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कर्मचारी चयन आयोग का अस्तित्व खत्म : हिमाचल सरकार ने किया भंग
Paliwalwani
हिमाचल :
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग का अस्तित्व खत्म हो गया है। राज्य सरकार ने इसे भंग कर दिया है। देर शाम को इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। शिमला में पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में हुईं अनियमितताओं के मद्देनजर राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को तत्काल प्रभाव से भंग करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि तीन साल से पेपर लीक हो रहे थे। पेपर बिक रहे थे। पूरी जांच में पाया गया है कि इस मामले में निम्न से उच्च स्तर तक के अधिकारी शामिल थे। इस दृष्टि से यह कड़ा फैसला लेना पड़ा है। पेपर लीक मामलों में जो भी शामिल हैं, उनके खिलाफ जांच चल रही है। कुछ को गिरफ्तार किया गया है।
सुक्खू ने कहा कि यह निर्णय सभी जांच रिपोर्टों पर विचार करने के बाद लिया गया है, जो यह दर्शाता है कि इसमें निम्न से उच्च स्तर तक के अधिकारियों की संलिप्तता थी। उन्होंने कहा कि इस मामले में पहली चार्जशीट दाखिल हो गई है। आवेदकों की सुविधा के लिए सरकार ने चल रही भर्ती प्रक्रिया को हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर से हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग शिमला में अगली व्यवस्था तक स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है।
चयन आयोग के कर्मचारियों को सरप्लस पूल में स्थानांतरित कर दिया गया है और उन्हें उनकी पसंद के नए विभागों में शामिल होने का विकल्प प्रदान किया जाएगा। सुक्खू ने कहा कि लंबित परीक्षाएं जिनके रोल नंबर चले गए हैं, उनकी परीक्षा राज्य लोक सेवा आयोग लेगा। इसके अलावा जो भर्ती प्रक्रिया के परिणाम आ चुके हैं, उनका दस्तावेजीकरण भी राज्य लोक सेवा आयोग करेगा। अगली परीक्षाएं भी नई व्यवस्था होने तक आयोग ही लेगा।
सीएम सुक्खू ने कहा कि अभी कई चीजें नहीं बताई जाएंगी, क्योंकि यह जांच का विषय है। प्रदेश सरकार के अधिकारियों और जांच टीम ने तथ्य पाए हैं। उनके पास फाइल आई तो यह फैसला लिया गया है कि कर्मचारी चयन आयोग को भंग किया जाए। सुक्खू ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए राज्य सरकार भर्ती के राष्ट्रीय मॉडल का अध्ययन कर रही है। उसके बाद इस संबंध में उचित निर्णय लिया जाएगा।