रतलाम/जावरा
पत्रकार राठौर दंपत्ति ने विवाह वर्षगाठ पर भरा नेत्रदान का संकल्प पत्र
जगदीश राठौरजनअभियान परिषद की प्रेरणा से नेत्रदान का लिया फैसला
रतलाम : (जगदीश राठौर...) अखिल भारतीय राठौर क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय सह प्रवक्ता जगदीश राठौर एवं नमो नमो मोर्चा भारत कि रतलाम जिला अध्यक्ष श्रीमती मधुबाला राठौर ने अपनी विवाह वर्षगाठ पर पर अनूठी पहल करते हुए मप्र जनअभियान परिषद की प्रेरणा से मरणोपरांत नेत्रदान करने का संकल्प पत्र भरा उन्होंने सरोज वेलफेयर सोसायटी के अध्य्क्ष अर्पित शिकारी को रतलाम जिला अंधत्व निवारण समिति द्वारा तैयार किए गए संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर कर अपनी सहमति प्रदान की. श्री जगदीश राठौर ने पालीवाल वाणी को बताया कि मेरी अभिलाषा हुई कि मरणोउपरांत नेत्रदान किया जाए. मैंने धर्मपत्नी से परामर्श किया तो वह भी तैयार हो गई. नेत्रदान से बड़ा कोई दान नहीं होता, क्योंकि नेत्रहीन व्यक्ति का जीवन कितना असुकून भरा होता है. यह इस बात से देखा जा सकता है कि यदि रात्रि में बिजली गुल हो जाती है, तो हम कितने असहज एवं क्रोधित होते हैं. ठीक उसी तरह किसी व्यक्ति की जीवन ज्योति हमेशा के लिए चली जाए तो ऐसे ही नेत्र व्यक्ति के लिए नेत्र के बिना संसार अधूरा है. यदि हमारी आंखों से दूसरे व्यक्ति का जीवन सुखद एवं घर रोशन हो इससे ओर अच्छा क्या होगा.
मप्र जनअभियान परिषद के जिला समन्यक रत्नेश विजयवर्गीय से सरोज वेलफेयर के अध्यक्ष अर्पित शिकारी ने संपर्क किया. तब रतलाम जिला अंधत्व निवारण समिति, जिला चिकित्सालय रतलाम का संकल्प पत्र भरवाया. इस संकल्प पत्र को अनुविभागीय अधिकारी जावरा एवं नगर पालिका प्रशासक (आईएएस) हिमांशु प्रजापति, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद जावरा श्रीमती दुर्गा बामनिया एवं भाजपा मंडल अध्य्क्ष पवन सोनी की मौजूदगी में नगर पालिका परिषद में नेत्रदान संकल्प पत्र राठौर दंपत्ति को प्रदान किया गया. इस अवसर पर अनुविभागीय अधिकारी जावरा हिमांशु प्रजापति ने कहा कि नेत्रदान एक ऐसा दान है. जिसमें हमें फिलहाल अपने पास से कुछ भी देना नही पड़ता, लेकिन मृत्यु उपरांत नेत्रदान से आत्मा को सुकून मिलेगा. कुछ दिन पहले पढ़ने में आया था कि एक आँख की कार्निया को चार भागो में विभाजित कर चार व्यक्तियों की आँखों में उसे सफल तरीके से प्रत्यारोपित करने में डॉक्टरों को सफलता मिली है. अपनी मृत्यु के उपरांत आंखें किसी काम की नहीं रहती. लेकिन यही आंखें किसी अन्य जरूरतमंद प्रत्यारोपित हो जाए तो उसे नई जिंदगी मिल जाती है. इस अवसर पर सरोज वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष अर्पित शिकारी, नगर पालिका जावरा इंजीनियर शुभम सोनी, उपयंत्री डिंपल परदेसी, सोसाइटी के सदस्य मधुसूदन पाटीदार एवं रमेश धाकड़ भी उपस्थित रहे.