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Buying Home vs Rent: घर खरीदें या किराए पर रहें, जानिए आपको क्या करने से होगा लाखों का मुनाफा!
Paliwalwaniहर कोई चाहता है कि उसका अपना एक घर हो, भले ही उस घर को होम लोन लेकर क्यों ना खरीदना पड़े। उनका कहना होता है कि जो पैसा मकान के किराए में खर्च कर रहे हैं, उसमें थोड़ा और पैसा मिलाकर घर की ईएमआई दे सकते हैं। वहीं कुछ लोग आपको ये सलाह भी देते मिल जाते हैं कि घर नहीं खरीदना चाहिए, बल्कि किराए पर रहना चाहिए। तर्क दिए जाते हैं कि जो पैसे आप होम लोन की ईएमआई में खर्च कर रहे हैं, किराया उससे बहुत कम देना पड़ेगा और जो पैसे बचेंगे उन्हें कहीं निवेश कर के तगड़ा रिटर्न पा सकते हैं। तो फिर हमें घर खरीदना चाहिए या फिर किराए पर रहना चाहिए? चलिए इस पर करते हैं कुछ कैल्कुलेशन।
किसे खरीदना चाहिए घर?
अगर आप अपना पहला घर खरीद रहे हैं तो घर जरूर खरीदें। हालांकि, घर खरीदते समय कोशिश करें कि आप अपने पास से अधिक से अधिक पैसे लगाएं और कम से कम लोन लें। इतना ही नहीं, यह भी कोशिश करें कि लोन चुकाने की अवधि जितनी कम हो सके उतनी कम रखें। हालांकि, यह ध्यान रखें कि होम लोन चुकाने की अवधि जितनी कम होगी, ईएमआई उतनी ही अधिक जाएगी। यह भी ध्यान रखें कि घर तभी खरीदें जब आप लंबे समय तक वहां रहना चाहते हैं। अगर आप सोच रहे हैं कि 4-5 साल बाद घर बेच देंगे तो किराए पर ही रहें।
अगर आप घर खरीदते हैं तो उसका कैल्कुलेशन समझिए
मान लीजिए आप 20 साल के लिए एक घर खरीदते हैं, जिसकी कीमत 50 लाख रुपये है। इसके लिए आपको सबसे पहले करीब 20 फीसदी यानी 10 लाख रुपये का डाउन पेमेंट देना होगा। वहीं बाकी का 40 लाख रुपये आपको लोन लेना होगा। अगर आप 9 फीसदी की दर पर होम लोन लेते हैं तो 20 साल के लिए आपकी ईएमआई करीब 36 हजार रुपये की बनेगी। यहां मान लेते हैं कि आप 20 फीसदी के टैक्स ब्रेकेट में आते हैं और ईएमआई के ब्याज पर टैक्स छूट पा लेंगे तो आपकी इफेक्टिव ईएमआई करीब 7.2 फीसदी की दर से 31,500 रुपये के करीब बनेगी। होम लोन की ईएमआई पर 20 साल में आपको 7.2 फीसदी की दर से करीब 36 लाख रुपये का ब्याज चुकाना होगा। वहीं 20 साल तक घर को मेंटेन भी करना होगा। मान लेते हैं कि हर महीने 2000 रुपये खर्च होंगे जो हर साल लगभग 8 फीसदी बढ़ जाएंगे। ऐसे में आपको घर के लिए 20 साल में करीब 95 लाख रुपये चुकाने पड़ेंगे। हालांकि, अच्छी बात ये है कि 20 साल बाद आपका अपना एक घर हो जाएगा, जिसे अगर आप बेचेंगे तो मुनाफा कमा सकते हैं। अगर 7-8 फीसदी की दर से भी घर के रेट बढ़े तो 20 साल बाद आपका घर करीब 2 करोड़ रुपये का हो जाएगा यानी आपको 1.05 करोड़ रुपये से भी अधिक का फायदा होगा।
किसके लिए किराए पर रहना होगा फायदेमंद
अगर नौकरी या इनकम स्टेबल नहीं है तो आपको रेंट पर रहना चाहिए। अगर आपकी नौकरी में आपको जल्दी-जल्दी शहर बदलने पड़ते हैं तो आपके लिए किराए पर रहना ही बेहतर है। किराए पर रहने का फायदा ये होता है कि आप हर हर महीने बहुत ही कम पैसों का बोझ आता है, जबकि होम लोन लेने पर आप ईएमआई के बोझ तले दब सकते हैं। वहीं अगर आप कम अवधि के लिए घर खरीदने की सोच रहे हैं तो भी आपको घर ना खरीद कर किराए पर रहना चाहिए।
अगर आप किराए पर रहते हैं तो उसका कैल्कुलेशन समझें
मान लीजिए कि आप किराए पर रहने के विकल्प को चुनते हैं और हर महीने करीब 15 हजार रुपये का किराया देते हैं। यहां भी अवधि 20 साल ही मानते हैं। किराए के घर में रहेंगे तो एचआरए का फायदा भी मिलेगा। अगर आप 20 फीसदी के टैक्स ब्रेकेट में हैं तो आपका इफेक्टिव रेंट 12 हजार रुपये ही रह जाएगा। यानी सालाना आपको 1.44 लाख रुपये का किराया चुकाना होगा। अगर ये किराया 8 फीसदी सालाना की दर से भी बढ़ता है तो आप 20 साल में करीब 66 लाख रुपये किराए में देंगे। वहीं घर ना खरीद कर आपने जो डाउन पेमेंट के 10 लाख रुपये बचाए हैं, उन्हें निवेश कर के 20 साल में उस पर तगड़ा रिटर्न पा सकते हैं। मान लेते हैं कि आप औसतन 8 फीसदी ब्याज कमाते हैं तो 20 साल में आपके 10 लाख रुपये करीब 47 लाख हो जाएंगे। हर महीने 36 हजार रुपये की ईएमआई की जगह आपको सिर्फ 12 हजार रुपये ही देने होंगे। यानी करीब 24 हजार रुपये हर महीने बचेंगे, जिसे भी आप हर महीने निवेश कर सकते हैं और मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। अगर इस पर भी आप 8 फीसदी रिटर्न कमाते हैं तो 20 साल में आपके पास करीब 1.3 करोड़ रुपये जमा हो जाएंगे। इस तरह 20 साल में आप कुल 1.77 करोड़ रुपये कमा लेंगे, जबकि करीब 66 लाख रुपये किराए में चले जाएंगे। यानी आपको 1.11 करोड़ रुपयों का मुनाफा होगा।
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घर खरीदने से क्या होते हैं फायदे?
अगर आप घर खरीदते हैं तो सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि आपके जीवन में एक स्थिरता आती है। आपको हर हाल में उसकी ईएमआई चुकानी होती है, जिससे एक तरह से आप जबरदस्ती पैसों को निवेश करते हैं। लंबे वक्त में जब प्रॉपर्टी की कीमत काफी बढ़ जाएगी तो आपको उसे बेच कर तगड़ा फायदा होगा। कुछ लोग तर्क देते हैं कि जो पैसे ईएमआई में या डाउन पेमेंट के तौर पर दे रहे हैं, उसे निवेश कर के अधिक फायदा कमाया जा सकता है। हालांकि, हकीकत में ऐसा बहुत ही कम होता है, क्योंकि पैसा बढ़ने के साथ-साथ इंसान अपना लाइफस्टाइल बढ़ा लेता है बजाय उस पैसे को निवेश करने के।
ध्यान रखें कुछ बातें
घर खरीदें या किराए पर रहें, इसे लेकर जो कैल्कुलेशन की गई है, वह 20 साल के लिए है। अगर आप अपने केस में ये कैल्कुलेशन करते हैं तो घर का किराया, घर की ईएमाई की अवधि, निवेश पर मिलने वाला ब्याज और घर की कीमत में बढ़ोतरी अपने हिसाब से देखें। घर की कीमतें पिछले कुछ सालों में बहुत ही कम बढ़ी हैं, जबकि कई बार ऐसा होता है कि कुछ ही सालों में प्रॉपर्टी की कीमत कई गुना तक बढ़ जाती है। वहीं बहुत से लोग 10 हजार या उससे भी कम किराया देकर रह रहे होंगे तो उन्हें कैल्कुलेशन उसी हिसाब से करनी चाहिए। अभी के कैल्कुलेशन में माना गया है कि निवेश से 8 फीसदी का ब्याज मिल रहा है, लेकिन अगर आप स्मार्ट निवेशक हैं तो निवेश पर 11-13 फीसदी या उससे भी ज्यादा रिटर्न कमा सकते हैं। तमाम कैल्कुलेशन करने के बाद आपको जो सही डील मिले, उसे चुन लें।