आमेट

व्याकुल नंदी की सेवा के लिए की नंदी गौशाला की स्थापना : संत शिरोमणि मेवाड़ महामंडलेश्वर सीताराम दास महाराज

M. Ajnabee, Kishan paliwal
व्याकुल नंदी की सेवा के लिए की नंदी गौशाला की स्थापना : संत शिरोमणि मेवाड़ महामंडलेश्वर सीताराम दास महाराज
व्याकुल नंदी की सेवा के लिए की नंदी गौशाला की स्थापना : संत शिरोमणि मेवाड़ महामंडलेश्वर सीताराम दास महाराज

समय समय पर होते है, नंदी गौशाला में कई अनूठे कार्यक्रम 

श्री पंचमुखी हनुमान नंदी गौशाला  आगरिया तत्कालीन राजस्थान प्रदेश की दूसरी स्थापित नंदी गौशाला- जहां होती है, नंदी की भगवान जैसी सेवा

आगामी 5 साल में होगी 5000 से अधिक नंदी और गौमाता की सेवा

आमेट, आगरीया. 

आमेट तहसील की ग्राम पंचायत आगरिया में स्थित सरदारपुरा भगवानपुरा रोड आगरिया में स्थापित श्री पंचमुखी हनुमान नंदी गौशाला में विगत 6 वर्षों से नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में घूमती, निराश्रित बेसहारा नन्दी व गौमाता की देखभाल करते हुए यह गौशाला ने नए आयाम स्थापित किये है. 

पिछले कुछ वर्षों में ही इस गौशाला के कार्यो व गौसेवा के प्रति समर्पित गौशाला समिति के सदस्यों द्वारा अध्यक्ष व संस्थापक महामंडलेश्वर संत सीताराम दास महाराज की देखरेख में गौ, नन्दी सेवा से अनेक गौवंशो को नया जीवन मिला है. वही नगर सहित अनेक ग्रामीण क्षेत्रों से भी अनेक समाजसेवी, गौभक्तो द्वारा दिल खोलकर की गई गौसेवा में जीवन के अर्थ को समर्पित करते हूए इस गौशाला को व्यवस्थित रूप से चलाने में बड़ी मदद की गई है.

गौभक्त भामाशाह के द्वारा की गई, आर्थिक सहायता से...

इन्ही गौभक्त भामाशाह के द्वारा की गई, आर्थिक सहायता से इस गौशाला में अनेक प्रकार के निर्माण कार्य करवाये गए. जिससे गौ, नन्दी की देखभाल करने में सहायता मिली है. गौशाला समिति के सदस्यों द्वारा प्रतिदिन गौमाता के लिए विभिन्न प्रकार के खाद्यान्न सामग्री के साथ ही देसी घी की लापसी, गुड़, हरा रिजका इत्यादि गौ, नन्दी को खिलाया जाता है. समय समय पर गौ चिकित्सको के द्वारा समस्त गौवंशो की मेडिकल जाँच व इलाज के साथ उचित देखभाल की जा रही है.

नंदी गौशाला की स्थापना क्यों व कैसे हुई : संत सीता राम दास महाराज ने बताया कि जीव दया के कारण मन ये विचार आया कि हिंदू धर्म में जो नंदी, है उनका बहुत महत्व है, वैदिक काल से ही बेल के माध्यम से खेती होती आ रही है, बेल से जो खेती होती हैं. उससे उत्पादित अनाज में पाप नहीं होता है. किंतु आज के समय में ट्रैक्टर से खेती होने लग गई, जिससे नंदी बेल को लोग सड़कों पर छोड़ देते है, जिससे उनका बहुत तिरस्कार, अवहेलना हो रही है. नंदी कुल्हाड़ी खाने को मजबूर है. नंदी की बड़े बेरहमी से कत्लखानों में हत्या हो रही है. नंदी रोड पर कूड़ा, कचरा खाने को मजबूर है, क्योंकि गौचर, ओरण भूमि पर लोगो ने कब्जा कर दिया. इसी पीड़ा को देख कर मन में नंदी गौशाला स्थापित करने का विचार मन में जगा.

नंदी गौशाला की वर्तमान  में स्थिति : इस नन्दी गौशाला का विशाल परिसर 100 बिगा में फैला हुआ है, साथ ही 20 बिगा में निर्माण कार्य हो चुका है. जिसमे गौ आवास 105×45  फिट का, 150×45 फिट का घास रक्षण गौदाम, वेदिक गौमाताओं के गोबर से निर्मित संत कुटिया बनी हुई है. ग्वालों के रहने के लिए 3 ग्वाल कक्ष ओर नंदी गौशाला के आय-व्यय के प्रबंधन के लिए एक बड़ा सुंदर कार्यालय बना हुआ है.

180 नदी सहित 245 गोवंश की सेवा निरंतर : वर्तमान में इस नंदी गौशाला में 180 नदी सहित 245 गोवंश की सेवा निरंतर हो रही है तथा इस गौशाला को संचालित करने में प्रतिमाह 5 लाख रुपए से भी अधिक व्यय हो रहा है. इस गौशाला को सुचारू रूप से चलाने व देखरेख हेतु आठ ग्वाल एक प्रबंधक लेखाकार सहित समिति के सदस्य दिन-रात इस गौ सेवा कार्य में समर्पित है. ये जानकारी गौशाला सचिव शंभु सिंह चौहान ने पालीवाल वाणी को दी.

M. Ajnabee, Kishan paliwal

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