दिल्ली
ऑपरेशन सिंदूर महज एक ट्रेलर था पूरी फिल्म अभी बाकी है : सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी
paliwalwani
नई दिल्ली. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर महज एक ट्रेलर था (Operation Sindoor was just a Trailer) पूरी फिल्म अभी बाकी है (Full Movie is yet to come)।
भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने राज्य प्रायोजित आतंकवाद पर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, “जो भी आतंकवाद को बढ़ावा देगा, हम उसको जवाब देंगे।” सेना प्रमुख ने कहा, “यदि हमारे पास ‘बैरंग चिट्ठी’ भी आई तो उसका भी जवाब देंगे।
हम स्पष्ट कर चुके हैं कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते, यानी बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। हम तो सिर्फ यह बोल रहे हैं कि यदि आप शांति की प्रक्रिया अपनाएं, हम भी साथ देंगे और जब तक ये नहीं होगा, तो आतंकवादी और उनके आका हमारे लिए एक समान है। जो भी आतंकवाद को बढ़ावा देगा, हम उसको जवाब देंगे।”
सेनाध्यक्ष ने कहा कि भारत अब इतना संपन्न है कि वह किसी ब्लैकमेल से डरने वाला नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर पर उन्होंने कहा कि मूवी अभी शुरू भी नहीं हुई थी। यह पूरी फिल्म नहीं थी, बल्कि बस एक ट्रेलर था। यह ट्रेलर 88 घंटे में समाप्त हो गया। आगे आने वाले हालात कैसे होंगे, इसके लिए हम अपनी पूरी तैयारी करके बैठे हैं।
अगर पाकिस्तान हमें आने वाले दिनों में कोई मौका देता है तो हम उसको भरपूर शिक्षा प्रदान करना चाहेंगे कि कैसे एक जिम्मेदार देश को अपने पड़ोसियों से व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर ऑपरेशन से हम कोई न कोई शिक्षा ग्रहण करते हैं ऐसे ही ऑपरेशन सिंदूर से भी हमने शिक्षा ग्रहण की है। सबसे पहला सबक हमने यह लिया कि निर्णय लेने के लिए समय बहुत कम है।
निर्णय हमको हर स्तर पर लेना होगा। हर स्तर पर लोगों को समय के हिसाब से तैयारी करनी पड़ेगी और कार्रवाई करनी होगी। इसके लिए इंटीग्रेशन होना चाहिए। आर्मी, नेवी, एयरफोर्स, साइबर, सीएपीएफ आदि का इंटीग्रेशन हम जितनी जल्दी करेंगे, उतना ही हम इस लड़ाई को साझे ढंग से लड़ सकेंगे। आज की लड़ाई मल्टी डोमेन है।
उन्होंने कहा, “अगर मैं बोलूं कि आर्मी अकेले लड़ेगी, तो वह नहीं लड़ सकती, हम सबको मिलकर लड़ना होगा। लड़ाई कितने घंटे, कितने दिन चलेगी यह नहीं कहा जा सकता। आज तो 88 घंटे में यह लड़ाई खत्म हो गई, लेकिन कल को चार महीने चल सकती है या चार साल भी चल सकती है। इसको मद्देनजर रखते हुए क्या उस लड़ाई को लड़ने के लिए हमारे पास साजोसामान है? अगर नहीं हैं तो हमें उसकी तैयारी करनी होगी। हमें चार साल तक की लड़ाई के लिए भी तैयारी करके रखनी होगी।”
उन्होंने कहा कि आज की तारीख में डेटरेंस काम कर रहा है। आज हमारा डेटरेंस है, हम कहते हैं कि करेंगे तो सामने वाला यकीन करता है कि ये कर देंगे। उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर 2019 से जम्मू-कश्मीर के हालात में बहुत ज्यादा बदलाव आया है। जम्मू-कश्मीर से 35 ए हटने के बाद से बदलाव आया। पहले स्कूल में बच्चों से देश के झंडे का चित्र बनाकर लाने को कहा जाता था तो बच्चे घर जाकर पूछते थे कि कौन से देश के झंडे का चित्र बनाना है, अब उन्हें पता है भारत के झंडे का ही चित्र बनाना है।
सेनाध्यक्ष ने बताया कि आतंकवाद में भी बहुत गिरावट आई। इस बार 31 आतंकी मारे गए हैं, जिनमें से 61 प्रतिशत पाकिस्तानी आतंकवादी हैं। अब पत्थरबाजी और नारेबाजी नहीं होती है। सैलानियों की संख्या बढ़ी, हर पैरामीटर में सकारात्मक बदलाव आया है। जम्मू कश्मीर के युवाओं का भारत से मोह बढ़ रहा है और पाकिस्तान से उनका मोहभंग हुआ है। जम्मू कश्मीर के जो लोग यहां के हालात से परेशान होकर बाहर चले गए थे, वे भी अब जम्मू कश्मीर में वापस आना चाहते हैं और यहां अपनी जिम्मेदारी निभाना चाहते हैं।
भारत-चीन सीमा को लेकर उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से हमारे रिश्तों में बहुत ज्यादा सुधार आया है। बीते वर्ष हमारे प्रधानमंत्री और चीन के राष्ट्रपति के बीच हुई मुलाकात के बाद सकारात्मक बदलाव आए हैं। हमें संवाद के जरिए समाधान ढूंढना है। हमारे रक्षा मंत्री ने जून में वहां के रक्षा मंत्री से बात की है। सेनाध्यक्ष का कहना है कि डिसएंगेजमेंट काफी हद तक हो गया है।
मणिपुर की स्थिति पर सेनाध्यक्ष ने कहा कि मई 2023 में जो हादसे हुए उससे मुझे भी बहुत आंतरिक दुख हुआ था। मैंने मणिपुर में काम किया है। मणिपुर मेरे लिए एक स्वर्ग की तरह था, उसके हालात देखकर काफी दुख हुआ था, लेकिन फरवरी 2025 में जबसे राष्ट्रपति शासन लागू हुआ है तब से लोगों में आपसी विश्वास व सरकार के प्रति विश्वास बढ़ने लगा है। आज की तारीख में अगर आप देखेंगे तो काफी ज्यादा बदलाव आया है।





