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महिला ने खेत मे ही बना डाला आइलैंड, केवल 10वी पास होकर करती है लाखों में कमाई, Google भी कर चुका है सम्मानित
Paliwalwani
समस्या कैसी भी हो, छोटी या बड़ी लेकिन उसका कोई न कोई हल जरूर होता है। जी हां, हर पहेली का जवाब होता है और हर भूलभुलैया से बाहर एक रास्ता निकलता है। इसका उदाहरण उत्तर प्रदेश के कन्नौज की रहने वाली एक महिला हैं, जिनके खेतों में हमेशा जलभराव की समस्या उत्पन्न होती थी, और उन्होंने इस समस्या से निकलने का रास्ता बड़े होशियारी से निकाला और आज लाखों की कमाई कर रहीं हैं।
कौन हैं वह महिला?
हम उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कन्नौज के तिर्वा तहसील क्षेत्र के बथुइंया गांव की रहने वाली किरण कुमारी राजपूत की बात कर रहें हैं। जिनके पास उमर्दा ब्लॉक के ग्राम गुन्दहा में 23 बीघा जमीन है और उनके इन खेतों में ज्यादातर पानी भरा रहता था, जिस वजह से खेती करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
तालाब के रूप में किया तब्दील
खेतों में पानी भर जाने के वजह से किरण (Kiran Kumari Rajpoot) खेती नहीं कर पाती थीं, फिर उन्होंने सोचा कि क्यों न इस खेत के पानी भरे हिस्सो को तालाब का रूप दे दिया जाए और उन्होंने इस बारे में अपने बेटे से बात की। फिर बेटे की राय लेकर उन खेतों के पानी भरे हिस्से को तालाब के रूप में तब्दील कर दिया।
मछली पालन किया शुरू
खेतों के पानी भरे हिस्से को तालाब में बदलने के बाद किरण ने वर्ष 2016 में जल प्लावन योजना के तहत प्रशासन से 2 लाख रूपये लिए तथा कुछ अपनी जमा पूंजी और कुछ रिश्तेदारों से उधार लेकर मछली पालन का काम शुरू किया। बता दें कि, इस काम को शुरू करने में करीबन 11 लाख रूपये का खर्च आया।
अपने खेत की जमीन पर बनाया छोटा सा आईलैंड
जैसे-जैसे मछली पालन से मुनाफा होने लगा उन्होंने इस व्यापार को और आगे बढ़ाना शुरू किया और तालाब के बीच में एक बीघा का आईलैंड बनाया। पानी के बीच बना यह आईलैंड देखने में बेहत हो खूबसूरत दिखता है।
बता दें कि, उस आईलैंड पर आम, केला, अमरूद, पपीता, करौंदा, सहजन के पेड़ और कई प्रकार के फूल लगाकर बगीचा बनाया गया है। अब यह पानी के बीच खूबसूरत दिखने वाला आईलैंड लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है और यहां रोजाना लोग घूमने के लिए आते है और घूमने के साथ लोग वोटिंग भी करते हैं।
मछली पालन और फल बेचकर होती है सालाना 5 से 7 लाख रूपये की बचत
किरण (Kiran Kumari Rajpoot) के बेटे शैलेन्द्र अब इस आईलैंड की देखभाल करते हैं। उनका कहना है कि, उनके तालाब में चाइना फिश, कत्तल, सीलन, नैन, ग्रास कटर और सिल्वर मछलियां हैं। हर साल मछलियों तथा फलों को बेचकर 20 से 25 लाख रूपये मिल जाते हैं और बचत के रूप में करीबन 5 से 7 लाख रूपये आ जाती है।
गूगल ने किया सम्मानित
किरण के बेटे शैलेन्द्र ने बताया कि, गूगल के द्वारा एक पत्र में माध्यम से उनके काम की प्रशंसा के साथ तालाब के बीच में बने आईलैंड में फलों के बाग के सुंदर नजारे की प्रशंसा की गई थी। इतना ही नहीं गूगल के कर्मचारियों ने वेबसाइट में फोटो भी अपलोड की थी। बता दें कि, गूगल ने किरण कुमारी राजपूत को एक सम्मान पत्र देकर सम्मानित भी किया था।