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विश्व पर्यावरण दिवस : सोशल मीडिया पर मेसेज प्रदूषण...! जैसे अपुष्ट, भ्रम और भय पैदा करने वाली जानकारी : राकेश जैन
Ram krishna Seliyaनमस्ते...
विश्व पर्यावरण दिवस पर आप सभी को हरे भरे, प्रदूषणमुक्त देश प्रदेश दुनिया के लिये शुभकामनाएँ...पर क्या प्रदूषण सिर्फ़ ऐक ही तरह का होता हैं ? वायु प्रदूषण के साथ ही आए दिन शहरों में ध्वनि प्रदूषण भी कम नहीं हैं और आज कल तो सोशल मीडिया पर मेसेज प्रदूषण ??? एक ही जानकारी, अपुष्ट जानकारी, भ्रम और भय पैदा करने वाली जानकारी और पता नहीं क्या क्या ??
● इन्फ़र्मेशन को फ़ॉर्वर्ड करने की ऐसी होड़ मची : ये कैसी होड़ ? : आजकल देखने में आता हैं कि इन्फ़र्मेशन को फ़ॉर्वर्ड करने की ऐसी होड़ मची हैं कि 15-20 सेकंड्ज़ में 20-25 लोगों द्वारा फ़ॉर्वर्ड मेसेज मिलने लगते हैं. वो कोरोना बुलेटिन हो या कोई शासकीय आदेश. हमें क्या हो गया हैं. क्या ये साबित करने की होड़ है कि हमारे पास जानकारी सबसे पहले आती हैं ? या हमारा नेट्वर्क बहुत स्ट्रोंग हैं ? और अधिकांशतः तो बगैर सत्यापित जानकारियाँ घूमती रहती हैं. आखि़र ये कैसा ट्रेंड हैं ? कैसा व्यापार हैं ?? पर इस प्लाट्फ़ोर्म की हक़ीक़त तो शायद इस तरह है. कुछ लोगों के अभिमत के अनुसार शायद ये ट्विटर और अन्य विवाद ध्यान परिवर्तित करने का तरीक़ा भी हो सकता हैं. पर क्या सही मायने में ये ट्विटर, फ़ेस्बुक ूंजेंचच आदि हमारी ज़िंदगी और निजता को ज़रूरत से ज़्यादा नहीं दख़ल कर रहे ?? ये भी ऐक तरह का हथियार ही है जो विदेशी अहंकारी ताक़तों के क़ब्ज़े में है और किसी अडिक्शन से कम नहीं. हम सब कहीं ना कहीं इसके शिकार हैं.
● उम्र के पहले उपलब्ध कांटेंट ने पीढ़ी को बर्बाद किया : कई सारी अच्छाइयाँ भी रही हैं शुरुआती दौर में बिछड़ो को मिलाने का काम हो या संदेश भेजने पाने और दुनिया भर की जानकारी उपलब्ध कराने का माध्यम हो. पर साथ ही ये भी विचारणीय है की ये ही माध्यम अब किसी भस्मासुर की तरह समाज देश में कई अपराधो का जनक भी हो गया हैं. ज़रूरत से ज़्यादा और समय उम्र के पहले उपलब्ध कांटेंट ने पीढ़ी को बर्बाद करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी हैं.
● रीऐक्शन पर नियंत्रण और मेसेज फ़ॉर्वर्ड ना करें : समय आ गया है जब लोग इस बात को समझ के और इनके उपयोग को बंद करें या इसे कम से कम अपने आप पर हावी ना होने दें. रीऐक्शन पर नियंत्रण और मेसेज फ़ॉर्वर्ड ना करने का संकल्प (कम से कम विवादास्पद और ऐसी जानकारी जिसके बारे में आप स्वयं पुष्टि की जानकारी नहीं रखते हैं) शायद इन प्लाट्फ़ोर्म से होने वाले नुक़सान और लोगों के बीच बड़ रही दूरियों को थोड़ा कम कर सके.
● किसी और की भावनाओं को ठेस ना पहुंचे : जब तक आप इसे अपने नियंत्रण में रखते हुए इसका फ़ायदा ले सकें तब तक तो ठीक हैं पर कब जाने अनजाने में ये हम पर नियंत्रण कर हमारी भावनाओं और हमारे द्वारा किसी और की भावनाओं को ठेस पहुँचाने लगे, समझ लीजिएगा इस हथियार ने अपना काम दिखाना शुरू कर दिया हैं और हमने देखा हैं कि शुरू शुरू में आदत डालने के लिये प्रस्तुत किये जाने वाली सुविधाओं या दूसरे शब्दों में हथियारों का उद्देश्य एक समय के बाद ही फ़ायदा उठाना होता हैं.
● विशेष ध्यान रखे : बस इसे अपने पर हावी ना होने दें...इसे आप पर नियंत्रण ना करने दें...अन्यथा अनजाने में आप अपनो के ही खि़लाफ़ होते जा रहे हैं...या कम से कम लोगों का विभाजन तो हो ही सकता हैं...!
● राकेश जैन : सिटीजन कॉप - एक ज़िम्मेदार नागरिक
● पालीवाल वाणी मीडिया. Ram krishna Seliya...✍️