Saturday, 22 November 2025

उत्तर प्रदेश

दुनिया की मूल समस्या एक-दूसरे के साथ संवाद की कमी है : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

paliwalwani
दुनिया की मूल समस्या एक-दूसरे के साथ संवाद की कमी है : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
दुनिया की मूल समस्या एक-दूसरे के साथ संवाद की कमी है : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक-दूसरे के साथ संवाद की कमी दुनिया की मूल समस्या है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 26वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि साइबर क्राइम, अच्छे स्वास्थ्य और वैश्विक आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भी मुखर होकर यूएन जैसे प्लेटफार्म का उपयोग करना चाहिए।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 26वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि साइबर क्राइम, अच्छे स्वास्थ्य और वैश्विक आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भी मुखर होकर यूएन जैसे प्लेटफार्म का उपयोग करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह समय संवाद, सहयोग और आपसी समझ को मजबूत करने का है, क्योंकि दुनिया की मूल समस्या एक-दूसरे के साथ संवाद की कमी है। ऐसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन वैश्विक स्तर पर संवाद को बढ़ावा देते हैं और साझा समाधान की राह खोलते हैं।

सीएम योगी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने कुछ समय पहले दुनिया के सामने 16 वैश्विक लक्ष्य रखे थे, जिनमें शिक्षा सर्वोपरि है। तकनीक ने जीवन को आसान बनाया है, लेकिन इसके कारण अभूतपूर्व कानूनी चुनौतियां भी खड़ी हुई हैं। साइबर क्राइम, डाटा चोरी और डिजिटल दुरुपयोग आज सबसे बड़ी वैश्विक चिंताओं में शामिल हैं। जलवायु परिवर्तन और उससे उत्पन्न होने वाले संकट भी हमारे सामने एक नई चुनौती हैं।

साइबर क्राइम, डाटा चोरी जैसी समस्याएं भी हमारे सामने खड़ी हैं। ऐसी स्थिति में न्याय, नैतिकता और अतंरराष्ट्रीय कानून, विश्व शांति और मानव सभ्यता के लिए एक बड़ी लकीर खींचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि दुनिया के अंदर जब हम शिक्षा की बात करते हैं तो 250 करोड़ से अधिक बच्चों के लिए बेहतरीन शिक्षा के साथ-साथ, वे अपने बस्ते के बोझ से गायब न हों, हमें इस बारे में भी विचार करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत ने हजारों वर्षों से दुनिया को एक परिवार के रूप में देखा है। यह सिर्फ भारत की सोच नहीं, बल्कि एक ऐसी परंपरा है जिसमें संकट के समय किसी भी मत, मजहब या संप्रदाय को भारत ने शरण देने और सहयोग करने में कभी हिचकिचाहट नहीं दिखाई। इसलिए शिक्षा, संवाद और मानवीय मूल्यों को मजबूत करने के प्रयासों पर दुनिया को एकजुट होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ऐसे दौर में, जहां वैश्विक स्तर पर अशांति, अराजकता और वर्चस्व की लड़ाई चल रही है, वहां शिक्षा, विकास और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर काम करना और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। योगी ने कहा कि भारत की प्राचीन विचारधारा हमेशा पंचतत्वों- पृथ्वी, जल, आकाश, अग्नि और वायु-की सुरक्षा और संरक्षण को प्राथमिकता देती रही है।

यही आधुनिक दुनिया को भी सतत समाधान की दिशा में मार्गदर्शन दे सकती है। सीएम ने कहा कि आज जब दुनियाभर के न्यायविद एक जगह एकत्र हुए हैं, तो न्याय मानवता की समस्या के समाधान का रास्ता कैसे निकाल सकता है? इस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दुनियाभर में यह संदेश देने की आवश्यकता है।

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