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सदगुरू नेत्र चिकित्सालय काशी का हुआ भव्य भूमि पूजन एवं शिलान्यास
paliwalwaniनेत्र संबंधी सभी सुविधाएं उपलब्ध होगी नेत्र चिकित्सालय में
चित्रकूट.
संत रणछोड़ दास जी महाराज द्वारा संस्थापित मानव सेवा के लिए संकल्पित श्री सदगुरू सेवा संघ ट्रस्ट द्वारा नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में लगभग पांच दशकों से लगातार काम किया जा रहा है। जिसमे श्री सदगुरू नेत्र चिकित्सालय जानकीकुंड चित्रकूट ,श्री सदगुरू संकल्प नेत्र चिकित्सालय आनंदपुर, नेत्र चिकित्सालय बरेली लगातार नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में काम कर रहे है।
वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से काशी में संचालित स्वस्थ दृष्टि समृद्धि काशी कार्यक्रम के अंतर्गत विगत दो सालों से माह 50+ आयु के काशीवासियों का घर घर नेत्र परीक्षण का कार्यक्रम चित्रकूट स्थित सदगुरु नेत्र चिकित्सालय के साथ मिलकर प्रारम्भ किया गया था। जिसमे काशी के नेत्र रोगियों को सर्जरी हेतु नेत्र चिकित्सालय की टीम द्वारा चित्रकूट ले जाया जाता है जहाँ सभी नेत्र रोगियों की निःशुल्क सर्जरी की जाती है।
काशी से चित्रकूट की दूरी को ध्यान में रखते हुए काशी में ही नेत्र चिकित्सालय की स्थापना करने का ट्रस्ट बोर्ड द्वारा निर्णय लिया गया। और इसी के चलते आज काशी में ट्रस्ट द्वारा नेत्र चिकित्सालय का भूमि पूजन एवं शिलान्यास समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। चिकित्सालय का भूमि पूजन श्री सदगुरू सेवा संघ ट्रस्ट के अध्यक्ष विषद भाई मफतलाल एवं उनकी धर्म पत्नी रूपल बहन मफत लाल, श्री सदगुरू महिला समिति की अध्यक्षा श्री मती ऊषा जैन,ट्रस्टी ईलेश जैन एवं उनकी धर्म पत्नी मौसम जैन ट्रस्टी मनोज पांड्या के करकमलों द्वारा संपन्न हुआ।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि सदगुरू नेत्र चिकित्सालय काशी लगभग 1 लाख स्क्वायर फिट में बनकर तैयार होगा इस नेत्र चिकित्सालय में नेत्र रोग संबंधी समस्त सुविधाएं, जैसे मोतियाबिंद एवं आईओएल विभाग, बाल नेत्र विभाग, रेटीना विभाग, कार्निया, ग्लूकोमा, ओकुलोप्लास्टी विभाग, आई बैंक एवं नेत्र सर्जरी हेतु 9 अत्याधुनिक मॉडलर ऑपरेशन थियेटर की सुविधाएं उपलब्ध रहेगी। भूमि पूजन एवं शिलान्यास समारोह कार्यक्रम के दौरान श्री सदगुरू नेत्र चिकित्सालय के रेटीना विभाग के हेड डा आलोक सेन एवं उनकी धर्म पत्नी डा प्रधन्या सेन डा. कुलदीप श्रीवास्तव सहित तमाम गणमान्य लोग एवं सदगुरू नेत्र चिकित्सालय के तमाम अधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।