Friday, 21 November 2025

दिल्ली

Supreme Court ने ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट 2021 के प्रमुख प्रावधानों को असंवैधानिक घोषित कर दिया

paliwalwani
Supreme Court ने ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट 2021 के प्रमुख प्रावधानों को असंवैधानिक घोषित कर दिया
Supreme Court ने ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट 2021 के प्रमुख प्रावधानों को असंवैधानिक घोषित कर दिया

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट 2021 के प्रमुख प्रावधानों को (Key Provisions of the Tribunals Reforms Act 2021) असंवैधानिक घोषित कर दिया (Declared Unconstitutional) । ये प्रावधान विभिन्न अधिकरणों के सदस्यों की नियुक्ति, सेवा की शर्तों और कार्यकाल से जुड़े थे।

कोर्ट ने केंद्र सरकार पर नाराजगी जताते हुए कहा

चीफ जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने बुधवार को कहा कि ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट 2021 शक्तियों के पृथक्करण और न्यायपालिका की स्वतंत्रता के सिद्धांतों का घोर उल्लंघन करता है। कोर्ट ने केंद्र सरकार पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पहले रद्द किए गए प्रावधानों को मामूली बदलाव के साथ दोबारा लागू करना न्यायिक फैसलों का अपमान है।

फैसले में सीजेआई गवई ने लिखा, “बिना दोष सुधार किए बाध्यकारी फैसलों को नजरअंदाज किया गया। इससे ट्रिब्यूनल्स में नियुक्तियां और कार्यकाल प्रभावित होते हैं, जो संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध है।” कोर्ट ने असंतोष जताया कि कानून बनाते समय मद्रास बार एसोसिएशन (एमबीए) मामले सहित सुप्रीम कोर्ट के सुझावों को अनदेखा किया गया।

पूरे मामले का बैकग्राउंड 2020 से जुड़ा है। नवंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल पांच साल तय किया था। लेकिन केंद्र ने 2021 में अध्यादेश जारी कर इसे चार साल कर दिया। जुलाई 2021 में कोर्ट ने इस अध्यादेश को रद्द कर दिया। इसके बावजूद अगस्त 2021 में संसद ने ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स बिल पास किया, जिसमें समान प्रावधान दोबारा जोड़े गए। यह कानून फिल्म सर्टिफिकेशन अपीलेट ट्रिब्यूनल जैसे कई निकायों को समाप्त करता है और नियुक्तियों में न्यूनतम आयु 50 वर्ष तथा चार साल का कार्यकाल तय करता है।

कोर्ट ने अंतरिम आदेश दिया कि जब तक संसद नया कानून नहीं बनाती, एमबीए-4 और एमबीए-5 मामलों के दिशा-निर्देशों के अनुसार ट्रिब्यूनल्स में नियुक्तियां होंगी। इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (आईटीएटी) जैसे महत्वपूर्ण ट्रिब्यूनल्स में पूर्व-2021 कानून लागू रहेंगे। कोर्ट ने केंद्र को तीन महीने में नेशनल ट्रिब्यूनल कमीशन गठित करने का निर्देश दिया, जो नियुक्तियों, प्रशासन और कार्यप्रणाली की स्वतंत्र निगरानी करेगा।

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News