धर्मशास्त्र

श्री गणेश चतुर्थी का पर्व 10 सितंबर को : आइये जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Sangeeta Joshi-Sangeeta Paliwal
श्री गणेश चतुर्थी का पर्व 10 सितंबर को : आइये जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
श्री गणेश चतुर्थी का पर्व 10 सितंबर को : आइये जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

धर्म ग्रंथों के अनुसार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि (10 सितंबर 2021, शुक्रवार) पर भगवान श्रीगणेश का जन्म हुआ था। इसीलिए इस चतुर्थी को विनायक चतुर्थी, सिद्धिविनायक चतुर्थी और श्रीगणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो स्नान, उपवास और दान किया जाता है, उसका फल भगवान श्रीगणेश की कृपा से सौ गुना हो जाता है। व्रत करने से मनोवांछित फल मिलता है। इस दिन श्रीगणेश भगवान की पूजा व व्रत इस प्रकार करें…

श्री गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है, जो की इस बार 10 सितंबर 2021 दिन शुक्रवार को पड़ रही है, स्वाति नक्षत्र मध्यान्ह कालीन बेला में श्री गणेश जी का जन्म हुआ था, इस बार 9 तारीख की रात्रि 12 : बजकर 17 मिनट से लेकर 10 तारीख की रात्रि 9 बजकर 55 मिनिट तक चतुर्थी तिथि रहेगी.

विशेष योग = चित्रा नक्षत्र ब्रह्मयोग, अनफायोग, का एक अद्भुत समागम गणेश चतुर्थी के दिन बन रहा है. जिसका - विद्या, बुद्धि, व्यापार, पर एक अच्छा असर पड़ेगा. श्री गणेश चतुर्थी तिथि से लेकर अनंत चतुर्दशी तिथि तक ये गणेश उत्सव कहलाता है. इन दस दिनों में भगवान गणेश विघ्नों का हरण कर मंगल कार्यो को करते है.

श्री गणेशजन्मोत्सव = भगवान गणेश जी का जन्म उत्सव 10 सितंबर से प्रारंभ होकर  19 सितम्बर अनंतचतुर्दशी तक चलता रहेगा है, इन दिनों में गणेश जी का पूजन, अथर्वशीर्ष का पाठ, सिध्दि विनायक मंत्र जाप तदुपरान्त होम आहुति पूर्णाहुति आदि करके विधिवत तरीके से विसर्जन करना चाहिए.

पूजा व स्थापना विधि (Ganesh Chaturthi)

●  सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद अपनी इच्छा के अनुसार सोने, चांदी, तांबे, पीतल या मिट्टी से बनी भगवान ●  श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित करें (शास्त्रों में मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा की स्थापना को ही श्रेष्ठ माना है).

●  संकल्प मंत्र के बाद षोडशोपचार पूजन व आरती करें। गणेशजी की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं। मंत्र बोलते हुए 21 दूर्वा दल चढ़ाएं . 21 लड्डुओं का भोग लगाएं. इनमें से 5 लड्डू मूर्ति के पास रखें और 5 ब्राह्मण को दान कर दें.

●  शेष लड्डू प्रसाद रूप में बांट दें. ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा देने के बाद शाम के समय स्वयं भोजन करें. पूजन के समय यह मंत्र बोलें- ऊं गं गणपतये नम :

 श्री गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त

●  सुबह 5 बजकर 54 मिनिट से सुबह 8:30 मिनिट तक.

●  सुबह 11 बजकर 03 मिनिट से मध्यान्ह 1:33 मिनिट तक.

श्री गणेश चतुर्थी पूजा विधि

●  गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है.

●  सर्व प्रथम पूज्य गणेश जी की प्रतिमा गोबर या मिट्टी की होनी चाहिए.

●  निर्मित कि हुई श्री गणेश प्रतिमा पूर्व या उत्तर की और मुख कर के रखनी चाहिए.

●  इसके बाद प्राणप्रतिष्ठा करके षोडष उपचार अथवा पंच उपचार से पूजन करना चाहिए.

●  विशेष कामना के लिए श्री गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करके दुरवार्चन करे.

●  रुद्राक्ष की माला या हल्दी की माला से ॐ गं गणपतये नमः मन्त्र का 108 बार जाप करना चाहिए.

● पालीवाल वाणी.Sangeeta Joshi-Sangeeta Paliwal...✍️ 

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News