इंदौर
नागर ब्राहमण समाज इंदौर द्वारा आयोजित अन्नकूट प्रतिभा सम्मान समारोह में दी कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगाने की सीख
Ayush paliwalइंदौर : नगर ब्राह्मण समाज इंदौर के अध्यक्ष केदार रावल एवं महासचिव श्री प्रभात नागर, योगेश शर्मा एवं समस्त विद्योतेजक ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष श्री दीपक शर्मा ने पालीवाल वाणी को बताया कि इंदौर नागर ब्राह्मण समाज समस्त विद्योतेजक ट्रस्ट द्वारा दिनांक 14 नवंबर 2021 रविवार को गोपाल मंदिर कुटिया श्रीनगर इंदौर में अन्नकूट व प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में प्रोफेसर राजेंद्र नागर एवं सुप्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रेणुका मेहता, विशेष अतिथि के रूप मेंश्री मोहन जी भट्ट (मुख्य पुजारी खजराना गणेश मंदिर), श्री प्रवीण त्रिवेदी (अध्यक्ष, शिवांजली पारमार्थिक ट्रस्ट) एवं प्रोफ़ेसर डॉ मधु व्यास (कार्यकारी अध्यक्ष मप्र नागर ब्राह्मण महिला परिषद) उपस्थित थे. स्वागत उद्बोधन में समाज के अध्यक्ष केदार रावल ने अतिथियों एवं समाजजनों का अभिनंदन करते हुए कोरोना काल में समाज के विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा की गई सेवाओं एवं सहायता का उल्लेख किया. इसके अतिरिक्त श्रावणी उपाकर्म, फाग महोत्सव, सेमली हाटकेश्वर धाम व लसूड़िया में कुलदेवी मां अन्नपूर्णा के दर्शन की धार्मिक यात्रा, नवदुर्गा उत्सव व अन्नकूट महोत्सव के सफल भव्य आयोजन हेतु समाज जनों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की. मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर राजेंद्र नागर ने अपने उद्बोधन में समाज के प्रतिभा संपन्न युवक युवतियों को उनकी असाधारण उपलब्धि पर बधाई शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जीवन में उपलब्धि प्राप्त करने हेतु संघर्षों एवं चुनौतियों का सामना करना पड़ता हैं. इन्हीं संघर्षों से ही जीवन निखरता है. उन्होंने खेल जगत के दैदीप्यमान सचिन तेंदुलकर का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि तेंडुलकर कक्षा दसवीं की अर्धवार्षिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गए थे, परंतु आज महाराष्ट्र शासन की स्कूल शिक्षा की पुस्तक में उनकी असाधारण उपलब्धियों के कारण एक अध्याय जोड़ा गया है. इसी प्रकार आध्यात्मिक जगत का उदाहरण देते हुए कहा कि श्रीराम के जन्म के पूर्व उस कुल में 38 पीढ़ियों पश्चात श्री राम का जन्म हुआ था तथा श्री राम के संघर्ष ने ही उन्हें अयोध्या के राजकुमार से ’भगवान’ बना दिया. मुख्य अतिथि डॉ रेणुका मेहता ने अपने उद्बोधन में कहा कि नागर समाज जागरुक प्रगतिशील समाज जहां संस्कार व मूल्यों को सर्वोपरि माना जाता है. पालको का यह कर्तव्य है कि वह अपने पाल्य की रूचि अनुसार ही विषय चुनें. उन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ लेने की उपयोगिता बताते हुए बच्चों को जंक फूड, टीवी, मोबाइल आदि गैजेट्स की लत से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पर भी प्रकाश डाला.