भोपाल
मध्यप्रदेश में भाजपा को लगेगा बड़ा झटका : पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने दिए कांग्रेस में शामिल होने के संकेत
sunil paliwal-Anil paliwalमध्य प्रदेश में BJP को लगेगा बड़ा झटका, पूर्व मंत्री दीपक जोशी कांग्रेस में हो सकते हैं शामिल
हाटपिपल्या : मध्य प्रदेश में बीजेपी को बड़ा झटका लग सकता है. राज्य के पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक जोशी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. उन्हें 6 मई को पूर्व सीएम और कमलनाथ पार्टी की सदस्यता दिला सकते हैं. जोशी मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे हैं. दरअसल दीपक जोशी ने सोमवार 1 मई 2023 को संकेत दिया कि वह जल्द ही विपक्ष की कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार हैं.
कमलनाथ ने कहा कि ये अभी ट्रेलर है, आगे-आगे देखिए क्या होता
मध्यप्रदेश में भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है। पूर्व सीएम कैलाश जोशी के बेटे और शिवराज सरकार में मंत्री रहे दीपक जोशी जल्द ही भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। दीपक जोशी ने कांग्रेस ज्वाइन करने की तारीख 6 मई बताई है। पीसीसी चीफ कमलनाथ से उनकी बातचीत भी हो चुकी है। खुद भाजपा नेता और पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने इसकी पुष्टि की है। दीपक जोशी ने कहा कि जो मुझे सम्मान देगा, मैं उसके साथ रहूंगा। इस पर कमलनाथ ने कहा कि ये अभी ट्रेलर है, आगे-आगे देखिए क्या होता है।
'मैं अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाऊंगा'
संभावित स्विच ओवर के पीछे की वजह के बारे में पूछे जाने पर तीन बार के विधायक रहे दीपक जोशी ने कहा मेरे पिता की विरासत ईमानदारी थी. मैंने बागली विधानसभा क्षेत्र (एक बार उनके प्रतिनिधित्व) के विकास में भ्रष्टाचार से संबंधित विभिन्न मुद्दों को उठाया था, लेकिन उन मामलों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा मैं अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाऊंगा, जो अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते थे.
लगभग 60 साल के दीपक जोशी ने पहली बार 2003 में देवास जिले के बागली से विधानसभा पहुंचे और बाद में उसी जिले की हाटपिपल्या सीट से दो बार (2008 और 2013 में) चुनाव लड़े. अपनी तीसरी चुनावी जीत के बाद, वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में शामिल हो गए और 2018 तक इसके सदस्य बने रहे.
बीजेपी नेता 2018 में हाटपिपल्या से कांग्रेस उम्मीदवार मनोज चौधरी से विधानसभा चुनाव हार गए. हालांकि, मनोज चौधरी 2020 में बीजेपी में शामिल हो गए और बाद के उपचुनाव में हाटपिपल्या से फिर से जीते. चौधरी और तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार 20 से अधिक अन्य विधायकों ने मार्च 2020 में कांग्रेस की सरकार की डुबो दी. कमलनाथ सरकार का गिर गई और इससे राज्य में बीजेपी की सत्ता में वापसी की राह बनी.