इंदौर
पुष्कर में कार्तिक में निकलेगी रथयात्रा ; पहली रथयात्रा में नजर आया श्रद्धालुओं का उत्साह - स्टाम्प पर लिखकर दिया दान पत्र
Paliwalwaniइंदौर : मालवांचल के नर्मदा तट स्थित सत्यधाम मंदिर में निर्मित काष्ठ रथ पर तीर्थराज पुष्कर में कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष्य में जगन्नाथ रथयात्रा की तर्ज पर ब्रह्माजी -सावित्री की रथयात्रा धूमधम से निकाली गई। सप्त सरोवर घाट क्षेत्र में निकली इस यात्रा को श्रद्धालुओं मोटे और लंबे रस्से की मदद से हाथों से खींचा। इस अवसर पर विश्व के एकमात्र पुष्कर स्थित ब्रह्माजी के मंदिर के पुरोहितों को 100 रु. के स्टाम्प पर सत्यधाम मंदिर के पुजारी पं. गोरेलाल शर्मा एवं पं. पीयूष शर्मा ने विधिवत दानपत्र लिखकर रथ को इस शर्त के साथ भेंट किया कि इस रथ का उपयोग केवल ब्रह्माजी की रथयात्रा के लिए ही होगा, किसी अन्य प्रयोजन के लिए नहीं।
तीर्थराज पुष्कर की यात्रा से लौटे परशुराम महासभा के प्रदेश प्रभारी पं.संजय मिश्रा एवं गोविंद शर्मा ने बताया कि पुष्कर स्थित ब्रह्माजी के मंदिर की व्यवस्थाएं "तीर्थ गुरु पुष्कर पुरोहित संघ ट्रस्ट " द्वारा संचालित की जाती है। सत्यधाम से इंदौर, उज्जैन, नीमच चित्तोड़ होते हुए काष्ठ रथ 18 नवम्बर को सुबह पुष्कर पहुंच गया, जहां ट्रस्ट के सदस्य रूपचंद शर्मा, श्रीमती सविता पाराशर, ठाकुर प्रसाद, श्रीमती अर्पिता पाराशर, पं. विष्णुप्रसाद एवं अन्य सदस्यों को मालवांचल में निर्मित यह काष्ठ रथ हस्तांतरित कर दिया गया। रथ के साथ अष्ट धातु की 11 किलो वजनी ब्रह्माजी की एवं मां सावित्री की 37 किलो वजनी अष्ट धातु की प्रतिमा भी विराजित की गई है। इस रथ में सागौन एवं चंदन की लकड़ी का ही प्रयोग किया गया है। इसके निर्माण में पश्चिम निमाड़ के शिल्प कारीगरों को चार माह का समय लगा। इस पर कुल 15 लाख रुपए की लागत आई है। इस मौके पर सत्यधाम मंदिर के पुजारी पं. गोरेलाल शर्मा एवं पं. पीयूष शर्मा ने 100 रु. के स्टाम्प पर दान पत्र लिखकर भेंट किया, जिसमें इस बात का विशेष उल्लेख है कि इस रथ का उपयोग केवल ब्रह्माजी की रथयात्रा में ही वर्ष में एक बार किया जाएगा। साक्षी के रूप में इस दानपत्र पर परशुराम महासभा के प्रदेश प्रभारी पं. संजय मिश्रा के भी हस्ताक्षर हैं। इसके साथ ही यह निर्णय भी लिया गया कि प्रतिवर्ष जगन्नाथ रथयात्रा की तर्ज पर कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी से पूर्णिमा के बीच किसी एक तिथि पर पुष्कर नगर में रथयात्रा निकाली जाएगी।
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मुख्य बाजार स्थित ब्रह्माजी के मंदिर से ब्रह्माजी एवं सावित्री की रथयात्रा जयघोष के साथ निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सप्त सरोवर घाट की परिक्रमा करते हुए रथ को रस्से की मदद से पुनः मंदिर तक पहुंचाया। समूचे मार्ग में दोनों ओर श्रद्धालुओं का मेला जुटा रहा। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए मौजूद थे। इसके पूर्व ब्रह्माजी के मंदिर में रथ की पूजा अर्चना भी की गई। यह पहला मौका है जब मालवांचल के किसी मंदिर में बने रथ पर हर वर्ष रथयात्रा निकाली जाएगी।