का फैसला हो गया। अब तो पूरा अयोध्या ही गर्भगृह है। कितने कांग्रेसी गए रामलला के दर्शन करने? भ्रम मत फैलाइये।
2. देश में ही नहीं, विदेश में भी जश्न का माहौल है, किस सरकार नें जश्न मनाने का फतवा जारी किया? किस धर्माचार्य ने आदेश दिया? सब स्व-स्फूर्त है। बस, कांग्रेस ही पीछे है, वंहा तो मातम है, क्यों?
3. कांग्रेस मीडिया प्रभारी की अज्ञानी आपत्ति पीले चांवल बाटने को लेकर है, यह न्योता है 22 जनवरी 2024 को दीपावली जैसा उत्सव मनाने का। भाजपा ही नहीं, हर सनातनी भारतीय इस प्रसंग में अपने ढंग से शामिल हैं।
आप भी बांटे। लेकिन, आप तो देश-समाज को बांटते, मोहर्रम मनाते घूम रहे हैं। मंदिर भाजपा नें नहीं, ट्रस्ट ने बनवाया, हाँ सरकार जरूर हमारी है, जिसने अदालत के फैसले पर ट्रस्ट बनाया।
4. राम-काज में ट्रस्ट ने सोनिया गांधी समेत सबको बुलाया। मोदीजी भारत के प्रधानमंत्री हैं उन्हें बुलाया, यू.ए.ई. में मंदिर शुभारम्भ पर अरब ने भी बुलाया है। पी.एम. नेहरूजी को भी सोमनाथ मंदिर जीर्णोद्धार पर बुलाया था। क्यों नहीं गए?
- क्या चुनावी वोट बैंक, तुष्टिकरण के लिए आप नहीं जाते?
- हम भारत के सनातन की रक्षा के लिए जाने जाते हैं, चाहे सरकारें कुर्बान हों जाएँ।
- मोदी के कारण नहीं जाना तो बहाना है, असल में राम द्रोह के लिए आपको पहचाना जाता है।
5. राम द्रोह कांग्रेस का पुराना पाप है, संविधान की मूल प्रति में श्री राम, माता सीता, लक्ष्मणजी के साथ लंका विजय के बाद अयोध्या का चित्र है, लेकिन उसके बाद जो प्रतियां प्रकाशित हुई उनमें से इस चित्र को क्यों, कैसे, किसने गायब करवा दिया?
6. भाजपा ने 1989 में पालमपुर अधिवेशन में श्रीराम मंदिर पर संसद से कानून बनाने की मांग करते हुए, श्रीराम मंदिर निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने का निश्चय किया तब कांग्रेस ने विरोध क्यों नहीं किया कि किसी राजनैतिक दल को श्रीराम मंदिर की बात नहीं करना चाहिए ?