आमेट

मानुष जन्म दुर्लभ है, ये मिले ना बारम्बार जैसे तरुवर से पत्ता टूट गिरे वो बहूर ना लगता डार : संत रामपाल महाराज

M. Ajnabee
मानुष जन्म दुर्लभ है, ये मिले ना बारम्बार जैसे तरुवर से पत्ता टूट गिरे वो बहूर ना लगता डार : संत रामपाल महाराज
मानुष जन्म दुर्लभ है, ये मिले ना बारम्बार जैसे तरुवर से पत्ता टूट गिरे वो बहूर ना लगता डार : संत रामपाल महाराज

आमेट : नगर के दोवड़ी छतरिया स्थित लक्ष्मण सुथार के मकान संख्या 14 पर भक्ति मुक्ति ट्रस्ट द्वारा संचालित जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज का एकदिवसीय सत्संग का आयोजन प्रोजेक्टर के माध्यम से आयोजित किया गया. जिसमे संत रामपाल जी महाराज के अनुयाईयों व नगर के आसपास के लोगो ने सत्संग श्रवण किया. संत रामपाल जी ने अपने सत्संग के माध्यम से सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथो के माध्यम से ज्ञान का प्रचार - प्रसार किया. जिसमे बताया गया की कबीर, अक्षर पुरुष एक पेड़ है निरंजन वाकी डार. तीनो देवा (रजगुण ब्रम्हा जी, सतगुण विष्णुजी, तमगुण शिवजी ) शाखा है ये पात रूप संसार...और बताया की अपने शास्त्र विधि को त्यागकर जो मनमाना आचरण करता है ना तो उसकी मुक्ति होती है ना ही उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है. अतार्थ गीता जी में बताया गया है की जो लोग व्रत, उपासन करते है, उसको भी गीताज्ञानदाता ने व्यर्थ बताया है ये शास्त्रविधि को त्यागकर मनमाना आचरण है.

संत रामपाल जी महाराज ने विश्वकल्याण के लिए चोरी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, दहेज़ जैसी कुरीतियों को जड़ से मिटाने का जिम्मा लिया है और उसको उनके अनुयायी बिना दहेज के कम खर्च मे शादी की अनूठी पहल से साबित कर व करवा रहे हैं. उक्त जानकारी राजू भोई पालीवाल वाणी को दी.

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