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कैंसर और हार्ट की बीमारियों का अंत एक ही टीके से हो जाएगा : बचेगी लाखों लोगों की जान!

Paliwalwani
कैंसर और हार्ट की बीमारियों का अंत एक ही टीके से हो जाएगा : बचेगी लाखों लोगों की जान!
कैंसर और हार्ट की बीमारियों का अंत एक ही टीके से हो जाएगा : बचेगी लाखों लोगों की जान!

लंदन :

भारत ही नहीं पूरी दुनिया में लोग कैंसर जैसे खतरनाक रोग और दिल से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अकेले साल 2022 तक कैंसर रोगियों की संख्या 14.61 लाख पर पहुंच गए हैं।

वहीं कोरोना के बाद से हार्ट अटैक से मौतों की संख्या में इजाफा हुआ है। लेकिन इस टेंशन के बीच कैंसर और हार्ट की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है। ये गुड न्यूज दी है अमेरेकी एक्सपर्ट्स ने। उन्होंने बताया कि कैंसर, हृदय रोग के लिए टीके दशक के अंत तक तैयार हो जाएंगे। विशेषज्ञों ने कहा है कि कैंसर सहित कई स्थितियों के लिए नए टीकों के एक महत्वपूर्ण सेट से लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है।

कब तक तैयार हो जाएंगे टीके : द गार्जियन की खबर के अनुसार, एक प्रमुख फार्मास्युटिकल फर्म ने कहा कि उसे विश्वास है कि कैंसर, हृदय और ऑटोइम्यून बीमारियों और अन्य स्थितियों के लिए टीके 2030 तक तैयार हो जाएंगे। इन टीकाकरणों के अध्ययन भी जबरदस्त रिजल्ट दिखा रहे हैं। फार्मास्युटिकल कंपनी मॉडर्ना के मुख्य चिकित्सा अधिकारी पॉल बर्टन ने कहा कि उनका मानना है कि फर्म सभी प्रकार के रोग क्षेत्रों के लिए कम से कम पांच साल में इस तरह के उपचार की पेशकश करने में सक्षम होगी। रिसर्चर्स ने कहा कि 15 सालों की प्रगति को 12 से 18 साल में हासिल कर लिया गया है। यह सिर्फ कोरोना वैक्सीन की वजह से हुआ है।

कौन बना रहा है टीका :  द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, अग्रणी कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने वाली फर्म कैंसर के टीके विकसित कर रही है जो विभिन्न प्रकार के ट्यूमर को टार्गेट करते हैं। बर्टन ने कहा, 'हमारे पास वह टीका होगा और यह अत्यधिक प्रभावी होगा और यह लाखों लोगों की जान बचाएगा। मुझे लगता है कि हम दुनिया भर के लोगों को कई अलग-अलग ट्यूमर प्रकारों के खिलाफ व्यक्तिगत कैंसर के टीके देने में सक्षम होंगे'

रिपोर्ट में यह बात भी : रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने यह भी कहा कि एक ही इंजेक्शन से कई श्वसन संक्रमणों को कवर किया जा सकता है (कमजोर लोगों को कोविड, फ्लू और श्वसन सिन्सिटियल वायरस (RSV) से बचाया जा सकता है) जबकि mRNA उपचार दुर्लभ बीमारियों के लिए उपलब्ध हो सकते हैं। जिनके लिए वर्तमान में कोई ड्रग्स नहीं है। एमआरएनए पर आधारित उपचार कोशिकाओं को सिखाते हैं कि प्रोटीन कैसे बनाया जाए जो बीमारी के खिलाफ शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर करता है।

साभार- नवभारत टाइम्‍स

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