मध्य प्रदेश
पंडित प्रदीप मिश्रा की महाशिवपुराण कथा की प्रशासन ने अनुमति नहीं दी : 1 अप्रैल से आरंभ होनी थी कथा
paliwalwaniमनासा. मध्य प्रदेश के शहर नीमच जिले की मनासा में अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा (सीहोर) की 1 अप्रैल से 7 अप्रैल 2024 तक होने वाली महाशिवपुराण कथा पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी हैं. इसके लिए प्रशासन ने कथा स्थल का मुआयना किया था, जिसके बाद कथा के मान से व्यवस्थाएं अनुकूल नहीं पाए जाने पर कथा निरस्त करने का आदेश जारी किया.
प्रख्यात कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के मुखारबिंद से मनासा नगर के अक्षत नगर कॉलोनी में 1 से 7 अप्रैल तक आयोजित होने वाली श्री शिव महापुराण कथा को निरस्त कर दिया गया है. सोमवार को इस संबंध में मनासा एसडीएम कार्यालय से 11 पेज का एक आदेश भी जारी किया गया है. जिसमें मनासा एसडीएम आदर्श आचार संहिता के चलते पुलिस बल की कमी ओर आयोजकों द्वारा आयोजन के लिए निर्धारित व्यवस्थाओं को अपर्याप्त माना गया है.
जिला प्रशासन की तरफ से दो बार आयोजन स्थल का जायजा लिया गया. जिसके बाद पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन ने कथा में आने वाले संभावित लाखों की भीड़ और प्रतिकूल मौसम को देखते हुए जनहानि की संभावनाओं की अंदेशा जताने के कारण व्यवस्था को नाकाफी बताया. साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 होने से ज्यादातर पुलिस फोर्स चुनावी बंदोबस्त में व्यस्त होने के कारण फिलहाल कार्यक्रम स्थगित किया जाने का अनुरोध किया गया था. जिसे आयोजक ने सहमति प्रदान कर दी.
आदेश में उल्लेख किया गया है कि कथा के लिए अनुमति दिया जाना फिलहाल संभव नहीं है, क्योंकि पुलिस द्वारा जो प्रतिवेदन प्राप्त हुआ हैं, उसके अनुसार होने वाला शिव महापुराण कथा का आयोजन वर्तमान परिस्थियों को देखते हुए फिलहाल अनुमति दी जाना उचित नहीं होगी. उक्त कार्यक्रम आगामी समय में ही किया जाना ठीक रहेगा.
ऐसी परिस्थिति में आगामी 1 से 7 अप्रैल 2024 तक होने वाली शिव महापुराण कथा के लिए अनुमति दिया जाना संभव नहीं हैं. पुलिस प्रशासन ने कथा को कुछ समय के बाद किए जाने की बात कही हैं. आपको बता दें महाशिवपुराण कथा के आयोजन के लिए शांति बाई पति स्वर्गीय शंकर लाल देवड़ा (राठौर तेली) ने प्रशासन से अनुमति मांगी थी. फिलहाल आयोजक ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की बात मान ली हैं.
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"महाशिवपुराण कथा के आयोजन के लिए शांति बाई पति स्वर्गीय शंकर लाल देवड़ा (राठौर तेली) ने प्रशासन से अनुमति मांगी थी. फिलहाल आयोजक ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की बात मान ली हैं."