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कर्नाटक : बिकिनी हो या हिजाब महिलाएं तय करेंगी क्या पहनना है- प्रियंका गांधी, फिल्ममेकर ने पूछा- यूनिफॉर्म का नाम सुना है?
Paliwalwaniकर्नाटक में हिजाब बनाम भगवा स्कार्फ का मामला बढ़ता ही जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर दो फाड़ दिख रही है। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पूरे मामले पर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि यह महिलाओं का अधिकार है कि वे बिकिनी पहनें या हिजाब। प्रियंका की इस टिप्पणी पर भी सियासत शुरू हो गई। देखते ही देखते ट्विटर पर #Bikini ट्रेंड करने लगा और तमाम लोग इस हैशटैग के साथ अपनी राय रखने लगे।
दरअसल, पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा, ‘बिकिनी हो, घूंघट हो, जींस हो या हिजाब, यह तय करना एक महिला का अधिकार है कि वह क्या पहनना चाहती है। यह अधिकार भारतीय संविधान ने हर महिला को दिया है। महिलाओं को प्रताड़ित करना बंद करो। #लड़की हूं लड़ सकती हूं।’
प्रियंका गांधी के इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए फिल्ममेकर अशोक पंडित ने ट्वीट किया और लिखा, ‘मैडम, यूनीफॉर्म नाम की चीज के बारे में कुछ सुना है आपने? अगर स्कूल गए होते तो आपको पता होता कि स्कूल में सारे विद्यार्थियों को एक ड्रेस कोड का पालन करना पड़ता है!’
उधर, मलाल यूसुफजई ने भी इस मामले पर ट्वीट किया, ‘कॉलेज हमें पढ़ाई और हिजाब के बीच किसी एक को चुनने के लिए मजबूर कर रहा है। लड़कियों को हिजाब में स्कूल जाने से मना करना हैरान करने वाला है। कम या ज्यादा कपड़े पहनना महिला का अपना चुनाव होना चाहिए। भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाले इस बर्ताव को रोकना चाहिए।’
मलाला के इस ट्वीट पर रिप्लाई देते हुए अशोक पंडित ने लिखा, ‘भागी हुई बेगम जी, आप से किसी ने राय नहीं मांगी है और इसीलिए अगर चुप ही रहें तो ज़्यादा बेहतर होगा। दुनिया की नज़रों में आप एक कट्टर पंथी हो जो हिंदुस्तान के दुश्मनों के साथ मिला हुआ है!’
उधर, फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा, ‘जो लोग कह रहे हैं कि ड्रेस कोड का पालन होना चाहिए, उनके ध्यानार्थ- कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में 10वीं के बाद ड्रेस कोड की अनिवार्यता कभी नहीं रही। सभी छात्र अपनी पसंद के कपड़े पहनते रहे हैं- जिसमें हिजाब भी शामिल है। इस विवाद के बाद सरकार ने ड्रेस कोड की अनिवार्यता लागू की है।’
इसके साथ ही फिल्म मेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री ने ट्वीट किया, ‘मेरे प्रिय भारतीय लोगों, यह संस्कृति की एक घातक लड़ाई है। यदि आप अभी इससे नहीं लड़ते हैं, तो आपके पास अपनी कोई संस्कृति नहीं बचेगी। मत भूलो, कश्मीर में इसकी शुरुआत सिर्फ एक बुर्का/हिजाब से हुई थी। आज शिव और सरस्वती की भूमि में हिंदू नहीं हैं।’
बता दें कि मामले की शुरुआत उडुपी के गवर्नमेंट गर्ल्स पीयू कॉलेज से शुरू हुई। यहां की 6 छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें हेडस्कार्फ़ पहनने की वजह से उन्हें क्लास में आने से रोक दिया गया था। धीरे-धीरे उडुपी के अलावा दूसरे कॉलेजों में भी इस मामले ने तूल पकड़ लिया। कई कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया गया। जिसके बाद इसका तीखा विरोध देखने को मिला।