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Reliance Industries Share down : सरकार के इस फैसले से रिलायंस इंडस्ट्रीज को लगा बड़ा झटका, शेयर 7 फीसदी से अधिक फिसला
Paliwalwani
भारत के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर शुक्रवार (1 जुलाई, 2022) को 7 फीसदी से अधिक फिसल गया। गिरावट के पीछे की सबसे बड़ी वजह सरकार की ओर से जारी किया गया एक नोटिफिकेशन था, जिसमें कहा गया था कि सरकार ने पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर एक्साइज ड्यूटी 6 रुपए और 13 रुपए बढ़ाने का फैसला किया है।
सरकार के इस आदेश के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में बड़ी बिकवाली देखने को मिली और शेयर दिन के दौरान 2366 के स्तर तक पहुंच गया। हालांकि बाद में कंपनी के शेयर में रिकवरी देखने को मिली और 2,406 रुपए प्रति शेयर के स्तर पर बंद हुआ।
40 फीसदी आय तेल कारोबार से:
रिलायंस इंडस्ट्रीज का नाम भारत की सबसे बड़ी तेल और गैस कंपनियों में आता है। मौजूदा समय में कंपनी के कुल आय में से 40 से अधिक अभी भी तेल कारोबार से आती है जो उसे पेट्रोल डीजल के निर्यात करने से मिलती है। वहीं जानकारों का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने से सीधा असर रिलायंस इंडस्ट्रीज के कारोबार पर पड़ेगा और आने वाले समय में उसकी आय में भी कमी आ सकती है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने हमारी सहयोगी बिजनेस वेबसाइट फाइनेंसियल एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि रिलायंस के स्टॉक में गिरावट सरकार की ओर से घरेलू तेल उत्पादन करने वाली कंपनियों और रिफाइनरी पर एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के कारण है। हालांकि रिलायंस के पास तेल निर्यात केंद्रित ऑयल रिफायनरी है और उसे इस बढ़ी हुई एक्सपोर्ट ड्यूटी से छूट मिल सकती है। आगे कहा कि हालिया गिरावट के पीछे कच्चे तेल के दामों में कमी और रिफायनिंग मार्जिन में कमी आना की भी एक बड़ी भूमिका है।
पिछले 18 महीनों में सबसे बड़ी गिरावट:
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में पिछले 18 महीने में सबसे बड़ी गिरावट हुई है। इस गिरावट के कारण रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाजार मूल्यांकन में 1.5 लाख करोड़ से अधिक की कमी आई है।