देश-विदेश

Russia-Ukraine Crisis : रूस—यूक्रेन के बीच हुआ युद्ध, तो भारत पर पड़ेगा बड़ा बुरा असर!

Paliwalwani
Russia-Ukraine Crisis : रूस—यूक्रेन के बीच हुआ युद्ध, तो भारत पर पड़ेगा बड़ा बुरा असर!
Russia-Ukraine Crisis : रूस—यूक्रेन के बीच हुआ युद्ध, तो भारत पर पड़ेगा बड़ा बुरा असर!

इन दिनों रूस और यूक्रेन के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच हुई मुलाकात का असर कुछ दिखाई नहीं दे रहा। रूस युक्रेन पर कभी भी हमला कर सकता है। खबरों की माने तो रूस शीतकालीन ओलं​पिक के बाद हमला कर सकता है। सामने आई कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार रूस ने युक्रेन की सीमा पर करीब 1 लाख से अधिक सौनिकों की तैनाती कर दी है।

भारत पर पडेगा असर!

अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो उसका भारत पर काफी असर पड़ सकता है। दरअसल, सबसे पहला और बुरा असर यूक्रेन में रहने वाले करीब 18 हजार भारतीय विद्यार्थी है। जो मेडिकल, इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते है। इन छात्रों में से सबसे ज्यादा भारतीय तेलंगाना के है। ऐसे में अगर दोनों देशों के बीच यूद्ध होता है, तो भारतीयों लिए संकट बढ़ सकता है। वही भारत और यूक्रेन के बीच होने वाले करीब 2.5 अरब डॉलर के कारोबार पर बुरा असर पड़ सकता है।

भारत—यूक्रेन के बीच व्यापार

यूक्रेन भारत से फार्मास्युटिकल उत्पाद, मशीनरी, कॉफी, चाय, तिलहन, फल, मसाले, आदि का निर्यात करता है, तो वही भारत यूक्रेन से प्लास्टिक, रसायन, सूरजमुखी तेल, अकार्बनिक रसायन आदि का आयात करता है। वहीं कई भारतीय कंपनियों का यूक्रेन में काफी बड़े कारोबार है। यूद्ध का असर इन कारोबारियों पर भी पड़ सकता है। क्योंकि भारत के अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस से अच्छे संबंध है। ऐसे में भारत के सामने चीन बड़ी चुनौती बनकर सामने आ सकता है। क्योंकि चीन ऐसे समय में रूस के पक्ष में ही खड़ा होगा। इसके अलावा चीन रूस से भारत को हथियारों की सप्लाई पर असर पैदा कर सकता है। भारत रूस से करीब 50 प्रतिशत हथियारों की खरीदी करता है।

रूस—यूक्रेन पर क्यों करेगा युद्ध?

रूस—यूक्रेन के बीच की जंग करीब 30 साल पुरानी है। बात उस समय की है, जब युक्रेन रूस का ही एक हिस्सा हुआ करता था। लेकिन 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद यूक्रेन स्वतंत्रता हो गया था। लेकिन रूस उसे अपने नक्शे में ही दर्शाना चाहता था। लेकिन 2010 में यूक्रेन की रूस से नजदीकियां बढ़ने लगी। लेकिन यूक्रेन ने संघ में शामिल होने से साफ इंकार कर दिया था। इसके बाद साल 2015 में रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा कर लिया और फ्रांस और जर्मनी के बीच का युद्ध समाप्त हो गया। लेकिन रूस ने आरोप लगाया कि युद्ध विराम समझौते का पालन ठीक से नहीं हुआ। वही रूस को यह भी आशंका थी कि कहीं यूक्रेन नॉटो का सदस्य ना बन जाए। क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो नॉटो रूस तक पहुंच जाएंगी। जोकि रूस के लिए खतरा था। तभी से रूस और यूक्रेन के बीच जंग चला आ रहा है।

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
GOOGLE
Latest News
Trending News