जयपुर

राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी संग्राम पर विराम लगाने के प्रयास शुरू : सचिन पायलट को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी

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राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी संग्राम पर विराम लगाने के प्रयास शुरू : सचिन पायलट को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी
राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी संग्राम पर विराम लगाने के प्रयास शुरू : सचिन पायलट को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी

जयपुर. (तिलक माथुर केकड़ी) राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी घटनाक्रम पर विराम लगाने की कवायद तेज हो गई हैं.  कांग्रेस आलाकमान की तरफ से राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद को खत्म करने की कोशिश जारी हैं. इस बीच जयपुर में रविवार को कांग्रेस विधायकों और पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी पदाधिकारियों की एक अहम बैठक हुई. इस बैठक के बाद राज्य मंत्रिमंडल विस्तार के संबंध में राजस्थान के ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) प्रभारी अजय माकन ने कहा हम जल्द ही अपने फैसले की घोषणा करेंगे. जिला और ब्लॉक स्तर की कांग्रेस टीमों की नियुक्ति पर राय लेने के लिए कांग्रेस विधायकों से अलग-अलग मिलने के लिए मैं 28 एवे 29 जुलाई 2021 को फिर से राजस्थान का दौरा करूंगा. अजय माकन ने कहा, हम अपने नेताओं के साथ कैबिनेट विस्तार, कांग्रेस के जिला और ब्लॉक स्तर के प्रमुखों की नियुक्ति और बोर्डों और निगमों में नियुक्तियों पर चर्चा कर रहे हैं. सभी ने कहा है कि नेतृत्व जो फैसला करेगा उसे स्वीकार करेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि 28 एवे 29 जुलाई 2021 को ही राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. पीसीसी की बैठक में विधायकों को 28 जुलाई को जयपुर में रहने का निर्देश दिया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल का फैसला कांग्रेस हाईकमान पर छोड़ दिया हैं. कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रभारी महासचिव अजय माकन ने शनिवार देर रात सीएम हाउस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ लंबी मंत्रणा की. इस मंत्रणा में गहलोत ने मंत्रिमंडल फेरबदल से लेकर पायलट खेमे के विधायकों को मंत्री बनाने तक के सभी फैसले हाईकमान पर छोड़ दिए. इससे पहले भी गत दिनों अजय माकन गहलोत के साथ एक बार लंबी चर्चा कर चुके थे, लेकिन उस वक्त गहलोत कुछ मुद‌दों पर सहमत नहीं थे. गहलोत उस वक्त पायलट खेमे के विधायकों को बराबर भागीदारी देने के पक्ष में नहीं थे. पंजाब ऑपरेशन के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रुख में भी बदलाव के संकेत हैं, यही वजह है कि उन्होंने हाईकमान पर फैसला छोड़ मामले का सम्मानजनक हल निकालने की रणनीति बनाई. अब मंत्रिमंडल विस्तार से लेकर राजनीतिक नियुक्तियों पर जल्द फैसले की संभावना बन गई है. सचिन पायलट खेमे को इसमें पर्याप्त जगह मिलने के आसार हैं. चर्चा तो यह भी है कि सचिन पायलट को फिर से पीसीसी चीफ बनाया जा सकता है. कांग्रेस में पंजाब की तर्ज पर अब राजस्थान में जरूरी बदलाव करने की कवायद चल रही है. कांग्रेस के जानकारों के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस बार पायलट खेमे को सत्ता में भागीदारी न देने पर अड़े हुए हैं. बताया जाता है कि कभी सत्ता-संगठन से जुड़ी छोटी-छोटी बातों पर दिल्ली का रुख करने वाले गहलोत ने अब वहां जाने से दूरी बना ली है. जिस मुद्दे पर हाईकमान नेताओं को दिल्ली तलब करता रहा है, यहां हाईकमान से जुड़े नेता चलकर मुख्यमंत्री गहलोत के पास आए हैं. राजनीतिक जानकार इसके पीछे भी गहलोत की राजनीति बता रहे हैं. संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रभारी अजय माकन ने पीसीसी में कांग्रेस विधायकों और पदाधिकारियों के साथ साझा बैठक की. विधायकों-पदाधिकारियों की साझा बैठक में भी मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक और संगठनात्मक नियुक्तियों पर फैसला हाईकमान पर छोड़ने की बात दोहराई गई.

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