इंदौर
बक्सवाहा बचाओ समर्थक समूह द्वारा प्रदेश व्यापी आंदोलन कल इंदौर में, मानव श्रंखला का नेतृत्व पूर्व महाधिवक्ता आनंद मोहन माथुर करेंगे
Sunil Paliwal-Anil Bagora● संभाग आयुक्त कार्यालय के समक्ष होगा विरोध प्रदर्शन, विभिन्न जन संगठनों की ओर से दिया जाएगा ज्ञापन
इंदौर. मध्य प्रदेश की पर्यावरण विरोधी और पूंजीपतियों की रक्षक सरकार द्वारा प्रदेश के पर्यावरण और जंगल को नष्ट करने के फैसले के खिलाफ पूरे मध्यप्रदेश में आक्रोश हैं. मध्यप्रदेश में सक्रिय जन संगठनों, राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने बक्सवाहा जंगल बचाने के लिए प्रदेश व्यापी अभियान समिति गठित कर आंदोलन का निर्णय किया हैं. उसी के तहत इंदौर में भी विभिन्न जन संगठनों द्वारा पूर्व महाधिवक्ता आनंद मोहन माथुर के नेतृत्व मे 28 जून 2021 सोमवार को बक्सवाहा जंगल बचाओ पर्यावरण बचाओ की मांग के समर्थन में इंदौर के संभाग आयुक्त कार्यालय के समक्ष शाम 4 : 30 बजे मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा एवं महामहिम राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन दिया जाएगा.
● प्रदेश सरकार बक्सवाहा के जंगलों में सवा दो लाख हरे भरे पेड़ों को काटने की तैयारी में...
बक्सवाहा बचाओ समर्थक समूह इंदौर की ओर से रामस्वरूप मंत्री ने उक्त जानकारी पालीवाल वाणी को देते हुए बताया कि ऑक्सीजन को तरस रहे देश में छतरपुर स्थित बक्सवाहा के जंगलों में सवा दो लाख हरे भरे पेड़ों को काटने की तैयारी प्रदेश सरकार ने कर ली हैं. सरकार के इस फैसले के बाद देश भर के पर्यावरण प्रेमियों में रोष है. कल 28 जून को बनने वाली मानव श्रृंखला और विरोध प्रदर्शन में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी इंडिया, आम आदमी पार्टी, एस यू सी आई, समाजवादी पार्टी, इंटक, एटक, सीटू, एच एम एस, संयुक्त ट्रेड यूनियन काउंसिल, सिटी ट्रेड यूनियन काउंसिल, जयस, कामकाजी महिला संगठन, भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा), प्रगतिशील लेखक संघ, जनवादी लेखक संघ, भारतीय महिला फेडरेशन, फूलन आर्मी, भगतसिंह दिवाने ब्रिगेड, लोहिया विचार मंच, अम्बेडकर विचार मंच एवं इंदौर के सभी प्रगतिशील जन संगठन के कार्यकर्ता भागीदारी करेंगे.
● बक्सवाहा जंगल बचाओ आंदोलन की प्रमुख मांगे
बक्सवाहा जंगल बचाओ आंदोलन की प्रमुख मांगे है. बक्सवाहा बचाओ समर्थक समूह इंदौर की विज्ञप्ति में कहा गया है कि बक्स्वाहा डायमंड प्रोजेक्ट निरस्त हो, बक्स्वाहा के जंगल का संरक्षण हो, बक्स्वाहा जंगल के प्रागैतिहासिक कला - कृति को संरक्षित किया जाए, बक्स्वाहा जंगल से जुड़े ग्रामीणों की खेती व वनोपज आधारित टिकाऊ आजीविका की योजना तैयार की जाए, बक्स्वाहा जंगल को नेचर ओपन स्टडी व नेचर टूरिज़म के रूप में विकसित कर रोजगार व अध्ययन क्षेत्र की नई संभावना विकसित की जाए. विज्ञप्ति में कहा गया है कि बक्स्वाहा के जंगल की कटाई स्थानीय मुद्दा नहीं है यह राष्ट्रीय मुद्दा है,बक्स्वाहा के जंगल में हीरे का भंडार पाए जाने के बाद खनन का काम बिरला की कंपनी को सौंपे जाने की तैयारी है. इस कंपनी को लगभग 382 हेक्टेयर वन क्षेत्र लीज पर दिया जाने वाला है. यह घना और समृद्ध जंगल तो है ही साथ में यहां से लाखों लोगों की आजीविका चलती हैं. इससे संस्कृति भी जुड़ी हुई है. बक्सवाहा के जंगल हीरा खनन के लिए निजी कंपनी को सौंपे जाने की प्रक्रिया के खिलाफ मामला एनजीटी में भी पहुंच गया हैं. बक्सवाहा बचाओ संघर्ष समर्थक समूहों की ओर से सर्वश्री श्याम सुंदर यादव, अरविंद पोरवाल, अजय लागू, सारिका श्रीवास्तव, रामस्वरूप मंत्री, कैलाश लिंबोदिया, अरुण चौहान, प्रमोद नामदेव, हरिओम सूर्यवंशी, रूद्रपाल यादव, अशोक दुबे, अजय यादव आदि ने देश बेचने की साजिश के खिलाफ सभी पर्यावरण प्रेमी और जन संगठनों से जुड़े लोगों और आम नागरिकों से अपील है कि इस मानव श्रृंखला में अधिक से अधिक भागीदारी करें और पर्यावरण बचाने के लिए एकजुट हों.
● बक्सवाहा बचाओ समर्थक समूह, इंदौर की ओर से रामस्वरूप मंत्री द्वारा जारी.
संपर्क सूत्र : 7999952909
● पालीवाल वाणी मीडिया नेटवर्क.Sunil Paliwal-Anil Bagora...✍️