Thursday, 13 November 2025

इंदौर

इन्दौर मेट्रो की खबर का असर : महापौर के द्वार "लगाई न्याय की दरकार..! सुनवाई के बजाय मिल रही फटकार...!

paliwalwani
इन्दौर मेट्रो की खबर का असर : महापौर के द्वार "लगाई न्याय की दरकार..! सुनवाई के बजाय मिल रही फटकार...!
इन्दौर मेट्रो की खबर का असर : महापौर के द्वार "लगाई न्याय की दरकार..! सुनवाई के बजाय मिल रही फटकार...!

इन्दौर मेट्रो की पहल...

इन्दौर मेट्रो की खबर का असर पीड़ित सिख परिवार व समुदाय के दूसरे पीड़ितों की हुई सुनवाई दूर हुई पानी से संबंधित सभी परेशानी ...महापौर सचिवालय में लंबे समय से लंबित पड़ा था,मामला,महापौर कार्यालय के कई मर्तबा चक्कर लगाने के बाद भी सिख समुदाय के पीड़ितों की गुहार कोई नहीं सुन रहा था"

 पीड़ित सिख परिवार की हुई समस्या हल..!

महापौर के विधानसभा क्षेत्र में फटे पाइप,पहुची शिकायत..

पानी पानी हुए महापौर ,समस्या हुई निराकृत..!

सोनू पवार,इन्दौर मेट्रा...इन्दौर

इन्दौर मेट्रो ने शनिवार को शीर्षक महापौर के द्वार" लगाई न्याय की दरकार..!सुनवाई के बजाय मिल रही फटकार..! के साथ खबर को प्रकाशित किया था...जिसके बाद जिम्मेदार जागे और आनन -फानन में नर्मदा के नलों आ रहे गंदे पानी की कंप्लेट व सरकारी बोरिंग के लीकेज की समस्या का निराकरण कर दिया.

आपको बता दें कि पीड़ित सिख परिवार व सिख समुदाय के दूसरे कई पीड़ित लंबे समय से नर्मदा के नलों में आ रहे गंदे पानी व सरकारी बोरिंग के लीकेज की शिकायत लेकर महापौर कार्यालय के चक्कर पे चक्कर लगाने को मजबूर थे...यहां तक की सुनवाई नहीं होने से आहत होकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव के सामने ही उनके ओएसडी निखिल कुलमी की शिकायत उनसे की ये सुनकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव भडक़ गए और पीड़ितों पर ही सुनवाई को लेकर तर्क वितर्क करते हुए चढ़ाई कर दी। महापौर पुष्यमित्र भार्गव का ये रूप देख वहां गुहार लगाने पहुंचे दूसरे पीड़ित भी हक्का -बक्का रह गए ...

सूत्र बताते है,कि महापौर पुष्यमित्र भार्गव का व्यवहार असल में जैसा वो दिखाने की कोशिश करते है...असल में उनका व्यवहार वैसा नहीं है। वो काफी गुस्सैल स्वभाग के है, जिसके चलते उनकी कई बड़े नेताओं से भी पटरी नहीं बैठती है...ये रूप वैसे कम लोग ही देख पाते है,उनमें से एक पीड़ित महिला रानी जुनेजा है,दूसरा पीड़ित व्यक्ति अमरदीप खनूजा है। जिसने महापौर पुष्यमित्र भार्गव का वो रूप देखा जो संभवत कम ही देखने को मिलता है,वैसे महापौर पुष्यमित्र भार्गव की मंडली कुछ और ही नजारा आमजन को दिखाने को लेकर प्रयास करती रहती है,जिसमें शालीन शैली शामिल है...जो है,नहीं खैर अब बात उस मुद्दे की जो इस जनहितेशी खबर के साथ सुर्खियों में है।

चाय से ज्यादा केटली गर्म है...ये बात महापौर पुष्यमित्र भार्गव के पीआरओ यानी ( पब्लिक रिलेशन ऑफिसर ) शरद व्यास पर सटीक बैठती है...वो इसलिए की महापौर पुष्यमित्र के साथ रहकर उनकी रंगत -संगत उनमें भी नजर आने लगी है। संभवत वो अब खुलकर चौथे स्तंभ की आवाज को दबाने में पूरी तरह जुट गए है,ये वही व्यास है जो एबीवीपी में रहते हुए कई आरोपों के बाद हटाए गए...इसके बाद मीडिया से जुड़े और फिर यहां भी आरोपों के चलते टिक ना सके और राजनीतिक पत्रकारिता की पक्षकारिता से जुड़ गए इनके बारे में वैसे तो कई किस्से है...जिसमें एक बड़ी रकम का मामला भी शामिल है.

बताते है,कि उस दौरान व्यास के घर पर पुलिस की जांच टीम भी जांच करने पहुंची थी। जिसमें कई तथ्य भी पुलिस ने जुटाए थे,मामला चैनल के हेड ऑफिस तक जाने के बाद शरद व्यास को भी संस्थान से विदाई दे दी गई । तब से लेकर अब-तक शरद व्यास कलम को कुछ इस तरह से चला रहे है..कि उसका पूरा फायदा भी अच्छी तरह उठा रहे है। और ये अकेले शरद व्यास की बात नहीं है,महापौर पुष्यमित्र भार्गव से जुड़े अधिकांश लोगों पर अलग -अलग तरह के आरोप लगे है। एक तरह से कहां जा सकता है,कि भार्गव से जुड़े कई लोग या तो जांच के घेरे मे है,या आरोपों के कटघरे में खड़े हुए है। 

महापौर सचिवालय जाइए और असलियत देखकर आईए

खबर तो कई तरह की सामने आती रहती है,पर ये खबर वाकई में चौंकाने वाली है...कि महापौर सचिवालय पर आम आदमी  की मुसीबत सुनवाई के दौरान और बढ़ जाती है,ये कटु सत्य है। अगर आप जान पहचान के है..तो आप काम के भी है। और काम कराने लायक भी है...पर अगर आपको कोई जानता नहीं ,मित्र भी आपको पहचानते नहीं तो फिर तो आपके काम होने का ही काम तमाम होना तय है,इसके लिए आपको धमकी से लेकर कई तरह की परेशानियोंं का सामना भी करना पड़ सकता है। 

  • शांतिलाल यादव पहले ही ,कर देते ये कमाल..नहीं लगती फटकार

झोन 12 के वार्ड 66 से शुरू हुआ ये मामला महापौर पुष्यमित्र भार्गव के सचिवालय पर शनिवार को फटकार,धमकी,निवेदन और शोर के बीच आखिरकार खबर के खुलासे के बाद सही हुआ पूरे मामले को लेकर झोनल अधिकारी शांतिलाल यादव और मौजूदा जिम्मेदार कर्मचारी भगवान और राम की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे है,खबर है,कि महापौर पुष्यमित्र भार्गव के ओएसडी निखिल कुलमी ने मामला तुल पकडऩे के बाद झोनल अधिकारी को महापौर साहब नाराज हो रहे है...कि बात कहकर फटकार लगाई जिसके बाद ये आगे सिख परिवार की सुनवाई देर सवेर हुई है। बता दें कि अफसरों से पहले पीड़ित सिख समुदाय की महिला रानी व पुरूष अमरदीप को  फटकार लगा चुकी है!

सिख समुदाय से जुड़े पीड़ित बोले : धन्यवाद इन्दौर मेट्रो

महापौर पुष्यमित्र भार्गव के निगम क्षेत्र में गंदे पेयजल की समस्या लेकर पीड़ित जन महापौर के पास गुहार लगाने पहुंचे .… जहां उन्हें शिकायत निराकरण के बजाय फटकार मिली थी ...मौके पर मौजूद इन्दौर मेट्रो ने सारा वृत्तांत समझ कर उनकी पीड़ा जानी...हालांकि महापौर के गरिमामय पद के विपरीत पीड़ितों को असहनीय व्यवहार मिला जिसकी बयानी कैमरा में रिकॉर्ड हुई...यहां महापौर के निजी सचिव महापौर से भी एक कदम आगे निकले , पीड़ितों की समस्या को प्रकाशन से रोकने के साथ अमर्यादित व्यवहार इन्दौर मेट्रो के साथ भी हुआ ...हालांकि इन्दौर मेट्रो ने अपनी जिम्मेदारी निभाई , खबर के बाद महापौर को भी उनकी गरिमा याद आई ,पीड़ित जनों की समस्या दूर की , इधर पीड़ित जनों ने इन्दौर मेट्रो का आभार व्यक्त कर धन्यवाद भी दिया ..! 

शनिवार को प्रकाशित खबर नीचे डिस्क्रिप्शन में है..!

नर्मदा की लाइन में गंदे पानी की कंप्लेंट लेकर कई मर्तबा ,महापौर सचिवालय कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हुआ सिख परिवार,सुनवाई नहीं हो रही सांसद तक भी लगा चुके गुहार...एक तो सुनवाई नहीं ऊपर से फटकार  

  • - शनिवार को फिर महापौर कार्यालय पर सुनवाई नहीं हुई,आश्वासन लेकर बैरंग लौटा परिवार
  • - दूसरी और एक वृद्ध भी पेंशन को लेकर परेशान नजर आया,आश्वासन अनदेखा होते देख चलता बना
  • - महापौर सचिवालय पर आने वाले अधिकांश आम लोगों की सुनवाई पर मात्र आश्वासन  के बाद अनदेखी का शिकार हो रही 
  • - महापौर सचिवालय अपेक्षा लेकर आ रहे आम लोग उपेक्षा का शिकार हो रहे है,लंबे समय से इसका खुलासा हो रहा है
  • न्याय की दरकार,कोई नहीं सुन रहा पुकार...!
  • सोनू पवार,इन्दौर मेट्रो/इन्दौर । 

शहर के प्रथम नागरिक के सचिवालय पर आम नागरिकों की सुनवाई नहीं हो रही है...इसका खुलासा शनिवार को फिर महापौर सचिवालय पर लगी आमजन की सुबह सुबह की सुनवाई के दौरान एक बार फिर तब देखने को मिला जब एक सिख परिवार, सुनवाई नहीं होने की शिकायत लेकर आम लोगों की कतार में फिर खड़ा होकर सुनवाई नहीं होने की शिकायत लेकर पहुंचा ,इस पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पार्षद कचंन गिद्वानी को फोन लगाया...पार्षद कचंन गिद्वानी ने तो फोन नहीं उठाया जिसपर पार्षद से जुड़े किसी अन्य व्यक्ति ने फोन पर बात की...तभी महापौर पुष्यमित्र भार्गव बोले इनका काम क्यों नहीं हुआ देखो जरा और मुझे बताओं इतना बोलकर भार्गव ने फोन काट दिया तभी पीडित सिख परिवार की महिला रानी जुनेजा ने आरोप लगाते हुए कहा कि  आपके निखिल कुलमी सुनते नहीं है।

इतना सुनते ही महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बिखरते हुए कहा कि आप निखिल के पास आए हो की मेरे पास आए हो काम में ही करूगा आपका...अब सवाल ये उठता है,कि जब निखिल के पास पीड़ित परिवार कैसे पहुंचा जब सुनवाई महापौर पुष्यमित्र भार्गव को करनी है,तो इसका जवाब भी हम ही आपको दे देते है...दरअसल निखिल कुलमी महापौर भार्गव के ओएसडी है। जो महापौर पुष्यमित्र के पास आने वाली शिकायतों के अलावा उनका सारा काम-काज देखते है।

इसी के चलते भार्गव ने निखिल कुलमी के पास पहले रानी जुनेजा नामक पीड़ित महिला व अन्य पीड़ितों को शिकायत लेकर भेजा था। अब जब शिकायत का समाधान नहीं हुआ तो पीड़ित रानी सहित अन्य अपनी सुनवाई नहीं होने की  शिकायत लेकर फिर प्रथम नागरिक के पास पहुंचे पर यहां समाधान की जगह फिर आश्वासन मिला और साथ में फटकार भी खैर इन सबके बीच पीड़ित परिवार को चौथे स्तंभ से जुड़े जिम्मेदारों को जानकारी देने पर इन सबके साथ काम नहीं होने की धमकी भी मिली...अब देखना ये होगा की पीड़ित परिवार की मुल समस्या कब-तक ऐसे ही अंधकार में रहती है।

जो सालों से मुसीबत बनी हुई है, उल्लेखनीय है,कि इससे पहले भी महापौर सचिवालय में सुनवाई नहीं होने के कई मामले सामने आ चुके है...जो दबाव प्रभाव के चलते बाहर नहीं आते है। आपको बता दें कि महापौर पुष्यमित्र भार्गव के सचिवालय में कार्यरत ज्यादातर कार्यभार संभालने वाले कार्यरत कर्मी दागी है,जिनपर कोई ना कोई आरोप लगे हुए है,अधिकांश मामलों में उनपर जांच जारी भी है। 

  • समर्थक कार्यकर्ता गुंडागर्दी पर उतरे पीड़ित को धमकाया,इधर जनसंपर्क अधिकारी ने पत्रकार को घेरा

शनिवार का दिन महापौर सचिवालय कार्यालय में शर्मिंदा करने वाला रहा यहां आम आदमी के साथ - साथ लोक तंत्र  के चौथे स्तंभ की आवाज भी दबाने की कोशिश हुई, एक और बयान देने पर पीड़ित परिवार  को सुनवाई कहीं नहीं होने देने की धमकी भरी हिदायत दी गई दूसरी और इस पूरे मामले को आमजन के सामने लाने से रोकने के लिए महापौर पुष्यमित्र भार्गव के जनसंपर्क अधिकारी  शरद व्यास ने पीड़ित के बयान लेने पर मीडियाकर्मी को फोन पर देख लेने की धमकी भी दी।

व्यास इतने पर ही नहीं रूके गर्म होते हुए बोले वीडियों कैसे बनाया ये ठीक नहीं है...हमारे घर में आकर हमारे साथ बैठकर ऐसा करोगे ।  में पत्रकार हूं,ये बात ध्यान रखना रिकॉर्डिंग करना हो तो वो भी कर लो...अच्छा नहीं होगा फिर ध्यान रखना पूरे वाक्ये से घबराकर पीड़ित सिख परिवार ने बयान डिलीट कर देने की गुहार लगाई और कहां आप वीडियों डिलीट नहीं करेंगे तो ये हमारा काम नहीं होने देंगे। आप इस पूरे वाक्ये से ये तो समझ सकते है,कि सुनवाई की दिशा और दशा का यहां क्या मापदंड है...खबर नहीं छापने का बनाया दबाव ।

  • सरकारी बोरिंग के लिए पास हुई,लोहे की पाइप लाइन जिसकी जगह प्लास्टिक की लाइन जोड़ी दी

हैरान कर देने वाला मामला महापौर पुष्यमित्र भार्गव के सचिवालय से सिख समुदाय से जुड़े लोगों ने बताई आपबीती सिख परिवार की पीडि़त महिला रानी जुनेजा और दूसरे पीड़ित अमरदीप खनूजा के मुताबिक वार्ड में सरकारी बोरिंग के लिए जो लोहे की पाइप लाइन महापौर सचिवालय से पास हुई थी। उसके स्थान पर प्लास्टिक के पाइप की लाइन नगर निगम के कर्मचारियों ने जोड़ दी और निगम के कर्मचारी लोहे के पाइप धीरे धीरे करके लेकर चले गए...अब सवाल यह की जब लोहे की पाइप लाइन पास हुई थी...तो फिर किसके कहने पर प्लास्टिक की पाइप लाइन जोड़ दी गई ...जो बार बार टूटकर परेशानी को बढ़ा रही है.

खनूजा के अनुसार वार्ड क्रमांक 66 के नगर निगम झोन 12 के क्षेत्र का ये पूरा मामला है। अगर वाकई ऐसा है..तो ये बड़ी गड़बड़ी है। जो महापौर पुष्यमित्र भार्गव के सचिवालय की देखरेख में चल रही है, आपको बता दें कि पूरे मामले को लेकर महिला रानी जुनेजा ,और अमरदीप खनूजा ने महापौर को भी अवगत कराया पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इसपर कोई जवाब नहीं दिया है।

इधर अमरदीप खनूजा के घर के अदर मौजूद नर्मदा की पाइप लाइन में भी नाली का गंदा पानी आने की कंप्लेंट की भी अनदेखी की बात सामने आ रही है, यही हाल रानी जुनेजा नामक दूसरी पीडि़त महिला के नर्मदा के नल कनेक्शन में आ रहे गंदे पानी के भी है। इधर दोनों ही पीडि़तों सहित अन्य ने स्थानीय पार्षद कचंन गिद्वानी पर भी सुनवाई नहीं करने के आरोप भी लगाए है। 

  • आमजन की मूलभूत समस्या,पानी परेशानी पर झोनल अधिकारी शांतिलाल ने भी किया किनारा" जनप्रतिनिधि तो ठीक अफसर भी कम नहीं

फिलहाल अब वार्ड क्रमांक 66 के झोन 12 के उन सिख परिवारों की हालत 1989 की फिल्म सौतन की बेटी के गाने कौन सुनेगा किसको सुनाये इसीलिए चुप रहते है..जैसी हो गई है। जिनकी गुहार कोई सुनने वाला नहीं है...ना तो महापौर पुष्यमित्र भार्गव  उनकी पानी से जुडी परेशानी दूर कर पा रहे है...

ना सांसद शंकर लालवानी ,ना स्थानीय पार्षद कचंन गिद्वानी और ना झोनल अधिकारी शांतिलाल यादव पानी से जुड़ी परेशानी हल कर पा रहे है। मामले में इन्दौर मेट्रो ने शांतिलाल यादव को पक्ष जानने के लिए कॉल किया पर यादव ने फोन नहीं उठाया ऐसे में इन्दौर की व्यवस्था के साथ जनप्रतिनिधियों की आमजन के प्रति निष्ठा आप समझ सकते है। फिलहाल पीड़ित सिख परिवार पानी की समस्या से जूझ रहा है,जिसकी सुनवाई कोई नहीं कर रहा है,ये मामला ये बताने के लिए काफी है...

कि इन्दौर जैसे महानगर में जहां जनसमस्या से जुड़े मामले की अनदेखी इस हद -तक सामने आ रही है...तो आप इस मामले से अदाजा लगा सकते है,कि प्रदेश की सरकारी व्यवस्था के साथ जनप्रतिनिधियों की कार्यशैेली दूसरे शहरों मे किस तरह की होगी। फिलहाल अनदेखी करने का चश्मा चढ़ा हुआ है, जो जल्द उतरता तो नहीं दिख रहा है।

और अंत में..!

हम अपने सभी सम्मानित पाठकों को भरोसा दिलाते हैं कि ... हम ना डरेंगे ना दबेगे खबर बेबाकी से लिखते रहेंगे  _ हमारी निष्ठा जितनी जनप्रतिनिधियों के प्रति है उतनी ही आमजन के प्रति भी है!

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News