उज्जैन

महाकाल मंदिर के खजाने का आंकड़ा 120 करोड़ रुपए के पार : भक्तों ने 18 करोड़ रुपए का लड्डू प्रसादी खरीदा

Paliwalwani
महाकाल मंदिर के खजाने का आंकड़ा 120 करोड़ रुपए के पार  : भक्तों ने 18 करोड़ रुपए का लड्डू प्रसादी खरीदा
महाकाल मंदिर के खजाने का आंकड़ा 120 करोड़ रुपए के पार : भक्तों ने 18 करोड़ रुपए का लड्डू प्रसादी खरीदा

दान के मामले में देश के अन्य बड़े मंदिरों में शामिल

 

अक्षरविश्व प्रतिनिधि

उज्जैन : 

देश के बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक महाकाल मंदिर भी अब 100 करोड़ रुपए के खजाने वाला मंदिर बन गया है। इस बार खजाने का आंकड़ा 120 करोड़ रुपए के पार हो गया। मंदिर से लोग 18 करोड़ रुपए से अधिक का लड्डू प्रसाद खरीदकर ले गए।

मंदिर प्रबंध समिति द्वारा प्रस्तुत वार्षिक बजट के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। महाकाल मंदिर भी देश के अमीर मंदिरों की सूची में शामिल हो रहा है। वर्ष 2022 – 23 की प्रस्तावित 81.65 करोड़ रुपए थी, लेकिन सही आंकड़े सामने आए तो मंदिर प्रबंध समिति के पदाधिकारी भी चकित रह गए। वास्तविक आय 120 करोड़ रुपए की हुई। इसके मुकाबले 79 करोड़ रुपए खर्च हुए। इस हिसाब से आने वाले साल 2023 – 24 में मंदिर को 200 करोड़ से अधिक आय होने का अनुमान लगाया गया है। मंदिर में बिकने वाले बेसन के लड्डू भक्तों को इतने भा रहे हैं कि इनकी बिक्री साल दर साल बढ़ती चली जा रही। एक साल में भक्तों ने 18 करोड़ रुपए का लड्डू प्रसादी खरीदा।

महाकाल मंदिर दर्शन करने आने वाले भक्त लड्डू प्रसादी जरूर लेकर जाते हैं। मंदिर प्रबंध समिति ने चिंतामन गणेश मंदिर के पास लड्डू बनाने की यूनिट स्थापित की है, जहां रोज करीब 50 क्विंटल लड्डू बनता है। यह शुद्ध घी से बनाया जाता है। खास बात यह कि इसे बनाने पर जो लागत आती है, वह दाम से ज्यादा होती है। कलेक्टर एवं मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में बजट का अनुमोदन किया गया।

इसमें बताया गया कि आने वाले साल में 30 करोड़ रुपए का लड्डू प्रसादी दर्शनार्थियों द्वारा खरीदा जा सकता है। मंदिर की आय भी लगातार बढ़ रही है। लड्डुओं की बिक्री बढ़ते देख मंदिर प्रबंध समिति आधुनिक यूनिट स्थापित करने की तैयारी में है।

  • फाइव स्टार रेटिंग के लड्डू, घाटे में विक्रय

महाकाल मंदिर के लड्डू प्रसादी को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम (एफएसएसएआई) द्वारा शुद्धता के मामले में फाइव स्टार रेटिंग दी गई है। दो साल पहले 2021 में एफएसएसएआई ने यह रेटिंग दी थी। पिछले साल ही मंदिर प्रबंध समिति ने लड्डू प्रसादी का दाम 60 रुपए प्रतिकिलो की दर से बढ़ाया है। पहले यह 300 रुपए किलो था और अब 360 रुपए किलो। आधा किलो का 180 रुपए, 200 ग्राम का 80 और 100 ग्राम का पैकेट 40 रुपए में मिलता है।

  • मंदिर की आय और खर्च

  • 120 करोड़ 22 लाख और 46 लाख रुपए की वास्तविक आय वर्ष 2022-23 में हुई।
  • 2022-23 का वास्तविक खर्च 79 करोड़ 10 लाख 89 हजार रुपए हुआ। 81 करोड़ 10 लाख रुपए का खर्च होने का अनुमान था।
  • 2022 – 23 की प्रस्तावित आय 81.65 करोड़ रुपए थी।
  • 2023 – 24 की प्रस्तावित
  • आय 228 करोड़ रुपए प्रस्तावित की गई है और 227 करोड़ रुपए का खर्च होने का अनुमान है।
  • देश के पांच बड़े मंदिर और आय

1. तिरुपति बालाजी मंदिर,आंध्रप्रदेश की सालाना आय करीब 700 करोड़ रुपए है।

2. वैष्णो देवी मंदिर जम्मू की आय 500 करोड़ रुपए है।

3. शिर्डी के साईबाबा मंदिर की सालाना आय 350 करोड़ रुपए है।

4. पद्मनाभ मंदिर केरल, देश का सबसे अमीर मंदिर माना जाता है, जिसकी आय करीब 400 करोड़ सालाना है।

5.सिद्धि विनायक मंदिर, मुंबई की आय करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए है।

  • महाकाल लोक से आया परिवर्तन

महाकाल लोक बनने के बाद मंदिर की आय में भी काफी वृद्धि हुई है। अगले साल यह दोगुनी हो सकती है। लड्डू प्रसादी भक्तों को लागत से कम दाम पर उपलब्ध कराते हैं। इस कारण मंदिर समिति घाटा उठाकर भी प्रसाद तैयार कराती है।

राजेंद्र गुरु, सदस्य महाकाल मंदिर प्रबंध समिति

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