उत्तर प्रदेश
अमन कुमार का वैश्विक शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान
paliwalwaniहंड्रेड के वेलबिंग इन स्कूल्स ग्लोबल स्पॉटलाइट में योगदान को मिली पहचान
बागपत. ट्यौढी गांव के युवा अमन कुमार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है, जब उन्होंने फिनलैंड के प्रतिष्ठित हंड्रेड संस्थान द्वारा हार्वर्ड और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर संचालित "वेलबिंग इन स्कूल्स स्पॉटलाइट" परियोजना में एक्सपर्ट एडवाइजर की भूमिका निभाई। इस परियोजना का उद्देश्य दुनिया भर के स्कूलों में छात्रों की भलाई और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना है।
अमन ने इस परियोजना के लिए दुनियाभर से प्राप्त आवेदनों का मूल्यांकन किया और अपनी महत्वपूर्ण राय साझा की। उनकी विशेषज्ञता और गहन समझ के आधार पर, हंड्रेड और अन्य शीर्ष शोध संस्थानों ने 15 सर्वश्रेष्ठ प्रोजेक्ट्स का चयन किया, जिन पर तीन वर्षों तक विस्तार से शोध किया जाएगा। इस शोध के निष्कर्षों को वैश्विक स्तर पर साझा कर, छात्रों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न देशों में लागू किया जाएगा।
अमन कुमार का योगदान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कोविड-19 महामारी के बाद, छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और भलाई पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता और भी बढ़ गई है। अमन की राय ने हंड्रेड और अन्य प्रमुख संस्थानों को ऐसे प्रोजेक्ट्स का चयन करने में मदद की, जो छात्रों की मानसिक और भावनात्मक भलाई को प्राथमिकता देते हुए, शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं।
इससे पहले, अमन कुमार ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उन्होंने "प्रोजेक्ट कॉन्टेस्ट 360" संचालित किया, जिसके माध्यम से युवा विद्यार्थियों को कौशल विकास और शैक्षिक कार्यक्रमों से जोड़ा गया। इस प्रोजेक्ट को 80 लाख से अधिक लोगों ने देखा है, और इसके लिए उन्हें ऋषिहुड यूनिवर्सिटी द्वारा "चेंजिंग चोक्स अवार्ड" भी प्रदान किया गया।
इसके अतिरिक्त, अमन कुमार ने यूनिसेफ के नेशनल यू एंबेसडर के रूप में नई दिल्ली में यूनिसेफ इंडिया मुख्यालय में आयोजित विशेष सत्र में "यू रिपोर्ट इंडिया" प्लेटफार्म को बेहतर बनाने को लेकर भी अपनी राय दी। इसके लिए उन्हें "इंडियाज मोस्ट वैल्युएबल यू रिपोर्टर अवार्ड" से भी सम्मानित किया गया है।
हंड्रेड के क्रिएटिव डायरेक्टर साकू टूओमिनेन ने अमन कुमार के योगदान की सराहना करते हुए उन्हें प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। अमन का कहना है कि "वेलबिंग इन स्कूल्स स्पॉटलाइट" जैसे प्रोजेक्ट्स वैश्विक नीति निर्माताओं का ध्यान आकर्षित करेंगे और स्कूलों में छात्रों के लिए एक सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण तैयार करने में मदद करेंगे।
अमन कुमार का यह योगदान न केवल उनके व्यक्तिगत करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि यह भारत और विशेष रूप से बागपत के युवाओं के लिए गर्व का विषय है। उनका यह काम दर्शाता है कि कैसे एक छोटे से गांव का युवा वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण बदलाव लाने में सक्षम है। इस महत्वपूर्ण पहल का हिस्सा बनकर अमन ने यह साबित कर दिया है कि शिक्षा के क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता और समर्पण न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सार्थक और प्रभावी हो सकता है।