उत्तर प्रदेश

महाकुंभ हादसे का सच बताने वाले युवा पत्रकार चर्चा में...

paliwalwani
महाकुंभ हादसे का सच बताने वाले युवा पत्रकार चर्चा में...
महाकुंभ हादसे का सच बताने वाले युवा पत्रकार चर्चा में...

प्रयागराज.

प्रयागराज महाकुंभ हादसे को वैसे तो हर मीडिया समूह ने कवर किया और देश के जाने-माने पत्रकार यहां डेरा जमाए हुए हैं... लेकिन ''मैदानी रिपोर्टिंग'' को लेकर इस बार बड़े नहीं, बल्कि कुछ युवा पत्रकार चर्चा में हैं, जिनकी जबरदस्त जमीनी रिपोर्टिंग की मीडिया से जुड़े लोग तो सराहना कर ही रहे हैं, वहीं आमजन भी इनकी रिपोर्टिंग से संतुष्ट है...

दरअसल, इस महाकुंभ में एक नहीं, बल्कि दो जगह भगदड़ हुई थी... जहां 30 मौतें होना बताई गईं, वह तो सरकार ने स्वीकारा, लेकिन संगम से ठीक 2.5 किमी दूर उसी रात को दूसरी जगह भी भगदड़ हुई और उसमें भी कुछ मौतें होने की बात सामने आ रही है, लेकिन सरकार इस दूसरे हादसे पर मौन नजर आ रही है... इस मामले को आज दैनिक भास्कर में पत्रकार अजय मिश्रा और अशोक पाण्डेय ने प्रमुखता से उठाया है...

वहीं एक और युवा पत्रकार अभिनव पांडे, जो कि द लल्लनटॉप के एसोसिए एडिटर हैं, उन्हें भी ''रिपोर्टिंग का रियल हीरो'' कहा जा रहा है... वह इसलिए, क्योंकि अभिनव ने लगातार 50 घंटे बिना सोए जनता तक जरूरी खबरें तो पहुंचाई... अभिनव पांडे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज से 2013-15 बैच के छात्र रहे हैं...

इसी तरह एक औऱ ''जमीनी नौजवान पत्रकार'' राजेश साहू (दैनिक भास्कर) की सटीक रिपोर्टिंग भी चर्चा में है... इन्होंने भी इस दुःखद घटना के सच को देश के सामने रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी... 

वहीं एक महिला पत्रकार सुप्रिया शर्मा ने भी इंसानियत का धर्म निभाया और इस भगदड़ के दौरान अपनी रिपोर्टिंग छोड़ महिला को तुरंत सीपीआर दी, जिससे उनकी जान बच गई...

कुल मिलाकर इन पत्रकारों ने इस वाक्य को साबित कर दिया - ''खबर तो वह है जो लोग छिपाना चाहते हैं... बाकी तो सब विज्ञापन है..!'' यही कारण है कि स्टूडियो में बैठकर ''हाट बाजार'' लगाने वाले ''बड़े पत्रकारों'' की बजाय इस बार इन ''जमीनी पत्रकारों'' की चर्चाएं ज्यादा हो रही है..!

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