इंदौर
श्रीभूवलय ग्रंथ के पहले उपखंड का भव्य विमोचन
paliwalwani
राजेश जैन दद्दू
इंदौर/जयपुर. परम पूज्य मुनि श्री श्रुत संवेगी आदित्य सागर महाराज ने बताया कि कर्नाटक के कुमुदेन्दू मुनि विरचित श्रीभूवलय ग्रंथ को मल्टीनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन द्वारा अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई है।
धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि यह केवल जैन साहित्य नहीं, बल्कि भारतीय ज्ञान परंपरा की अद्वितीय धरोहर है। श्रमण संस्कृति के महामहिम आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के परम शिष्य श्रुत संवेगी मुनि आदित्य सागर इस ऐतिहासिक ग्रंथ के प्रधान संपादक हैं, जबकि डॉ. तेजस्विनी जैन लेखिका हैं। नौ खंडों में रचित यह महाग्रंथ लगभग दो हजार चौसठ पृष्ठों का है, जिसमें मानवता, नैतिकता और जीवनदर्शन की गहन शिक्षाएं निहित हैं।
डॉ. तेजस्विनी जैन ने बताया कि पहला उपखंड नौ भाषाओं संस्कृत, प्राकृत, द्रविड़, मराठी, गुजराती आदि में यह ग्रंथ प्रकाशित हो रहा है। कृष्ण उपाध्याय, सीईओ, मल्टीनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने बताया कि इस ग्रंथ का विमोचन आज शनिवार को जयपुर में होगा, जिसमें मुनि श्री आदित्य सागर को सम्मानित किया जाएगा।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर इंदौर दिगम्बर जैन समाज के वरिष्ठ समाजसेवी डॉ जैनेन्द्र जैन आजाद जैन बीड़ी वाले हंसमुख गांधी टीके वेद मंयक जैन भुपेंद्र जैन आदि समाज जन ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की और समाज के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि बताया।





