राजसमन्द
बड़े कमाल की है यह बॉल, फेंकने पर उग आएगा पेड़, कीमत मात्र 2 रुपए : सीड बॉल पौधरोपण में साबित होगा मील का पत्थर
Nilesh Paliwalअनोखा सीड बॉल बना रहीं ये महिलाएं, बंजर जमीन में भी उगेंगे पौधे, पर्यावरण संरक्षण का उठाया जिम्मा
पहाड़ों को हरा-भरा बनाने की कवायद : भवानी माता मंदिर पहाड़ी पर, प्रशासनिक अधिकरियो के संग गुलेल से किया बीस हजार सीड्स बॉल का छिडकाव
प्रकृति के शोषण नहीं दोहन की भावना पर आधारित है वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा
सीड बॉल पौधरोपण में साबित होगा मील का पत्थर : केन्या देश ली प्रेरणा, 50 हजार पौधरोपण करने का लक्ष्य
Nilesh Paliwal
राजसमन्द. कॅरियर संस्थान राजसमन्द द्वारा पौधरोपण के साथ-साथ पिछले दो महीनो से सीड्स बॉल अभियान चलाया जा रहा है जिसमे सीड्स बॉल तकनीक का उपयोग लिया जा रहा है. शनिवार को भवानी माता मंदिर पहाड़ी स्थल पर संस्थान के सीड्स बॉल अभियान में उपखंड अधिकारी अर्चना बुगालिया, श्रीद्वारिकाधीश राजकीय कन्या महाविद्यालय के मुकेश मेनारिया, नगर परिषद पार्षद आशीष पालीवाल, चेतन कुमावत सहित कई महिलाये, युवतिया और आमजन प्रातः दस बजे पहाड़ी स्थल पर पहुंचे और गुलेल के माध्यम से पहाड़ी के चारो और सीड्स बॉल का छिडकाव किया.
उपखंड अधिकारी अर्चना बुगालिया ने बताया की प्रकृति के शोषण नहीं दोहन की भावना पर आधारित है, वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा है. संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए अच्छे प्रयास किये जा रहे है. राजसमन्द अभियान प्रभारी मीनल पालीवाल का कहना है की यह पहल पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीवन के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस अभियान की सफलता से प्रेरित होकर, अन्य संस्थाएं और स्थानीय लोग भी इसमें शामिल होने के लिए उत्साहित हैं, जिससे यह पहल और भी व्यापक और प्रभावशाली बन सके.
उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे इस प्रयास में सहयोग करें और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में योगदान दें. इस अवसर पर कॅरियर संस्थान राजसमन्द सचिव निलेश पालीवाल, उपाध्यक्ष विक्रम सिंह चौहान, भवानी विकास संस्थान सनवाड़ चेतन कुमावत, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण केशव साँचीयर, किशन लाल कुमावत, द्वारका प्रसाद कुमावत, रघुनाथ कुमावत, मनोहर कुमावत, कन्हैयालाल कुमावत, मुकेश बालाजी मार्बल, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष किशन गुर्जर, उपाध्यक्ष दिनेश कुमावत, सह प्रभारी रीनू शक्तावत, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष पूजा पालीवाल, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष किरण राज राठौड़, सोना राव, टीना पालीवाल, बिंदिया चौधरी, रागिनी पूर्बिया, पूजा बंग, भारती कुमावत, चंचल पालीवाल, चेतना राठौर खुशी, प्रिया, अंजली कुमावत, रितुराज, खुशी नायक, कंचन प्रजापत, चंचल पालीवाल, मीना जोशी, संजना, डिंपल डिंपल, पायल, खुशी कुमावत, निशा किर, मुस्कान किर मोजूद रही.
केन्या देश के पर्यावरण संरक्षण से प्रेरणा मिली, बनाई सीड्स बॉल कीमत मात्र 2 रुपए
हर साल लाखों की तादात में पौधरोपण होता है. जिसमें से 90% पौधे सूख जाते हैं. लेकिन संस्थान की महिलाओ ने केन्या देश से प्रेरणा लेकर पौधारोपण के साथ-साथ सीड बॉल तकनीक से पौधे उगाए जाने का तरीका अपनाया है. पौधारोपण की प्रक्रिया में काफी खर्च होता है, लेकिन सीड्स बॉल मात्र दो रुपये में एक तेयार हो जाती है और बिना खड्डे उसे ऊँचे पहाड़ी इलाकों में आसानी सर से स्प्रे कर छोड़ा जाता है, जिससे बारिश के समय सीड्स बॉल मिट्टी के नमी के कारण ग्रो हो जाती है.
6 वर्षो में जिले की कई पहाडियों पर किया छिडकाव
संस्थान की पूजा पालीवाल नेने पालीवाल वाणी को बताया कि संस्थान की महिलाओ ने पिछले 6 वर्षो से देवगढ़ की सेंड माता पहाड़ी, आमेट सीम माता, मेराथन ऑफ़ मेवाड़ दिवेर, सातपालिया, टॉडगढ़, भीम घणा बेड़ा माताजी स्थल पर सीड्स बॉल का छिडकाव किये जिसके बेहतर परिणाम आए हैं.
न बीजो का किया छिड़काव
सीड्स बॉल के द्वारा मुख्य तौर पर नीम, पीपल, बबूल, रोहिडा, अमलताश, करंज, बड़, शीशम तथा जामुन आदि के बीज थे. छिड़काव से पहले इन सीड्स बॉल को भिगोकर रखा गया, ताकि थोड़ी सी भी मिट्टी मिलते ही यह बीज जड़ पकड़ लें.
बता दें कि सीड बॉल तैयार करने के लिए सबसे पहले बीज एकत्रित करना होगा. उपजाऊ मिट्टी के साथ गोबर या कम्पोस्ट खाद की बराबर मात्रा में मिश्रण तैयार कर गीला किया जाता है. उसे लड्डू के रूप में बनाकर बीचों बीच बीज डालकर बंद कर दिया जाता है और फिर इन्हें सुखा दिया जाता है.