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अब बैंक डूबा तो खाते में 5 लाख रुपए तक की रकम सुरक्षित, जानें कैसे मिलेंगे आपको ये पैसे...!
Paliwalwaniकैबिनेट ने डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन एक्ट (DICGC) संशोधन बिल को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब बैंक के बंद होने या डूबने की स्थिति में ग्राहकों की 5 लाख रुपए तक की रकम सुरक्षित रहेगी। डिपॉजिटर्स को 90 दिन के भीतर ये रकम मिल जाएगी। अभी ग्राहकों की बैंक में जमा एक लाख रुपए तक की रकम ही सुरक्षित होती है।
हालांकि सरकार 2020 में ही डिपॉजिट इंश्योरेंस की लिमिट 5 गुना बढ़ाने का ऐलान कर चुकी थी, लेकिन इसे कैबिनेट की मंजूरी अब मिली है। अभी इसे संसद की मंजूरी मिलना बाकी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बिल को संसद के मानसून सत्र में ही पेश किया जाएगा। लोगों के मन में डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी स्कीम को लेकर कई सवाल हैं।
अगर 5 लाख रुपए से ज्यादा जमा हैं तो क्या होगा...!
मान लीजिए किसी जमाकर्ता का बैंक में 10 लाख रुपए डिपॉजिट है। अगर बैंक किन्हीं कारणों से बंद होता है तो जमाकर्ता को 5 लाख रुपए बीमा कवर मिलेगा। यह पहले सिर्फ 1 लाख रुपए था। DICGC जमाकर्ता से इस बीमा पर कोई प्रीमियम सीधे तौर पर नहीं लेता। यह प्रीमियम बैंक ही भरते हैं। डिपॉजिट गारंटी सिर्फ बैंक बंद होने की स्थिति में लागू होती है। अगर किसी जमाकर्ता के 4 लाख रुपए डिपॉजिट हैं तो नए प्रावधान के मुताबिक, उसे ये पूरी राशि बीमा कवर के रूप में वापस मिल सकेगी।
कैसे मिलता है पैसा...!
- यदि कोई बैंक बंद या दिवालिया हो जाता है, तो DICGC पहले बैंक से ग्राहकों की सूची और उनकी जमा राशि की जानकारी मांगता है।
- इसके बाद DICGC इंश्योरेंस की रकम बैंक को देता है।
- फिर बैंक अपने ग्राहकों की जमा रकम के आधार पर इंश्योरेंस का पैसा उनके अकाउंट में भेज देता है।
- कौन-कौन से बैंक इसके तहत शामिल हैं?
- सभी कॉमर्शियल, सहकारी, ग्रामीण बैंक और भारत में कार्यरत विदेशी बैंकों के बचत, चालू और जमा खाते इसके दायरे में आएंगे।
आपको कैसे पता चलेगा कि आपका बैंक DICGC के अंतर्गत...!
किसी भी बैंक को रजिस्टर करते समय DICGC उन्हें प्रिंटेड पर्चा देता है, जिसमें डिपॉजिटर्स को मिलने वाले इंश्योरेंस के बारे में जानकारी होती है। अगर किसी डिपॉजिटर को इस बारे में जानकारी चाहिए होती है तो वे बैंक ब्रांच के अधिकारी से इस बारे में पूछताछ सकते हैं।
DICGC क्या है...!
डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन यानी DICGC, रिजर्व बैंक की स्वामित्व वाली एक संस्था है, जो बैंक डिपॉजिट पर इंश्योरेंस कवर मुहैया कराती है।