उत्तर प्रदेश
कानपुर में भड़की हिंसा का कौन जिम्मेदार...! : जानिए 10 बड़ी बातें
Paliwalwaniकानपुर : कानपुर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के तुरंत बाद परेड, नयी सड़क और यतीमखाना समेत कई इलाकों में हिंसा भड़क गई. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जुमे की नमाज के बाद दो समुदायों के सदस्य आमने-सामने आ गए और उन्होंने एक-दूसरे पर ईंटों से पथराव किया. उन्होंने कहा कि इस दौरान गोलीबारी भी हुई. हालांकि पुलिस ने कहा कि हालात को कंट्रोल कर लिया गया है. इस मामले में अब तक 18 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.
बंद का किया गया था आह्वान, मुस्लिम बहुल इलाकों में था तनाव
नुपुर शर्मा की ओर से पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर दिए गए कथित बयान को लेकर मुस्लिम बहुल इलाकों में कारोबार पूरी तरह बंद रहा. जोहर फैंस एसोसिएशन और अन्य मुस्लिम तंजीमों ने शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय से कारोबार बंद रखने की अपील की थी. इसका व्यापक असर देखने को मिला. सुबह से ही चमनगंज, बेगनगंज, तलाक महल, कर्नलगंज, हीरामन पुरवा, दलेल पुरवा, मेस्टन रोड, बाबू पुरवा, रावतपुर व जाजमऊ में कहीं आंशिक तो कहीं पूर्ण बंदी दिखाई दी.
अनुमति के बावजूद सड़कों पर निकला जुलूस, कहां से आए पत्थर?
पुलिस सुरक्षा के बीच जुमे की नमाज अदा की गई. बताया जा रहा है कि जुमे की नमाज के दौरान ज्यादातर मस्जिदों में हुई तकरीरों में कहा गया कि वे मोहम्मद साहब पर की गई किसी भी अमर्यादित टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेंगे. पुलिस ने किसी भी क्षेत्र में लोगों को नमाज के बाद प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी. इसके बावजदू बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर निकल आए. सवाल यह भी है कि शहर में सड़कों पर इतनी संख्या में पत्थर कहां से आ गए...? पेट्रोल बम चलने की भी सूचना है.
- अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा महामहिम राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नगर में रहते हुए भी पुलिस और खुफिया-तंत्र की विफलता से BJP प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए भड़काऊ बयान से, कानपुर में जो अशांति हुई है, उसके लिए BJP नेता को गिरफ़्तार किया जाए.
- कानपुर में हुए इस बवाल के मामले में 18 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़े एक्शन की बात कही है. सीएम ने कहा कि मामले के दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा.
- पुलिस के मुताबिक अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हाल ही में टीवी पर बहस के दौरान BJP प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर नाराज थे और इसी के विरोध में वो इलाके की दुकानें बंद कराने का प्रयास कर रहे थे.
- पुलिस ने बताया कि कथित तौर पर दुकानदारों पर अपने शटर बंद करने के लिए दबाव बना रहे लोग पुलिसकर्मियों से भिड़ गए. उन्होंने बताया कि बाद में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. पथराव शुरू होने के वक्त बाजार में लोग मौजूद थे. इसलिए भगदड़ जैसी स्थिति बन गई. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए करीब 12 थानों का फोर्स मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने लाठीचार्ज किया.
- अधिकारी ने ये भी कहा कि एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी सहित कुछ स्थानीय नेताओं ने शुक्रवार को दुकानों को बंद करने का आह्वान किया था.
- उन्होंने बताया कि इन नेताओं ने पैगंबर मोहम्मद के कथित अपमान के खिलाफ जुलूस निकाला था और इस दौरान वे अन्य समुदाय के सदस्यों से भिड़ गए जिस की वजह से झड़पें हुईं. देखते ही देखते सैकड़ों लोग विरोध में सड़कों पर उतर आए. इन झड़पों में कई लोग घायल हुए हैं, जिनमें आधा दर्जन से अधिक गंभीर रूप से घायल हैं.
- कानपुर की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा कि 'एक समुदाय विशेष के सदस्य विरोध में सड़क पर उतर आए और हिंसा में शामिल हो गए. जिलाधिकारी ने कहा कि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें चिकित्सा सहायता के लिए भेजा गया. प्रभावित क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.
- उन्होंने बताया कि स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं कि आगे कोई हिंसा न हो. उन्होंने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है और कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. उन्होंने बताया कि अभी तक हिंसा के सही कारणों की पुष्टि नहीं हुई है.
- जिस वक्त ये बवाल उस वक्त हुआ पीएम मोदी और राष्ट्रपति के आने के चलते काफी सुरक्षा व्यवस्था लगी थी. पीएम मोदी, राष्ट्रपति के साथ शहर से करीब 70 किमी. दूर कार्यक्रम में मौजूद थे.
- यूपी कांग्रेस ने कहा है कि जिस शहर में देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री मौजूद हों, वहां पर दो गुटों में झड़प और हिंसा समझ से परे है. जनता को BJP की 'बांटो और राज करो' की यह साजिश समझनी चाहिए. आपसे अपील है कि किसी भी बात पर उग्र हुए बिना, हर हाल में शांति बनाए रखें.