महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के जालना में मराठा आरक्षण पर भारी बवाल : अजित पवार का विरोध
Paliwalwaniमुंबई :
जालना मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए विवाद को लेकर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि जो कुछ हुआ वह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण हुआ। इस दौरान पुलिस ने जो लाठीचार्ज किया गया उसका समर्थन ही नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस मामले में गहन जांच की जाएगी और जो भी दोषी है उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीति की जा रही है और लाठीचार्ज का दोष सरकार को दिया जा रहा है जोकि सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज का आदेश एसपी स्तर का अधिकारी देता है।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमारी सरकार ने जो सहूलियतें ओबीसी समुदाय को दी हैं वहीं तमाम सहूलियतें मराठा समुदाय को दी हैं। इस आंदोलन कि आढ़ में कुछ लोग गंदी राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि वह कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार लको अध्याधेश लाना चाहिए। आज वह हमें सलाह दे रहे हैं तो यह कदम उन्होंने सरकार में रहते हुए क्यों नहीं उठाया।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने मराठा आरक्षण के लिए जालना में प्रदर्शन कर रहे लोगों से सोमवार को मुलाकात की. उन्होंने कहा कि उन्हें प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले लोगों को मराठावाडा में घुसने नहीं देना चाहिए. राज ठाकर ने मनोज जरांगे से मुलाकात की, जो आरक्षण की मांग करते हुए एक सप्ताह से भूख हड़ताल कर रहे हैं. ठाकरे ने कहा कि मैं कानूनी पहलुओं का अध्ययन करूंगा और उन्हें हल करने के लिए मुख्यमंत्री से बात करूंगा. आज चुनाव नहीं हैं, लेकिन जब चुनाव आएं तो लाठियों के निशान याद रखिएगा.
बारामती में हुआ अजित पवार का विरोध
वहीं इससे पहले उपमुख्यमंत्री अजित पवार के क्षेत्र पुणे के बारामती में मराठा समाज और पार्टी कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में लोगों ने अजित पवार से शिंदे सरकार से बाहर होने की भी मांग की। इस दौरान भीड़ ने 'बाहर निकलो-बाहर निकलो..अजित पवार बाहर निकलो'जैसे नारे भी लगाए।
एनसीपी के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख ने भी दावा किया है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्रालय से फोन आने के बाद पुलिस ने जालना जिले में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया. उन्होंने कहा कि मैं महाराष्ट्र का गृह मंत्री रह चुका हूं. मेरी जानकारी के मुताबिक, मराठा प्रदर्शनकारियों पर गृह विभाग के फोन करने के बाद लाठीचार्ज किया गया. पुलिस अधिकारी वरिष्ठ अधिकारियों से आदेश मिले बगैर इस तरह की कार्रवाई नहीं कर सकते. एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराये जाने पर फोन करने वाले की जिम्मेदारी तय होगी.
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे एक व्यक्ति को अधिकारियों की ओर से अस्पताल में भर्ती कराए जाने से प्रदर्शनकारियों के मना करने के बाद शुक्रवार को जालना जिले के अंतरवाली सारथी गांव में हिंसा भड़क गई थी. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार, भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे. पुलिस ने 360 से ज्यादा लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.