इंदौर
श्री पालीवाल ब्राह्मण समाज इंदौर में आज तुलसी विवाह एवं ठाकुरजी की बारात निकलेंगी
Anil Bagora-Sunil Paliwal
इंदौर. श्री पालीवाल ब्राह्मण समाज 44 श्रेणी इंदौर के कार्यकारिणी सदस्य श्री कृष्णकांत जोशी ने पालीवाल वाणी को बताया कि माँ शक्ति सेवा मण्डल, बिजासन के तत्वाधान में श्री चारभुजा नाथ मंदिर, पालीवाल समाज धर्मशाला, महाराणा प्रताप मार्ग, इंदौर पर आज तुलसी विवाह ठाकुरजी की बारात दिनांक 1 नवंबर 2025, दोपहर 3.00 बजे से एवं मधुर क्षण : ठाकुर जी की बारात शाम 4.00 बजे, शुभ लग्न शाम 6.00 बजे के आयोजन कार्यक्रम में आप सब की गरिमापूर्ण मौजूदगी दर्ज कराकर आयोजन को सफल बनाएं.
माँ शक्ति सेवा मण्डल, बिजासन ने सभी समाजजनों को विशेष अनुरोध किया है कि पुरुष सफेद वस्त्र एवं महिलाएं केसरीया वस्त्र धारण करने की कृपा करें एवं धार्मिक आयोजन में सहभागी बनें. विशेष रूप से श्री पालीवाल ब्राह्मण समाज 44 श्रेणी इंदौर अध्यक्ष श्री भुरालाल जी व्यास सहित समस्त प्रबंध कार्यकारिणी अपनी गरिमापूर्ण मौजूदगी दर्ज कराईगी.
● स्थान : श्री चारभुजा नाथ मंदिर, पालीवाल समाज धर्मशाला, महाराणा प्रताप मार्ग, इंदौर
!! आप सादर-आमंत्रित है...!!
Vrat Festival in November 2025: हिंदू धर्म में नवंबर महीना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। इस महीने देवउठनी एकादशी से शुभ कार्यों की दोबारा शुरुआत होती है, इसी दिन भगवान विष्णु चार महीनों की योगनिद्रा से जागते हैं. इसके साथ ही हिंदू धर्म का सबसे लोकप्रिय त्यौहार तुलसी विवाह भी नवंबर के महीने में ही पड़ा रहा है. इस दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप के साथ माता तुलसी का विवाह कराया जाता है. इसी महीने कार्तिक पूर्णिमा भी पड़ रही है. इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है.
एकादशी तिथियों में देव उठनी एकादशी सबसे महत्वपूर्ण
एकादशी तिथियों में देव उठनी एकादशी को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. इसे इसे हरिप्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. देव उठनी एकादशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु चार महीनों की योग निद्रा से जागते हैं. पृथ्वी पर धर्म, कर्म और शुभ कार्यों की दोबारा शुरुआत होती है.
इस दिन से वैवाहिक कार्यक्रम, गृह प्रवेश, मुंडन और अन्य शुभ मांगलिक कार्य आरंभ होते हैं. इस बार एकादशी तिथि 1 नवंबर 2025, शनिवार सुबह 09 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर अगले दिन सुबह 07 बजकर 31 मिनट तक रहेगी. ऐसे में इस बार देव उठनी एकादशी 2 नवंबर, रविवार को मनाई जाएगी.
तुलसी विवाह
तुलसी विवाह देवउठनी एकादशी के अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को मनाया जाता है. यह त्योहार हिन्दू धर्म में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय त्यौहारों में से एक है. इस दिन तुलसी माता का विवाह भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप से किया जाता है. इस दौरान तुलसी के पौधे को सुहाग सामग्री से दुल्हन की तरह सजाया जाता है. हवन, भजन के साथ विवाह संस्कार का आयोजन होता है. ऐसा माना जाता है कि तुलसी विवाह में शामिल होने से वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ता है और कुण्डली से विवाह संबंधित दोष दूर होते हैं.





