राजसमन्द
राजस्थान में राजनीतिक चतुराई के खेल में आने-जाने की सियासत का नियम लागू...
Paliwalwaniराजसमंद। (ललित चोरड़िया की पैनी नजर...✍) सोशल डिस्टेंस रखते हुए कोरोना महामारी के साथ जीना सीखना होगा इसी उद्घोषणा के साथ लॉकडाउन समाप्ति की ओर राजस्थान का सुपरफास्ट की तरहा आगे बढ़ रहा था। सामान्य जनजीवन में लोग राहत की सांस ले रहे थे कि राज्य सरकार के एक निर्णय ने प्रदेशवासियों में दहशत का माहौल फिर से पैदा कर डाला।
लॉक डाउन की समाप्ति के 10 दिन के दौरान व्यवसायिक गतिविधि के साथ सामान्य जनजीवन आगे बढ़ रही थी। कोरोना महामारी का डर भी लोगों में कमजोर होने लगा था। अचानक सरकार ने राज्य की सभी सीमाओं से आने जाने के लिए अधिकृत पास व्यवस्था लागू कर डाली। परमिशन पास के लिए जिला कलेक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक को अधिकृत करके केवल चिकित्सा सुविधा की जरूरत होने पर पास जारी करने का निर्देश दिया गया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का उल्लंघन नहीं हो इसलिए राज्य सरकार ने सीमाओं को सील नहीं करके पुलिस के माध्यम से अनाधिकृत आने जाने पर रोक लगा दी हैं। कोरोना महामारी का अधिक विस्फोट नहीं हो इसके लिए अन्य राज्य के लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध तो समझने में आता है मगर अन्य राज्य में जाने के लिए रोक लगाने के पीछे सरकार की क्या मंशा है...? इस पर अनेक सवाल खड़े हो गए हैं...? अचानक इस तरह के निर्णय लेने के पीछे राजनीतिक कारण रहा है। अट्ठारह जून को प्रस्तावित राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा समर्थित चौथे उम्मीदवार के चुनाव जीतने के षड्यंत्र को विफल करने के लिए मुख्यमंत्री ने चौक प्रबंध करने का संभवत प्रयास किया है। कोरोना महामारी के नाम आपदा प्रबंध को चौक बंद करने की पोल खोल कर रख दी हैं। राज्यसभा के चुनाव को लेकर उठापटक की खबरें को प्रमाणित कर दिया है। राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेश के अलग-अलग धडे की बयान बाजी से तो यही लग रहा है कि सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। राज्यसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री आरोप लगा रहे हैं कि विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का बीजेपी प्रयास कर रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री कह रहे हैं कि राज्यसभा चुनाव को लेकर कोई शंका नहीं है हमारे दोनों उम्मीदवार जीतेंगे। दूसरी और सोशल मीडिया पर सरकार के सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी का एक पत्र बिना हस्ताक्षर का वायरल हो रहा है कि उन्होंने एसीबी को पत्र लिखकर आशंका जाहिर की है कि भाजपा द्वारा विधायकों को प्रलोभन देकर सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है। सच्चाई यह है कि राज्यसभा चुनाव के कारण कांग्रेस पार्टी में चाय के प्याले में तूफान उठने जैसा माहौल दिख रहा है। कोरोना प्रकोप का डर या राजनीति की चाल चरित्र और भविष्य को लेकर सीमाएं पर पाबंद की जाना कहीं ना कहीं प्रदेशवासियों को सोचने पर तो मजबूर कर दिया...आखिर चल किया रहा है।
● राजस्थान का सुपरफास्ट
● पालीवाल वाणी ब्यूरो...✍️
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