दिल्ली
बीजेपी का 'विजय रथ', अबकी बार हैट्रिक के साथ 400 पार!
paliwalwaniनई दिल्ली.
लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी-कांग्रेस समेत सभी दल अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करने से लेकर रैली और सभा करने में जुटे हुए हैं. सभी पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही हैं. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) हैट्रिक बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है. बीजेपी ने इस बार अपने लिए 370 और एनडीए के लिए 'अबकी बार 400 पार' का नारा दिया है.
पार्टी इस लक्ष्य को पाने के लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. पार्टी सिर्फ जीतने वाले चेहरे पर ही भरोसा कर रही है. अगर पार्टी को किसी भी नेता की जीत पर शक होता है तो वह तुरंत ही नए चेहरे पर दांव लगा देती है. इसी सिलसिले में इस बार भगवा पार्टी ने रिकॉर्ड बनाने के लिए अपने 104 सीटिंग सांसदों का टिकट भी काट दिया है. पार्टी हर हाल में इस चुनाव में अपना सपना पूरा करने में जुटी हुई है.
दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी ने इस बार 2014 और 2019 से भी बड़ी जीत हासिल करने की आस लगा रखी है. पिछले दो लोकसभा चुनाव और दो विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान का आगाज उत्तर प्रदेश के मेरठ से करने जा रहे हैं.
'टीवी के राम' यानी अरुण गोविल को उम्मीदवार
मेरठ से इस बार बीजेपी ने 'टीवी के राम' यानी अरुण गोविल को उम्मीदवार बनाया है. अयोध्या में रामलला के विराजमान होने के बाद बीजेपी ने रील लाइफ के राम को यहां से चुनावी मैदान में उतारा है. इस सीट पर लगातार तीन बार जीत दर्ज करने वाले राजेंद्र अग्रवाल की जगह अरुण गोविल बीजेपी का चेहरा होंगे. यानी बीजेपी ने राज तो बदल दिए, लेकिन रिवाज नहीं बदले हैं. बीजेपी इस बार भी यहीं से चुनावी अभियान का आगाज करने जा रही है.
पीएम मोदी हर बार यहीं से शुरू करते हैं चुनाव प्रचार
जब से नरेंद्र मोदी सत्ता में आए तब से बीजेपी में चुनावी कैंपेन की परंपरा नहीं बदली है. पार्टी ने भले ही कई सांसदों की जगह नए चेहरे पर भरोसा जताया है, लेकिन परंपरा आज भी वहीं पुरानी है. बीजेपी एक दशक से चुनावी अभियान की प्रथा वही चला रही है जो 2014 में शुरू हुई थी. बीजेपी उत्तर प्रदेश के मेरठ से ही चुनावी अभियान की शुरुआत करती आई है.
2014 चुनाव के लिए नरेंद्र मोदी ने 2 फरवरी को अपने अभियान की शुरुआत मेरठ की रैली से की थी. फिर 2019 लोकसभा चुनाव के लिए 28 मार्च 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहीं से शंखनाद किया था और अब 2024 चुनाव के लिए 31 मार्च को उनकी पहली रैली मेरठ में होने जा रही है. इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भी पीएम मोदी ने चुनावी सभा की शुरुआत इसी भूमि से की थी. 2017 और 2022 यूपी विधानसभा चुनाव के लिए नरेंद्र मोदी की पहली चुनावी रैली मेरठ में ही हुई थी.
1990 से बीजेपी का गढ़ है मेरठ
मेरठ से लोकसभा या विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत करना बीजेपी के लिए शुभ है. बीजेपी का मानना है कि मिशन मेरठ से पार्टी को मजबूती मिलती है और इसका असर मतगणना पर दिखता है. 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के 303 सांसद जीतकर संसद पहुंचे थे. इनमें से अभी तक 104 सांसदों को टिकट नहीं दिया गया है, इनमें मोदी सरकार के 10 केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं. 2014 चुनाव में बीजेपी के 282 सांसद चुनाव जीते थे. उस बार भी 119 सांसदों के टिकट काटे गए थे. साल 1990 में राम मंदिर आंदोलन के बाद से ये सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ बन गई. इससे पहले इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा हुआ करता था, लेकिन राम मंदिर आंदोलन के बाद यहां की फिजा भगवा पार्टी की तरफ बहने लगी. करीब तीन दशक से पार्टी का झंडा यहां से लगातार लहराता रहा है. यही वजह है कि पार्टी इस भूमि से अपना चुनाव प्रचार का शंखनाद भी करती आ रही है.
(क्पेबसंपउमतः यहां दी गई, जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. पालीवाल वाणी मीडिया समूह इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया हैं.)