Saturday, 22 November 2025

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दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे का उद्घाटन 12 फरवरी को : दिल्ली से जयपुर अब सिर्फ 2 घंटे में : टोल से मिलेगी मुक्ति

Paliwalwani
दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे का उद्घाटन 12 फरवरी को : दिल्ली से जयपुर अब सिर्फ 2 घंटे में : टोल से मिलेगी मुक्ति
दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे का उद्घाटन 12 फरवरी को : दिल्ली से जयपुर अब सिर्फ 2 घंटे में : टोल से मिलेगी मुक्ति

दिल्ली :

देश की राजधानी दिल्ली से कमर्शियल कैपिटल मुंबई के बीच बन रहे हाईटेक एक्सप्रेस वे (Delhi-Mumbai Expressway) से दोनों शहरों के बीच रोड ट्रांसपोर्ट और आसान होने वाला है. 12 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के पहले फेज का उद्घाटन करेंगे. एक्सप्रेस वे का यह पहला फेज हरियाणा के सोहना से राजस्थान के दौसा को जोड़ेगा. खास बात है कि इसकी शुरुआत से दिल्ली से जयपुर का 228 किलोमीटर का सफर सिर्फ 2 घंटे में तय हो जाएगा.

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 1355 किलोमीटर है और यह दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्रे से होकर गुजरेगा. एमपी और राजस्थान में इस एक्सप्रेस वे का काम करीब पूरा हो गया है. अब 12 फरवरी को इसके उद्घाटन के साथ दिल्ली से जयपुर और दौसा के बीच वाहनों का आना-जाना शुरू हो जाएगा.

टोल से मिलेगी मुक्ति

दिल्ली और मुम्बई एक्सप्रेस वे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस पूरे एक्सप्रेस वे पर कहीं भी टोल गेट नहीं लगे हैं. यानी सफर के दौरान यात्रियों को बार-बार टोल के लिए रुकना नहीं पड़ेगा. हाइवे पर चढ़ने और उतरने की जगह पर इंटरचेंज टोल लगाए गए हैं. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर यात्रा शुल्क किलोमीटर की संख्या के आधार पर लिया जाएगा. प्रत्येक 50 किलोमीटर पर एंट्री और एग्जिट के लिए गेट हैं जहां टोल ऑटोमैटिकल कट जाएगा.

35 पैसे प्रति किमी होगा शुल्क

जैसे ही आप एक्सप्रेसवे में एंट्री लेंगे तो वहां लगी मशीनें प्रवेश के समय और स्थान को रिकॉर्ड कर लेंगी. इसके बाद जब आप एक्सप्रेस वे से उतरेंगे , तो मशीन स्वचालित रूप से आपके फास्टटैग अकाउंट से पैसे काट लेगी.

एनएचएआई के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि केवल 35 पैसे प्रति किलोमीटर का शुल्क लिया जाएगा, जो कि एनबीटी ने टोल दर के रूप में निर्धारित किया है. सोहना और दौसा के बीच की यात्रा की दूरी 200 किलोमीटर है, इसका मतलब है कि आप जो टोल टैक्स चुकाएंगे वह सिर्फ 70 रुपये है.

दिल्ली और जयपुर के बीच रूट पर पांच इंटरचेंज होंगे और यह हाईवे 8 लेन का होगा. इसे 12 लेन चौड़ा बनाया जा सकता है. एक्सप्रेसवे की हाई स्पीड लिमिट 120 किलोमीटर प्रति घंटा है. दिल्ली और दौसा के बीच 8 एंट्री और एग्जिट होंगे, पहला प्रवेश और निकास द्वार अलीपुर में होगा, इसके बाद अन्य 7 एंट्री-एग्जिट प्वाइंट अलीपुर से 10 किमी., 20 किमी. , 34 किमी., 67 किमी., 102 किमी., 121 किमी. और 181 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होंगे.

3 रेल परियोजनाओं की भी सौगात दे सकते हैं, PM

12 फरवरी 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली-दौसा एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करने के साथ ही प्रदेश को तीन रेल परियोजनाओं की सौगात भी दे सकते हैं। पीएम मोदी इस दौरान जयपुर जंक्शन और गांधीनगर रेलवे स्टेशन के री-डवलपमेंट कार्य का वर्चुअली शिलान्यास कर सकते हैं। दोनों स्टेशन करीब 800 करोड़ रुपये की लागत से भोपाल के कमलापति स्टेशन की तर्ज पर विकसित किए जाएंगे। जोधपुर मंडल के जोधपुर-लूणी-मारवाड़ ट्रैक के विद्युतीकरण का भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उद्घाटन करवाया जा सकता है।

भारतमाला परियोजना के पहले फेज का हिस्सा है यह रूट

सोहना हरियाणा ज़िले में है और दौसा राजस्थान में है। सोहना-दौसा खंड नई दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का पहला फेज है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे होगा। जो करीब 1390 किलोमीटर लंबा रहेगा। यह एक्सप्रेस वे दिल्ली और मुंबई के बीच की यात्रा के समय को भी 24 घंटे से घटाकर 12 घंटे कर देगा। यह मार्च 2023 तक पूरा होने की संभावना है। इसे ‘भारतमाला प्रोजेक्ट’ के पहले फेज के हिस्से के तौर पर बनाया जा रहा है।

8 लेन का एक्सप्रेस वे, 12 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा

दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे अभी आठ लेन का है, इसे 12 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। यह एक्सप्रेस वे पांच राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात से गुजरेगा। इससे आगामी दिनों में कई राज्यों की दूरी कम होगी। एक्सप्रेस वे बनकर शुरू होने के बाद राजस्थान की राजधानी जयपुर से दिल्ली और जयपुर से मुम्बई आने-जाने वालों को बहुत बड़ा फायदा मिलेगा। इससे समय की भी बचत होगी और वाहनों का फ्यूल भी बचेगा।

एक लाख करोड़ रुपये लागत आएगी

दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे के निर्माण पर करीब एक लाख करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इसके निर्माण में 12 लाख टन स्टील का इस्तेमाल हो रहा है, जो 50 हावड़ा ब्रिज के बराबर है। इसमें 35 करोड़ क्यूबिक मीटर मिट्टी और 80 लाख टन सीमेंट का इस्तेमाल किया जाएगा। हाइवे पर हर 500 मीटर पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा होगा। एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ 40 लाख पेड़ लगाए जाने की भी स्कीम तैयार की गई है।

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