धर्मशास्त्र

LIVE DARSHAN : साँवलिया सेठ लाइव दर्शन, मण्डफिया राजस्थान

Paliwalwani
LIVE DARSHAN : साँवलिया सेठ लाइव दर्शन, मण्डफिया राजस्थान
LIVE DARSHAN : साँवलिया सेठ लाइव दर्शन, मण्डफिया राजस्थान

चित्तौड़गढ से उदयपुर् की ओर राष्ट्रीय राजमार्ग 76 पर 28 कि. मी. दूरी (इस राजमार्ग पर उदयपुर से चित्तौड़गढ की ओर 82 कि. मी. ) पर स्थित प्रसिद्ध श्री सांवलिया जी प्राकट्य स्थल मंदिर प्रतिवर्ष अपनी सुन्दरता एवम वैशिष्ट्य के कारण हजारों यात्रियों को बरबस आकर्षित करता है| दर्शन हेतु आप किसी भी समय यहाँ आयें, आपको दर्शनार्थियों की भीड़ ही मिलेगी।

श्री सांवलिया जी प्राकट्य स्थल नाम से प्रसिद्ध इस स्थान से सांवलिया सेठ की 3 प्रतिमाओं के उद्गम का भी अपना इतिहास है।

सन 1840 में तत्कालीन मेवाड राज्य में उदयपुर से चित्तोड़ जाने के लिए बनने वाली कच्ची सड़क के निर्माण में बागुन्ड गाँव में बाधा बन रहे बबूल के वृक्ष को काटकर खोदने पर वहा से भगवान कृष्ण की सांवलिया स्वरुप 3 प्रतिमाएं निकली।

1978 में विशाल जनसमूह की उपस्थिति में मंदिर पर ध्वजारोहण किया गया। 1961 से मंदिर के निर्माण,विस्तार व सोंदर्यकरण का जो कार्य शुरू हुआ है,वह आज तक चालू है। इस स्थल पर अब एक अत्यंत ही नयनाभिराम एवं विशाल मंदिर बन चुका है। 36 फुट ऊँचा एक विशाल शिखर बनाया गया है जिस पर फरवरी,2011 में स्वर्णजडित कलश व ध्वजारोहण किया गया।

1961 से ही इस प्रसिद्ध स्थान पर देवझूलनी एकादशी विशाल मेले का आयोजन हो रहा है। प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष की दशमी, एकादशी व द्वादशी को 3 दिवसीय विशाल मेले का आयोजन किया जाता है।

प्रतिमाह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को सांवलियाजी का दानपात्र(भंडार) खोला जाता है और अगले दिन यानी अमावस्या को शाम को महाप्रसाद का वितरण किया जाता है।

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