दिल्ली

लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

Paliwalwani
लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

नई दिल्ली :

संसद के बजट सत्र का आज अंतिम दिन था। संसद के बजट सत्र दोनों चरणों के तहत लोकसभा और राज्यसभा आज 6 अप्रैल 2023 को अपनी अंतिम दिन की कार्यवाही के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई. इस दौरान लोकसभा और राज्यसभा में कुछ रोचक तथ्य सामने आए हैं.

यह जानकार आश्चर्य होगा कि, दो चरणों में होने वाले बजट सत्र के तहत लोक सभा में जहां सिर्फ 34.85 प्रतिशत ही कामकाज हो पाया वहीं उच्च सदन राज्य सभा में तो हालात इससे भी बुरे रहे. बजट सत्र में राज्य सभा की उत्पादकता सिर्फ 24.4 प्रतिशत ही रही. राज्य सभा में हंगामे के कारण 103 घंटे और 30 मिनट का समय बर्बाद हुआ. 

वही सत्रहवीं लोक सभा के ग्यारहवें सत्र या बजट सत्र के दौरान, सदन की 25 बैठकें हुईं जो लगभग 45 घंटे 55 मिनट तक चलीं. संसद के बजट सत्र की शुरूआत 31 जनवरी 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में दिए गए अभिभाषण से शुरू हुई थी. बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी 2023 तक चला था. एक महीने के अवकाश के बाद बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च 2023 को शुरू हुआ. जिसका समापन आज 6 अप्रैल 2023 को हो गया. संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही को गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.

सत्र के दौरान, लोक सभा में वित्त विधेयक 2023 सहित कुल 6 विधेयक पारित हुए वहीं राज्य सभा ने भी वित्त विधेयक, 2023 सहित कुल 6 विधेयकों को पारित किया गया या लौटाया गया. संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किए गए या लौटाए गए विधेयकों की कुल संख्या भी 6 ही है. सत्र के दौरान, लोक सभा में कुल 8 विधेयक को पुर्नस्थापित किया गया.

पूरे बजट सत्र में कुल 25 बैठकें हुई

बजट सत्र के पहले चरण में लोक सभा और राज्य सभा की कुल 10 बैठक हुई. बजट सत्र के दूसरे चरण में दोनों सदनों की 15 बैठकें हुई. पूरे बजट सत्र में कुल मिलाकर 25 बैठकें हुई.

वर्ष 2023-.24 के केंद्रीय बजट पर दोनों सदनों में सत्र के पहले चरण में सामान्य चर्चा हुई. बजट पर लोक सभा में 14 घंटे 45 मिनट की सामान्य चर्चा हुई. जिसमें 145 सांसदों ने हिस्सा लिया. राज्य सभा में इसके लिए आवंटित 12 घंटे के स्थान पर सिर्फ 2 घंटे 21 मिनट ही चर्चा हो पाई. जिसमें सिर्फ 12 सांसद ही शामिल हो पाए. हंगामे और नारेबाजी के बीच ही संसद के सदनों में संपूर्ण वित्तीय कार्य 31 मार्च 2023 से पहले पूरा कर लिया गया था.

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