इंदौर

फिंगर प्रिंट के महत्व एवं उपयोगिता को लेकर, पुलिस कंट्रोल रूम पर हुआ प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

Paliwalwani
फिंगर प्रिंट के महत्व एवं उपयोगिता को लेकर, पुलिस कंट्रोल रूम पर हुआ प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन
फिंगर प्रिंट के महत्व एवं उपयोगिता को लेकर, पुलिस कंट्रोल रूम पर हुआ प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

पुलिस कर्मियों के साथ ही फोरेंसिक साइंस के विघार्थियों ने भी सीखीं, सही तरीके से फिंगर प्रिंट लेने की प्रणाली एवं जाना अपराधों की विवेचना में इन साक्ष्यों का महत्व

इंदौर : अपराधों में त्वरित कार्यवाही व इनमें वैज्ञानिक साक्ष्यों का उपयोग कर, विवेचना को और बेहतर व गुणात्मक तरीके से कर, अपराधियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के उद्देश्य से श्रीमान पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर श्री हरिनारायणचारी मिश्र के निर्देशन में एवं अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अप./मुख्या.) इंदौर श्री राजेश हिंगणकर व अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (का./व्य.) इंदौर श्री मनीष कपूरिया के मार्गदर्शन में इन्दौर पुलिस द्वारा वैज्ञानिक साक्ष्यों, फिंगर प्रिंट आदि के महत्व एवं अपराधों के अनुसंधान को और बेहतर करने हेतु नई नई तकनीकों से पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अवगत करवाने हेतु समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है।

इसी कड़ी में पुलिस उपायुक्त इंदौर ज़ोन-4 श्री आर.के. सिंह की विशेष उपस्थिति में शहर के कोर्ट मुंशियो, थानों में अपराधियों के फिंगर प्रिट लेने वाले पुलिस कर्मियों एवं होलकर साइंस कॉलेज के फोरेसिक साइंस के विघाथियों के लिये, वैज्ञानिक साक्ष्यो, फिंगर प्रिंट के महत्व एवं उपयोगिता के बारें में एक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन पुलिस कंट्रोल रूम पलासिया पर किया गया। 

उक्त कार्यशाला में फिंगर प्रिंट शाखा के उप पुलिस अधीक्षक श्री अवनेश बुधौलिया, निरीक्षक श्रीमती किरण शर्मा, निरीक्षक श्री अनिल पाटीदार, उप निरीक्षक बीना दुबे और टीम द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न अपराधों को ट्रेस करने में, फिंगर प्रिंट एवं फोरेंसिक साक्ष्यों का कितना महत्व एवं अनुसंधान में इनका उपयोग किस प्रकार किया जाए ये बताते हुए, फिंगर प्रिंट लेने के सही तरीके तथा इसे लेते वक्त क्या सावधानियां रखे आदि बातों के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। उक्त प्रशिक्षण दो सत्रों में आयोजित किया गया, प्रथम सत्र में शहर के विभिन्न थानों में कार्यरत् कोर्ट मोहर्रिरों एवं द्वितिय सत्र में थानों में अपराधियों के फिंगर प्रिट लेने वाले पुलिस कर्मियों एवं होलकर साइंस कॉलेज के फोरेसिक साइंस के विघाथियों को वैज्ञानिक साक्ष्यों के महत्व एवं उपयोगिता के संबंध में आवश्यक जानकारियों से अवगत करवाया गया।

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