उत्तर प्रदेश

Maha Kumbh: MP से UP तक कई किलोमीटर का लगा जाम, संगम रेलवे स्टेशन बंद, बारातें फंसी, शादियां टलीं… महाकुंभ में पैदल ही पहुंच रहे लोग

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Maha Kumbh: MP से UP तक कई किलोमीटर का लगा जाम, संगम रेलवे स्टेशन बंद, बारातें फंसी, शादियां टलीं… महाकुंभ में पैदल ही पहुंच रहे लोग
Maha Kumbh: MP से UP तक कई किलोमीटर का लगा जाम, संगम रेलवे स्टेशन बंद, बारातें फंसी, शादियां टलीं… महाकुंभ में पैदल ही पहुंच रहे लोग

Prayagraj Mahakumbh: प्रयागराज में Kumbh Mele के चलते यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। जाम का असर सिर्फ शहर तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अयोध्या, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, जौनपुर, चित्रकूट और रीवा तक सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। भारी भीड़ के कारण श्रद्धालु मजबूरी में पैदल ही संगम की ओर बढ़ रहे हैं।

शनिवार को उमड़ी अपार भीड़ ने शहर की सड़कों पर कई किलोमीटर लंबा जाम लगा दिया। अगले दिन रविवार होने से संगम स्नान के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब और बढ़ गया, जिससे हालात और भी खराब हो गए। इस जाम का असर आम नागरिकों से लेकर व्यापारियों तक हर किसी पर पड़ा।

सबसे ज्यादा मुश्किलें शादी-विवाह आयोजनों को झेलनी पड़ीं। भारी जाम के कारण बारातें समय पर नहीं पहुंच सकीं, जिससे कई परिवारों को अपनी शादियां टालनी पड़ीं। इससे न सिर्फ परिवारों को आर्थिक और मानसिक परेशानी हुई, बल्कि शादी से जुड़े व्यवसायों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा।

प्रयागराज में शादी-विवाह के लिए पहले से बुक गेस्ट हाउस, बैंक्वेट हॉल और विवाह गृहों में आयोजनों को रद्द करना पड़ा। बारातियों का समय पर न पहुंच पाना, बैंड-बाजा, कैटरिंग और हलवाइयों की सेवाएं बाधित होने के कारण परिवारों को बड़ा आर्थिक और मानसिक झटका लगा। कई परिवारों ने मजबूरी में विवाह की तारीख आगे बढ़ाने का निर्णय लिया।

स्थानीय निवासी राकेश तिवारी, जिनकी बेटी की शादी शनिवार को होनी थी, ने बताया, “हमने महीनों पहले तैयारियां कर ली थीं, लेकिन जाम के कारण न बैंड पहुंचा, न बाराती। मजबूरी में हमें शादी टालनी पड़ी।” इसी तरह, कई अन्य परिवारों को भी इस समस्या का सामना करना पड़ा।

बैंक्वेट हॉल, होटल और ट्रैवल एजेंसियों को भारी नुकसान

शहर के होटल, गेस्ट हाउस और ट्रैवल एजेंसियां भी इस जाम की मार झेल रही हैं। कई विवाह स्थलों में बुकिंग कैंसिल कर दी गई, जिससे मालिकों को लाखों का नुकसान हुआ। एक बैंक्वेट हॉल संचालक ने बताया, “हमने पहले से सारी बुकिंग कर ली थी, लेकिन अब शादियां टल रही हैं। इससे हमारे स्टाफ को भी परेशानी हो रही है।” ट्रैवल एजेंसियों को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है। शादी समारोहों के लिए बुक की गई गाड़ियां और बसें जाम में फंसी रहीं, जिससे समय पर सेवाएं नहीं दी जा सकीं।

बाजारों में सन्नाटा, छोटे कारोबारियों पर असर

महाकुंभ के कारण आम लोगों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जो लोग अपने घरों में शादी करने की योजना बना रहे थे, वे खरीदारी के लिए बाजार नहीं जा सके। फलस्वरूप, कपड़ा, गहने, ब्यूटी पार्लर और सजावट के सामान की बिक्री में भारी गिरावट आई।

अमरनाथ हलवाई, जो शादी समारोहों के लिए मिठाई और खाने की व्यवस्था करते हैं, ने बताया, “हमें बड़े ऑर्डर मिले थे, लेकिन बारातें ही नहीं पहुंच पा रही हैं, तो मिठाइयां और खाना बर्बाद हो रहा है।”

वीवीआईपी मूवमेंट जारी, कई सीएम और अन्य राजनेता भी मौजूद

शनिवार और रविवार को वीवीआईपी मूवमेंट ने यातायात की समस्या को और बढ़ा दिया। कई राज्यों के मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम और मंत्री महाकुंभ पहुंचे, जिससे सुरक्षा व्यवस्था के कारण ट्रैफिक और बाधित हुआ। पुलिस प्रशासन को स्नान पर्व की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौनी अमावस्या जैसी विशेष व्यवस्था लागू करनी पड़ी।

एडीसीपी (यातायात) कुलदीप सिंह ने कहा, “वाहनों की अत्यधिक संख्या के कारण मेला क्षेत्र में जाम लग रहा है। हम दूर की पार्किंग भरने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लोगों की भीड़ कम होने के आसार नहीं दिख रहे।”

प्रयागराज जंक्शन पर भीड़ का जबरदस्त दबाव,

प्रयागराज जंक्शन और संगम रेलवे स्टेशन पर भी भीड़ का जबरदस्त दबाव है। संगम स्टेशन के बाहर अत्यधिक भीड़ के कारण रेलवे प्रशासन ने इसे अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला लिया। उत्तर मध्य रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया, “महाकुंभ के चलते प्रयागराज जंक्शन पर एकल दिशा में आवागमन की व्यवस्था लागू कर दी गई है। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए प्लेटफॉर्म नंबर 1 की ओर से ही प्रवेश दिया जाएगा और निकासी सिविल लाइंस की ओर से होगी।”

अगले कुछ दिनों तक महाकुंभ में भीड़ कम होने की संभावना नहीं है। इससे शहरवासियों की परेशानियां बनी रहेंगी। प्रशासन अब वैकल्पिक मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्ट करने की योजना बना रहा है, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए यह भी एक कठिन चुनौती साबित हो सकती है।

महाकुंभ एक धार्मिक आयोजन होने के बावजूद, इसकी वजह से शहर की सामान्य गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। जाम, ट्रैफिक अव्यवस्था और शादियों के टलने से न सिर्फ आम लोग परेशान हैं, बल्कि स्थानीय कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए शहर की सामान्य गतिविधियों को भी सुचारू रूप से संचालित किया जाए।

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