दिल्ली

मध्यप्रदेश में पंचायत एवं निकाय चुनाव : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश : एक हफ्ते के भीतर अधिसूचना जारी होगी, चुनाव कब...?

sunil paliwal-Anil paliwal
मध्यप्रदेश में पंचायत एवं निकाय चुनाव : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश : एक हफ्ते के भीतर अधिसूचना जारी होगी, चुनाव कब...?
मध्यप्रदेश में पंचायत एवं निकाय चुनाव : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश : एक हफ्ते के भीतर अधिसूचना जारी होगी, चुनाव कब...?

MP में OBC आरक्षण के साथ होंगे पंचायत चुनाव : सुप्रीम कोर्ट का फैसला, जानिए- कितना रिजर्वेशन देने को कहा, चुनाव कब...?

नई दिल्ली : मध्यप्रदेश में पंचायत एवं निकाय चुनाव (Panchayat and civic elections in Madhya Pradesh) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने एक बड़ा आदेश देते हुए कहा कि चुनाव ओबीसी आरक्षण के आधार पर होंगे और उसके लिए एक हफ्ते के भीतर अधिसूचना जारी करना होगी। हालांकि आरक्षण का आंकड़ा 50 प्रतिशत से ऊपर नहीं होना चाहिए।

एप्लिकेशन फॉर मॉडिफिकेशन पर सुप्रीम कोर्ट में 17 मई 2022 को भी सुनवाई हुई। सरकार ने OBC को आरक्षण देने के लिए 2011 की जनसंख्या के आंकड़े प्रस्तुत किए थे। इसके अनुसार प्रदेश में OBC की 51% आबादी बताई गई। सरकार का मानना था कि इस आधार पर OBC को आरक्षण मिलता है तो उसके साथ न्याय हो सकेगा। वहीं, दूसरे पक्ष की ओर से कहा गया था कि सरकार की ओर से कोई लापरवाही होती है तो भी OBC को उसका संवैधानिक अधिकार (आरक्षण) मिलना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपनी जीत बताई

मध्यप्रदेश में निकाय एवं पंचायत चुनाव को लेकर एक बार फिर नई सरगर्मी पैदा हो गई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 10 मई को अपने निर्णय में कहा था कि मध्यप्रदेश में नगर निकाय और पंचायत चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराए जाएं। इस निर्णय को लेकर राज्य सरकार ने संशोधन याचिका दायर की थी और ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने का आग्रह किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर करते हुए आज अपना नया आदेश जारी किया, जिसमें चुनाव ओबीसी आरक्षण के आधार पर कराए जा सकते हैं, लेकिन कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक न हो। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि एक हफ्ते के भीतर अधिसूचना जारी की जाए और सुप्रीम कोर्ट ने 2022 के परिसिमन को भी मंजूरी दे दी।  \सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपनी जीत बताई। कांग्रेस सांसद विवेक तनखा ने कहा कि यह भाजपा की सरकार की नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट की जीत है, जबकि कांग्रेस ने कहा कि यह सरकारों के प्रयास से संभव हो पाया। कांग्रेस ने तो आरक्षण को लेकर कई अड़चने डाली और इसी कारण इस फैसले में विलंब हुआ है, उधर प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्रसिंह ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के पिछड़े वर्ग के लिए किए गए प्रयासों की बड़ी उपलब्धि बताया।

बारिश के कारण नहीं टलेंगे चुनाव

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिए हैं कि बिना समय गंवाए चुनाव कराएं जाएं। आगामी मानसून (बारिश) के कारण चुनाव नहीं टलेंगे। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को महाराष्ट्र राज्य के मामले में जारी आदेश का पालन करने के निर्देश दिए हैं। इसके अंतर्गत जहां ज्यादा बारिश होती है वहां, मानसून के बाद ही चुनाव कराए जाएं, लेकिन जहां बारिश कम होती है वहां चुनाव कराए जाएं। इन क्षेत्रों में चुनाव कराने से पहले मौसम विभाग से राय लेनी जरूरी होगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को छूट दी है कि वह जारी किए गए शेड्यूल में बदलाव कर सकता है।

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