इंदौर
स्वच्छ इंदौर में दागदार व्यवस्था बेदम व्यवस्था और दम तोड़ती जिंदगी
अशोक मेहता
इंदौर. आधे घंटे पानी आ जाए तो लाइट बंद जगह-जगह पानी जमा, गंदगी कीचड़ और जमा पानी कितने मच्छर पैदा करेंगे. कितनी बदबूदार हवा वातावरण में मिलेगी. पेड़ लगाओ अभियान तो चलाते हैं...पर पेड़ों की कटाई छटाई करने का भूल जाते हैं.
जरा भी आंधी तूफान आया पेड़ गिरेंगे या तो गाड़ी घोड़े पर या बिजली के तारों पर, आज भी हमारे शहर में हजारों लाखों पेड़ों की छटाई बहुत आवश्यक है, पेड़ लगाने के लिए तो जनता से आप ने मदद लेके लाखों पेड़ लगाए पर उनका मेंटेनेंस तो नगर निगम और सरकार को ही देखना है.
बिजली विभाग ने इस बार इंदौर वासियों को ठेठ गांव से भी बदतर हालत दिखाये, घंटो बिजली गुल रही ऐसे में छोटे बच्चे, बुजुर्ग, बीमार और जिनके घरो में इनवर्टर नहीं हो उन्होंने कैसे दिन निकाले होंगे उनकी आत्मा जानती है. वह दिन गए कि जब सड़क पर जमा पानी मे हम छपक...छपक खेलते थे. आज के बच्चे यह पसंद नहीं करते तो फिर सड़क पर पानी जमा ही क्यों हो.
जनता से भरपूर टैक्स लेना, यह तो अच्छा लगता है...लेकिन इन विभागों की लापरवाही और गैर जिम्मेदना व्यवहार पर सरकार क्या एक्शन लेगी अब यह तो सब भगवान भरोसे है.
● अशोक मेहता, इंदौर (लेखक पत्रकार पर्यावरणविद्)