मध्य प्रदेश
MP Seoni Police Hawala Loot Case : सिवनी हवाला कैश कांड में अब TI विभाग की एंट्री, एक और हेड कांस्टेबल सहित 11 पुलिसकर्मी सस्पेंड
paliwalwani
सिवनी. मध्यप्रदेश के सिवनी जिले से सामने आया हवाला घोटाला पुलिस विभाग की साख पर गहरे सवाल खड़े कर रहा है। जहां जनता की रक्षा की जिम्मेदारी पुलिस पर होती है, वहीं अब वही रक्षक लूट के आरोपी बन गए हैं। बंडोल थाना क्षेत्र में 1.45 करोड़ रुपए की जब्ती को छिपाकर पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ रकम दबाई, बल्कि रिपोर्ट में भी गड़बड़ी की। जबलपुर IG द्वारा की जा रही जांच से हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। वहीं इस इस पूरे मामले में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने गंभीर सवाल उठाए हैं।
हवाला कैश कांड में कार्रवाई का सिलसिला जारी है। अब इस मामले में हेड कांस्टेबल राजेश जांघेला को भी निलंबित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि राजेश CSP कार्यालय में वित्तीय लेनदेन से जुड़े मामलों को देखता था और उसी दौरान घोटाले से उसका नाम भी जुड़ गया। जबलपुर जोन के आईजी प्रमोद वर्मा स्वयं इस पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं और गहन जांच जारी है।
11 पुलिसकर्मी सस्पेंड
सिवनी पुलिस पर हवाला के 1.45 करोड़ रुपए हड़पने और कारोबारी के कर्मचारियों से मारपीट के गंभीर आरोप लगे हैं। जबलपुर जोन के IG के निर्देश पर अब तक 11 पुलिसकर्मी सस्पेंड हो चुके हैं, जिनमें SDOP पूजा पांडे और बंडोल थाना प्रभारी भी शामिल हैं। मामले में अब आयकर विभाग की जांच भी शुरू हो गई है। इस मामले में अब हेड कांस्टेबल को भी सस्पेंड किया गया है।
मामले में आयकर विभाग की एंट्री
अब इस मामले में आयकर विभाग की भी जांच शुरू हो चुकी है। जबलपुर से आयकर की टीम ने सिवनी पहुंचकर पुलिस द्वारा जब्त की गई रकम की जांच देर रात तक जारी रखी।
जब्त 3 करोड़, रिपोर्ट में दिखाए 1.45 करोड़
सिवनी हवाला कांड में एक और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। आरोप है कि पुलिस अधिकारियों ने नागपुर के एक व्यक्ति से लगभग 3 करोड़ रुपए की हवाला राशि जब्त की थी, लेकिन आधिकारिक रिपोर्ट में केवल 1.45 करोड़ रुपए की जब्ती दर्ज की गई। इससे भी अधिक गंभीर बात यह है कि गिरफ्तार आरोपी को बिना किसी कानूनी कार्रवाई के चुपचाप छोड़ दिया गया, और पूरी घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को भी नहीं दी गई।
तीन दिन में मांगी गई जांच रिपोर्ट
मामले की गंभीरता को देखते हुए जबलपुर जोन के आईजी प्रमोद वर्मा ने सख्त रुख अपनाते हुए इस पूरे घटनाक्रम की जांच के निर्देश दिए हैं। उनके आदेश पर एएसपी आयुष गुप्ता ने घटना की विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
शुक्रवार को ASP गुप्ता ने सीलादेही जंगल का दौरा किया, जो कि कथित जब्ती की जगह बताया गया है। उन्होंने वहां घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया और लौटकर पुलिस कंट्रोल रूम में संबंधित पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए। IG प्रमोद वर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस मामले की जांच रिपोर्ट तीन दिन के भीतर प्रस्तुत की जाए, ताकि दोषियों पर त्वरित और सख्त कार्रवाई की जा सके।
वरिष्ठ अफसरों से छुपाई गई जानकारी
घटना के दिन एसपी सुनील मेहता भोपाल में थे और सस्पेंड अधिकारियों ने एएसपी दीपक मिश्रा को भी मामले की जानकारी नहीं दी। इससे स्पष्ट होता है कि यह एक सुनियोजित प्रयास था।
निलंबित किए गए अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम
- पूजा पांडे – एसडीओपी, सिवनी
- अर्पित भैरम – उप निरीक्षक एवं थाना प्रभारी, बंडोल (सिवनी)
- माखन (203) – प्रधान आरक्षक, एसडीओपी कार्यालय, सिवनी
- रविन्द्र उईके (447) – प्रधान आरक्षक (रीडर), एसडीओपी कार्यालय, सिवनी
- जगदीश यादव (803) – आरक्षक, एसडीओपी कार्यालय, सिवनी
- योगेन्द्र चौरसिया (306) – आरक्षक, एसडीओपी कार्यालय, सिवनी
- रितेश (582) – आरक्षक (ड्राइवर), एसडीओपी कार्यालय, सिवनी
- नीरज राजपूत (750) – आरक्षक, थाना बंडोल, सिवनी
- केदार (610) – आरक्षक (गनमैन), एसडीओपी कार्यालय, सिवनी
- सदाफल (85) – आरक्षक (गनमैन), एसडीओपी कार्यालय, सिवनी
मामले में विपक्ष का हमला
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस घटना को ‘चौंकाने वाला और चिंताजनक’ बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि “जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं तो जनता किस पर भरोसा करे?” उन्होंने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।