इंदौर
कॉलोनाइजर संजय दासोद ने पड़ोसी किसान की 10 करोड़ की जमीन हड़पी
Paliwalwani20 प्लाट काटकर प्रशासन के पास ही गिरवी भी रख दिए
इंदौर :
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शहर के एक कॉलोनाइजर ने अपनी जमीन के साथ-साथ पड़ोसी की जमीन पर भी कब्जा कर लिया और प्लाट बेच दिए। प्रभावित किसान पिछले कई माह से विभिन्न विभागों में शिकायत कर रहा है, लेकिन कॉलोनाइजर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
शिकायतकर्ता सुरेन्द्र पिता हरीसिंह सोलंकी निवासी गांधी नगर ने बताया कि मेरे स्वामित्व की कृषि भूमि ग्राम पालाखेड़ी में सर्वे नंबर 103/2/1/2 रकबा 0.253 हेक्टेयर है। कुछ समय पूर्व मुझे पता चला कि मेरी जमीन पर स्टार इंटरप्राइजेस के सागर पिता गोविंद चावला, नीरज पिता अशोक सचदेव एवं संजय पिता देवेन्द्र दासोत ने अवैध दस्तावेज बनाकर मेरी जमीन को अपने खसरे में मिलाकर नगर एवं ग्राम निवेश (टीएनसी) से साइट प्लान मंजूर करवा लिया। कॉलोनाइजरों ने मेरी जमीन पर प्लाट नंबर 90 से 109 तक दर्शा दिए।
शिकायतकर्ता श्री सोलंकी ने बताया कि विकास अनुमति की शर्त के अनुपालन में कॉलोनाइजरों ने हमारे भूखंडों को कलेक्टर कार्यालय में बंधक भी रख दिए। उन्होंने मध्यप्रदेश शासन के साथ भी धोखा किया। इस संदर्भ में अनुविभागीय अधिकारी को शिकायत करने पर पटवारी महोदय ने जांच की। जांच में पाया गया कि मेरी जमीन के एक हिस्से में पक्की सीमेंट रोड बनाकर प्लाट काट दिए गए हैं। इन्हीं प्लाटों को कलेक्टर कार्यालय में बंधक रखे जाना भी पाया गया।
श्री सोलंकी ने बताया कि उन्होंने कई मर्तबा मुख्य षड्यंत्रकारी कॉलोनाइजर संजय दासोत से चर्चा की। उन्होंने कहा कि गलती से उनकी जमीन पर प्लाट काट दिए हैं। इसलिए वो दूसरी जगह उन्हें जमीन दे देंगे। कई साल बीत गए, लेकिन दासोत ने न तो जमीन दी और न ही पैसे दिए। शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने 30 मई को कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी से पुन: मामले की सप्रमाण शिकायत करते हुए कॉलोनाइजर के खिलाफ धोखाधड़ी, कुटरचित दस्तावेज बनाने और असत्य जानकारी देने के मामले में त्वरित कार्रवाई करें।
कई शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं होती
किसान के साथ धोखाधड़ी करने वाले कॉलोनाइजर संजय दासोत पहले भी कई मामलों में किसानों के साथ धोखाधड़ी कर चुका है। दासोत वर्षों से डायरी पर ही प्लाटों का विक्रय करने के मामले में विख्यात है। दासोत ने कई कॉलोनियों को वर्षों बीत जाने के बाद भी विकसित नहीं किया है। सैकड़ों प्लाटधारक आज भी धेनु मार्केट स्थित कार्यालय पर चक्कर लगाते रहते हैं। पूर्व में भी जनसुनवाई में दासोत के विरूद्ध अनेक शिकायतें दर्ज की जा चुकी है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।