भोपाल

मध्यप्रदेश के दो चीते गांधीसागर अभयारण्य में छोड़े जाएंगे : 10 नए किंग कोबरा लाए जाएंगे

paliwalwani
मध्यप्रदेश के दो चीते गांधीसागर अभयारण्य में छोड़े जाएंगे : 10 नए किंग कोबरा लाए जाएंगे
मध्यप्रदेश के दो चीते गांधीसागर अभयारण्य में छोड़े जाएंगे : 10 नए किंग कोबरा लाए जाएंगे

भोपाल. मध्यप्रदेश में श्योपुर जिले की कूनो सेंचुरी में चीता प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे और बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। रविवार, 20 अप्रैल को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंदसौर जिले के गांधीसागर अभयारण्य में कूनो के दो नर चीतों, प्रवाह और प्रभाष, को छोड़ेंगे। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि अगले महीने बोत्सवाना से चार और चीतों को लाया जाएगा। कुल मिलाकर, बोत्सवाना से आठ चीतों को मध्य प्रदेश में लाने की योजना है। 

सीएम हाउस में शुक्रवार को केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में चीता प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक हुई। इस बैठक में एनटीसीए के अधिकारी भी शामिल थे।

ग्वालियर से श्योपुर के लिए सीधी सड़क और हवाई कनेक्टिविटी की योजना है। बैठक में सीएम ने बताया कि वर्तमान में कूनो सेंचुरी जाने के लिए शिवपुरी और श्योपुर का रास्ता अपनाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर से कूनो के लिए सीधी सड़क कनेक्टिविटी पर तेजी से काम होना चाहिए। सीएम ने यह भी कहा कि कूनो में चीतों का घर बनने के बाद विदेशी और स्थानीय पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। कूनो के लिए एयर कनेक्टिविटी के प्रयास भी किए जाएंगे।

बैठक में केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश के चीता प्रोजेक्ट से जुड़े 80 गांवों के चीता मित्रों को भोपाल में स्थित IIFM के साथ समझौता करके ट्रेनिंग दी जा सकती है। IIFM के माध्यम से इन चीता मित्रों को प्रशिक्षण देने से उनकी देखभाल में और भी सहायता मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम मध्य प्रदेश में बसाने के लिए दस किंग कोबरा और लाने की योजना बना रहे हैं। फिलहाल, भोपाल के वन विहार में दो नर किंग कोबरा बैंगलुरू से लाए गए हैं। किंग कोबरा में दो नर के बीच एक मादा किंग कोबरा होती है। इन दस किंग कोबरा में 4 मादा और 6 नर किंग कोबरा शामिल किए जा सकते हैं।

वहीं, मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह ने बताया कि पहले गांधी सागर में चीते छोड़े जाएंगे। इसके बाद, सागर, दमोह और जबलपुर के बीच नौरादेही अभयारण्य में भी चीते छोड़े जाएंगे।

फाईल फोटो

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