आपकी कलम

त्वरित टिप्पणी नगरीय निकाय चुनाव पर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पठ्ठो से भारतीय जनता पार्टी संकट में... रितेश मेहता

रितेश मेहता
त्वरित टिप्पणी नगरीय निकाय चुनाव पर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पठ्ठो से भारतीय जनता पार्टी संकट में... रितेश मेहता
त्वरित टिप्पणी नगरीय निकाय चुनाव पर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पठ्ठो से भारतीय जनता पार्टी संकट में... रितेश मेहता

रितेश मेहता

भारतीय जनता पार्टी की नगरी निकाय में करारी हार के बाद शहरी क्षेत्रों से भाजपा का हारना भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन पर कई सवाल खड़े कर रहा है मध्य प्रदेश के सभी शहरी क्षेत्रों में बड़े शहरों में जहां भारतीय जनता पार्टी का परचम लहराता था पिछले नगर निगम के चुनाव में 16 में से 16 नगर निगम भारतीय जनता पार्टी ने जीती थी, आज भारतीय जनता पार्टी वहां दो अंको से भी नीचे आ गई है यह सब जिम्मेदारी भारतीय जनता पार्टी को प्रदेश नेतृत्व का अपने कंधे पर लेनी चाहिए, अगर आने वाले दिनों में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों में कोई परिवर्तन नहीं दिखा तो समझ लीजिए कि विधानसभा चुनाव में गई भैंस पानी में भारतीय जनता पार्टी 40 से 50 विधानसभा सीटों पर सिमट कर रह जाएगी।

नगरी निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश चुनाव प्रबंध समिति प्रदेश चुनाव संचालन समिति पूरी तरफ संचालन करने में और प्रबंधन करने में फेल हो गई उस का प्रमुख कारण यह है इन समितियों में कद से छोटे लोगों को नेता बना कर बैठा दिया था जिनके कंधे कमजोर थे क्षमता से ज्यादा भोजन के कंधों पर डाल दिया था इसलिए वह सभी फेल हो गए।

पिछले 2 वर्षों से जब से बीडी शर्मा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने हैं तब से भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश के सभी वरिष्ठ कार्यकर्ता परेशान हैं खासतौर पर वह कार्यकर्ता जो वर्ष 2000 से लगातार भारतीय जनता पार्टी के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं और जिनकी उम्र के दो या तीन दशक से ज्यादा का समय भारतीय जनता पार्टी में काम करते-करते गुजर चुका है वर्तमान भारतीय जनता पार्टी के संगठन में जिन लोगों ने प्रदेश कार्यालय और जिलों पर कब्जा कर रखा है वह अधिकतर संघ के अनुशासनिक संगठनों से आए हुए वो सदस्य हैं जिन्होंने लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी का काम नहीं किया है ना ही इनको राजनीतिक कार्य क्षेत्र में कार्य करने का अनुभव है इसके कारण जहां प्रदेश में और जिलों में राजनीतिक कार्य करने के लिए संगठन में बड़ी परेशानी आ रही है.

वहीं भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रमों में सक्रिय और अनुभवी कार्यकर्ताओं की कमी के कारण वर्तमान में हो रहे कार्यक्रमों में असफलता ही हाथ लग रही है, इसका स्पष्ट उदाहरण भारतीय जनता पार्टी द्वारा आजीवन सदस्य निधि संग्रह में देखा जा रहा है। प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में 150 करोड़ आजीवन सहायता सदस्य संगठन निधि इकट्ठा  करने की घोषणा की है जिसमें पूरे प्रदेश में निधि संग्रहण करने में बड़ी कठिनाई आ रही है कई जिले ऐसे हैं जहां में आजीवन सदस्य निधि का 50% भी संग्रह अभी तक हुआ नहीं है। 

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में बीडी शर्मा प्रदेश अध्यक्ष हैं ऐसा कहा जाता है कि उन पर दत्तात्रेयजी का आशीर्वाद है वहीं अन्य दो पदाधिकारी मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर और कार्यालय मंत्री राघवेंद्र शर्मा जो दोनों संघ की पृष्ठभूमि से भारतीय जनता पार्टी में आए हैं उन्हें भारतीय जनता पार्टी मैं संघ की तरफ से समन्वय करने वाले अरुण कुमार जी का समर्थक माना जाता है उनकी नियुक्ति के होने के पश्चात प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में संपर्क और संवाद का अस्तित्व समाप्त हो गया है, दोनों पदाधिकारी विधानसभा चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं और पूरे समय उन्हें चुनाव टिकट कैसे प्राप्त हो जाए उसी में उसी में व्यस्त रहते हैं। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश की कार्यपद्धती इतनी खराब हो चुकी है कि कार्यकर्ता प्रदेश कार्यालय में जाने में अनमना हो रहा है.

प्रदेश कार्यालय मंत्री राघवेंद्र शर्मा पूर्व में संघ के कार्यकर्ता थे संघ के माध्यम से इन्होंने अपने व्यवसाय स्थापित किए और संघ के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता के मदद से पहले मध्य प्रदेश सरकार में बाल आयोग के अध्यक्ष बने और वर्तमान में प्रदेश कार्यालय में प्रदेश कार्यालय मंत्री बन कर बैठे है प्रदेश मंत्री का दायित्व संभालने में पूरी तरह ना काबिल है दिन में चार बार कपड़े बदलते हैं ऐसी शिकायत कई बार प्रदेश के कार्यकर्ता प्रदेश के वरिष्ठ लोगों कर चुके हैं सिर्फ अपने काम के लिए मंत्रियों के यहां जाते हैं प्रदेशभर के कार्यकर्ताओं के काम के लिए न कभी कोई पत्र लिखते हैं ना कभी किसी मंत्री को संपर्क साधते हैं यह बात पूरे प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी में प्रचलित हो गई है वहीं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ग्वालियर स्वदेश में संपादक के नाते कार्य करते थे वहां से उनको सीधा प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का मीडिया प्रभारी बना दिया.

पिछले विधानसभा चुनाव में उनके ऊपर आय और व्यय के गंभीर आरोप लगे थे जिसे भोपाल के वर्तमानपत्र ने तीसरे पेज पर भी छापा था उस समय विधानसभा चुनाव के पश्चात पत्रकारों को उचित सम्मान नहीं मिलने के कारण भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय में खुलकर विवाद भी हुए थे वर्तमान में उनकी टीम में जो प्रवक्ता सक्रिय हैं वह कांग्रेसी आए हुए या आप से हुए आए हुए प्रवक्ता है भारतीय जनता पार्टी के ओरिजिनल प्रवक्ता या पैनलिस्ट जिन्होंने पिछले दो दशक तक भारतीय जनता पार्टी के लिए संघर्ष किया वह आज दर-दर भटक रहे हैं जब भी कोई प्रवक्ता या पैनलिस्ट अपने संपर्क सूत्र के माध्यम से किसी चैनल पर बहस के लिए जाते हैं तो पीछे से मीडिया प्रभारी अथवा एक उनके खास सहायक का फोन तुरंत चैनल के ब्यूरो को पहुंच जाता है कि आपने हमसे क्यों नहीं पूछा है इनको कैसे बुलवा लिया यह बात अब जगजाहिर हो गई है.

इसलिए यह सभी पुराने कार्यकर्ता जो प्रवक्ता या पैनलिस्ट के रूप में कार्य कर रहे थे अभी नाराज बताए जाते हैं और उन्होंने पार्टी के प्रचार कार्यक्रमों और टीवी चैनलों से अपनी दूरी बना ली है वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के नए संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा  ने जिनकी भारतीय जनता पार्टी में राजनीतिक उम्र मात्र 2 वर्ष है उनके सामने आज सबसे बड़ी समस्या यह है कि प्रदेश कार्यालय में जो प्रदेश कार्यालय प्रभारी हैं वह दो बार विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी से टिकट नहीं मिलने के कारण भारतीय जनता पार्टी छोड़ चुके थे उनकी उनकी संगठनात्मक साख भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में नहीं के बराबर है ऐसे व्यक्तित्व से भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करवानी पड़ रही है। अब सवाल यह है कि हितानंद शर्मा  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय  में बने हुए यह बेकार बोगस पदाधिकारियों को कब और कैसे हटाएंगे और भारतीय जनता पार्टी को पुनः सक्रिय कर संगठन क्षमता में वृद्धि कर आने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की पुनः सरकार बनाने का लक्ष्य साधेंगे।

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