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PM Kisan सम्मान निधि की 17वीं किस्त पर आया अपडेट!, अब ये शर्त पूरी करने पर ही मिलेंगे 2000 रुपये, तुरंत जानिए
Pushplataकेंद्र सरकार द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 16वीं किस्त की राशि जिले के किसानों के खाते में भेज दी गई है। वहीं, करीब 18 हजार 831 किसान, जिन्होंने ई-केवाइसी नहीं कराया था। वे इस योजना का लाभ लेने से वंचित रह गए हैं। माना जा रहा है कि ये सभी किसान विभागीय गाइडलाइन को पूरा करने में अनदेखी बरत रहे हैं। अगर ऐसी अनदेखी फिर कई गई तो 17वीं किस्त नहीं मिलेगी।
इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी भूपेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि योजना से एक भी किसान वंचित ना रह जाएं, इसके लिए ई-केवाइसी एवं एनपीसीआई कराने के लिए लगातार कहा जा रहा है। बावजूद इसके किसान अनदेखी कर रहे हैं।
जनप्रतिनिधियों को भी मिलेगा पीएम किसान निधि योजना का लाभ
सरकार द्वारा जनप्रतिनिधियों को भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभ से लाभान्वित करने का निर्णय लिया गया है। इससे पहले जनप्रतिनिधियों को योजना के लाभ से वंचित रखा गया था, लेकिन अब नगर निकायों व पंचायत प्रतिनिधियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिया जाएगा। किसानों को मिलने वाली राशि के तर्ज पर जनप्रतिनिधियों को भी तीन किस्तों में दो-दो हजार रुपये दिए जाएंगे।
डीएओ ने बताया कि योजना का लाभ वैसे जनप्रतिनिधियों को मिलेगा, जिनके पास कृषि योग्य भूमि हो। वहीं नगर निकायों के उपाध्यक्ष व वार्ड पार्षदों को पीएम सम्मान निधि का लाभ दिया जाएगा। इसके अलावा पंचायती राज के तहत प्रखंड प्रमुख, उप प्रमुख, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, उप सरपंच को संवैधानिक पद की श्रेणी में रखते हुए उन्हें अपात्र बताया गया था। वहीं पूर्व में निर्गत एसओपी में आंशिक संशेधन करते हुए उक्त वर्णित पदों को योजना के लिए पात्र घोषित किया गया है।
योजना का लाभ देने के लिए पात्रता की निम्न शर्तें होंगी लागू
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभ लेने के लिए जनप्रतिनिधियों को पात्रता की शर्तें लागू की गई हैं। इसमें जमीन के दाखिल-खारिज की तिथि एक फरवरी 2019 तक का होना अनिवार्य किया गया है। साथ ही संस्थागत भूमि का मालिक होना जरुरी है। आवेदक किसान अथवा जनप्रतिनिधियों की जन्म तिथि एक फरवरी 2001 के बाद नहीं होना चाहिए। परिवार में कोई संवैधानिक पद पर आसीन ना हो। परिवार में कोई केंद्र अथवा राज्य सरकार में भी मंत्री नहीं हो।
इसके अलावा परिवार में कोई भी सदस्य जिला परिषद अध्यक्ष, नगर निगम में मेयर, लोकसभा-राज्यसभा, विधानमंडल के वर्तमान या पूर्व सदस्य ना हो। वहीं जिनके परिवार का कोई भी सदस्य कार्यरत या सेवानिवृत केंद्रीय, राज्य सरकार के विभग एवं क्षेत्रीय कार्यालय, लोक उपक्रम के पदाधिकारी, कर्मचारी सरकार के अंतर्गत स्वायत प्राप्त संस्थानों के वर्तमान या पूर्व पदाधिकारी एवं कर्मचारी (चतुर्थ वर्ग को छोड़कर) ना हो। परिवार का सदस्य सेवानिवृत कर्मी ना हो, जिसका मासिक पेंशन 10 हजार से अधिक हो। इमसें भी चतुर्थ वर्ग को छोड़कर लागू किया गया है। वहीं परिवार में गत वर्ष आयकर का भुगतान ना किया गया हो।