स्वास्थ्य

क्या आप कोरोना वैक्‍सीन लगवाने से कतरा रहे हैं... पढ़े वैक्‍सीन के बारे में कुछ मिथक और उनकी सच्‍चाई..

Paliwalwani
क्या आप कोरोना वैक्‍सीन लगवाने से कतरा रहे हैं... पढ़े वैक्‍सीन के बारे में कुछ मिथक और उनकी सच्‍चाई..
क्या आप कोरोना वैक्‍सीन लगवाने से कतरा रहे हैं... पढ़े वैक्‍सीन के बारे में कुछ मिथक और उनकी सच्‍चाई..

नई दिल्‍ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण को मात देने के लिए टीकाकरण चल रहा है। लेकिन वैक्‍सीनेशन की रफ्तार देश में अभी कम है। यहां उन लोगों की भी बड़ी संख्‍या है, जो किसी न किसी मिथक या भ्रांति के कारण वैक्‍सीन लगवाने से कतरा रहे हैं। तो देश में इस समय वैक्‍सीन की कमी को लेकर भी परेशानी उत्‍पन्‍न हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस का अभी कोई भी कारगर इलाज नहीं है, लेकिन वैक्‍सीन के जरिये काफी हद तक इससे बचाव संभव है। इसलिए वैक्‍सीन जरूर लगवाएं।

वहीं अगर अन्‍य देशों की बात करें तो अमेरिका में 38 फीसदी वयस्‍क आबादी को टीका लगाया जा चुका है। इसके बाद वहां फेस मास्‍क लगाने की अन‍िवार्यता भी खत्‍म कर दी गई है। ब्रिटेन में भी 75 फीसदी वयस्‍क आबादी को वैक्‍सीन का कम से कम एक डोज लग चुका है। इजरायल ने भी 60 फीसदी एडल्‍ट आबादी को टीका लगा दिया है। इसके बाद इन देशों में हालात काफी हद तक पहले की तरह होने लगे हैं। मगर भारत में कई ऐसे मिथक और भ्रांतियां हैं, जिनके कारण लोग वैक्‍सीन लगवाने से कतरा रहे हैं। 

प्रश्न : बेहद कम समय में वैक्‍सीन बनकर तैयार हुई है। ऐसे में यह सुरक्षित नहीं है?

यह बात सच है कि कोरोना वायरस की वैक्‍सीन बेहद कम समय में बनकर तैयार हुई है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह सुरक्षित नहीं है। दरअसल वैक्‍सीन को मंजूरी देने के लिए सख्‍त नियमों और गाइडलाइंस का पालन किया गया है। वैज्ञानिकों ने इसके प्रभावीकरण को सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे काम किया है। इन वैक्‍सीन को प्रयोगशाला में जांचा गया है। इसके बाद लोगों पर इसके ट्रायल हुए हैं। इसलिए यह वैक्‍सीन सुरक्षित हैं।

प्रश्न : वैक्‍सीन लगवाने के बाद इसके साइड इफेक्‍ट्स भी दिखते हैं?

वैक्‍सीन के साइड इफेक्‍ट की बात भी गलत है। इसे लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है। देश में एडवर्स इवेंट सिर्फ 0।013 फीसदी ही सामने आए हैं। मतलब दस लाख लोगों में सिर्फ 130 लोगों में ही इसके कुछ साइड इफेक्‍ट देखने को मिले हैं। वैक्‍सीन लगवाने वाली जगह पर दर्द, सूजन और बुखार इसके आम साइड इफेक्‍ट हैं। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। यह 1 या दो दिन में ठीक हो जाते हैं।

प्रश्न : वैक्‍सीन के बाद पी शराब तो कम हो जाती है इम्‍युनिटी पावर?

वैक्‍सीन लगवाने के बाद शराब पीने से इम्‍युनिटी पावर कम होने की बात गलत है। दरअसल अधिक शराब पीने से लिवर और हृदय संबंधी रोग होते हैं। इसलिए डॉक्‍टर इससे बचने की सलाह देते हैं। अधिक शराब पीने वालों के शरीर में सामान्‍य तौर पर इम्‍युनिटी कम हो सकती है। लेकिन इसका वैक्‍सीन से कोई लेनादेना नहीं है।

प्रश्न : जिन महिलाओं के पीरियड चल रहे हैं, उनमें वैक्‍सीन इम्‍युनिटी कम कर देती है?

यह बात भी बिलकुल गलत है। महिलाओं के पीरियड और वैक्‍सीन के प्रभावीकरण का कोई संबंध नहीं है। गर्भवती महिलाओं को भी वैक्‍सीन लग रही है।

प्रश्न : कोरोना संक्रमित होने के बाद वैक्‍सीन लगवाने की जरूरत नहीं है?

जिन लोगों को कोरोना संक्रमण हो चुका होता है। उनमें एंटीबॉडी बन गई होती हैं। लेकिन यह कितने समय तक रहेंगी यह नहीं पता होता। वैक्‍सीन भी एंटीबॉडी बनाने का काम करती है। ऐसे में केंद्र सरकार ने कहा है कि जिन लोगों को कोरोना संक्रमण हो चुका है, वो उसके ठीक होने के तीन महीने बाद वैक्‍सीन लगवा सकते हैं।

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