दिल्ली

केंद्र पर निशाना : सभी राज्यों पर हमला है 'एक देश-एक चुनाव’ : राहुल गांधी

Paliwalwani
केंद्र पर निशाना : सभी राज्यों पर हमला है 'एक देश-एक चुनाव’ : राहुल गांधी
केंद्र पर निशाना : सभी राज्यों पर हमला है 'एक देश-एक चुनाव’ : राहुल गांधी

नई दिल्ली :

  • राहुल गांधी ने कहा, ‘इंडिया, यानी भारत, राज्यों का एक संघ है। ‘एक देश, एक चुनाव’ का विचार संघीय देश और इसके सभी राज्यों पर हमला है। एक देश-एक चुनाव को लेकर केंद्र सरकार कदम बढ़ा चुकी है। वहीं, विपक्ष इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर हमलावर है। रविवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि एक देश-एक चुनाव का विचार भारतीय संघ और इसके सभी राज्यों पर हमला है।

केंद्र ने बनाई 8 सदस्यीय समिति

केंद्र सरकार ने शनिवार को 8 सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह जांच करेगा कि क्या लोकसभा चुनाव के साथ राज्यों के विधानसभा का चुनाव हो सकता है। समिति में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह, विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आजाद, पूर्व वित्त आयोग अध्यक्ष एनके सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष सी कश्यप, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे, पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल हैं।

राहुल गांधी का पहला रिएक्शन

वन नेशन वन इलेक्शन पर रिएक्शन देते हुए राहुल गांधी ने पोस्ट किया, 'इंडिया अर्थात भारत, राज्यों का एक संघ है. 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का विचार संघ और उसके सभी राज्यों पर हमला है.'

अधीर रंजन चौधरी की गृहमंत्री को चिट्ठी

वहीं, अधीर रंजन चौधरी ने गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है. लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अमित शाह को लिखी चिट्ठी में जिक्र किया है कि राज्यसभा में मौजूद नेता विपक्ष को इस कमेटी से बाहर रखा गया है. ये संसदीय लोकतंत्र की प्रणाली का जानबूझकर किया गया अपमान है. इन परिस्थितियों में मेरे पास आपके निमंत्रण को अस्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

अधीर रंजन चौधरी ने पैनल में काम करने से इनकार

हालांकि, अधीर रंजन चौधरी ने पैनल में काम करने से इनकार कर दिया, उन्होंने कहा कि एक देश-एक चुनाव का विचार एक धोखा है। उन्होंने गृह मंत्री शाह को चिट्ठी लिखकर समिति में काम करने से इंकार कर दिया है।

1967 तक एक साथ हुए चुनाव

1967 तक राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के लिए एक साथ चुनाव होते रहे। हालांकि, 1968 और 1969 में कुछ विधानसभाओं को समय से पहले भंग कर दिया गया और उसके बाद 1970 में लोकसभा को भंग कर दिया गया। इससे देश और राज्यों के लिए चुनावी कार्यक्रम में बदलाव करना पड़ा।

फोटो सोशल मीडिया

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