इंदौर

रणजीत हनुमान मंदिर : ढाल और तलवार लिए विराजमान हैं हनुमानजी : भक्तों को मिलता है तुरंत लाभ

विनोद गोयल
रणजीत हनुमान मंदिर : ढाल और तलवार लिए विराजमान हैं हनुमानजी : भक्तों को मिलता है तुरंत लाभ
रणजीत हनुमान मंदिर : ढाल और तलवार लिए विराजमान हैं हनुमानजी : भक्तों को मिलता है तुरंत लाभ

इंदौर. (विनोद गोयल...) णजीत हनुमान मंदिर भारत भर में अपने अद्भूत चमत्कारों से भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ हैं. यहां आने श्रद्वालुजनों की हर मनोकाला पुरी होती है, वही तमाम आने वाली परेशानियों से भी तुरंत लाभ मिल जाता हैं, जो भक्त एक बार दर्शन करने आता हैं, उसके बाद हर बार दर्शन करने के लिए आतुर नजर आता हैं. रणजीत हनुमान मंदिर इंदौर के पंडित श्री दीपेश व्यास ने पालीवाल वाणी को बताया कि रणजीत हनुमान मंदिर में हमने भी कई अद्भूत चमत्कार देख है और भक्तों को मिले लाभ का बखान मंदिर में करते हुए देखा जा सकता हैं. हर कोई मुरीद हैं, रजणीत हनुमान मंदिर में आने को. भारत वर्ष में हनुमान जी के कई मंदिर हैं जहां उनकी अलग प्रतिमा के साथ चमत्कारों का भंडार भरा हैं.

रणजीत हनुमान मंदिर

इंदौर में हनुमानजी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने आप में अलग छवि के साथ अपनी मनमोहक माया को लेकर प्रसिद्ध है. इस मंदिर में हनुमान जी अपने हाथ में तलवार लेकर आशीर्वाद देते हैं. आजकल लोग यहां परेशानियों का हल जानने के लिए आते हैं और साथ ही जीत का आशीर्वाद लेकर ही वापस जाते हैं. मध्यप्रदेश के इंदौर में रणजीत हनुमान मंदिर है जहां लोग सालभर अपनी जीत का आशीर्वाद लेने जाते हैं. रणजीत हनुमान जी के मंदिर की विशेषता है की यहां हनुमानजी ढाल और तलवार लिए विराजमान हैं. यह विश्व का एकमात्र ऐसा हनुमान मंदिर है जहां हनुमान जी अपने हाथ में ढाल और तलवार के साथ खड़े हैं और उनके चरणों में अहिरावण है. इस मंदिर की स्थापना सवा सौ साल पहले की गई थी. वैसे तो मंदिर स्थापना व इतिहास को लेकर कोई पुख्ता विशेष जानकारी नहीं है, लेकिन पुराने अनुभावों से मिली जानकारी के अनुसार इस से ज्यादा पुराना मंदिर हो सकता हैं, पहले मुर्ति की स्थापना हुई थी उसके बाद मंदिर का विकास धीरे-धीरे विशाल स्वरूप में बदल गया. 

रणजीत हनुमान मंदिर

हनुमान प्रतिमा को देख कर लगता है की वे किसी युद्ध में जाने की तैयारी में हैं. मंदिर को लेकर ये है पौराणिक कथा. पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार दो राजाओं की लड़ाई में एक राजा जंग हारने की कगार पर पहुंच गया. भागते हुए वह भर्तहरी गुफा में पहुंचा, जहां पर एक महात्मा अपने ध्यान में लिप्त थे. राजा काफी देर यहां बैठा रहा और जब महात्मा अपने ध्यान से मुक्त हुए तब उन्होंने राजा को कुछ रोटी के टुकड़े दिए और कहा कि इन्हें रास्ते में डालते जाना और जब तक यह खत्म ना हो जाएं, पीछे मुड़कर मत देखना. जहां ये टुकड़े खत्म होंगे वहां तुम्हें एक मंदिर मिलेगा और वहीं तुम्हारी सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी. राजा ने महात्मा के कहे अनुसार ऐसा ही किया, और जिस मंदिर के बाहर रोटी के टुकड़े खत्म हुए वो हनुमान जी का मंदिर था. राजा ने पीछे मुड़कर देखा तो एक बड़ी सेना उसके पीछे थी, उसने फिर युद्ध किया और उसे विजय हासिल हुई. मंदिर को लेकर लोगों का कहना है कि अगर हनुमानजी के सामने आधा घंटा मन लगाकर ध्यान लगा लिया जाए तो आपकी सभी परेशानियों का हल आपको तुरंत मिल जाता है. भगवान आपको कोई ना कोई रास्ता जरुर दिखा देते हैं. इंदौर में कई विख्यात मंदिर हैं. जिनकी अपनी-अपनी मान्यता हैं. ऐसे भी इंदौर धार्मिक कार्यक्रमों से जाना-पहचाना जाता हैं, ऐसा कहा जाता है कि इंदौर में जितने भंडारे होते हैं. शायद की देशभर में इतने भंडारे होते हैं. यह सब कृपा मां अहिल्या की नगरी इंदौर शहर को ही सौभाग्य हैं. इसका प्रमाण यह भी है कि इंदौर शहर लगातार नंबर वन की श्रेणी में गिना जा रहा हैं. इससे ज्यादा चमत्कार रणजीत हनुमान मंदिर से ज्यादा और क्या मिलेगा. सभी श्रद्वालुजन अपनी -अपनी आस्था प्रकट करते हुए नित्य दर्शन लाभ ले रहे हैं.

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